ADVERTISEMENT

चालीस की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते उम्र का असर सबसे पहले शरीर के एनर्जी लेवल, त्वचा और बालों पर दिखायी देता है। यही समय है, जब आपको अपनी स्किन टोन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। फेस पैक या क्रीम के साथ ही कुछ ट्रीटमेंट भी बदलने पड़ सकते हैं। अब तक जो क्रीम असर करती थी, जरूरी नहीं कि अब भी वही अच्छे नतीजे दे। अपनी स्किन में आ रहे इन बदलावों को समझें और देखें कि क्या समस्याएं शुरू हो रही हैं। लुक्स ब्यूटी सैलून, लखनऊ की ब्यूटी एक्सपर्ट टीना चक्रवर्ती बता रही हैं अपना ब्यूटी रिजीम कैसे बनाएं।

स्किन पिगमेटेंशन

ADVERTISEMENT

बढ़ती उम्र, प्रदूषण, तनाव, चिंता और धूप की वजह से झाइयां होना अाम बात है। हमारे शरीर में हाइपरएक्टिव मेलानोकाइट्स स्किन सेल्स पिगमेंटेशन और त्वचा के कालेपन के लिए जिम्मेदार होते हैं। बढ़ती उम्र के साथ स्किन सेल्स में धीरे-धीरे बदलाव आने लगता है। वे अच्छी तरह काम करने में सक्षम नहीं हो पाते हैं, जिससे कई बार त्वचा पर सफेद पैचेज नजर आने लगते हैं। कई बार डार्क पिगमेंटेशन भी होती है। खासतौर पर प्री मेनोपॉज यानी 40-45 की उम्र के बीच या पोस्ट मेनोपॉज यानी 45-52 की उम्र के बीच पिगमेंटेशन की समस्या दिखायी देती है।

ड्राई स्किन : हमारी त्वचा में मौजूद तैलीय ग्रंथियों में उम्र बढ़ने पर अॉइल सीक्रेशन कम होने लगता है। इससे मेलानिन सक्रिय होते हैं और पिगमेंटेशन होने लगती है।

ADVERTISEMENT

फेशियल कॉस्मेटिक मेलानोसिस

कई महिलाओं के चेहरे या गले पर ग्रे-ब्राउन पिगमेंटेशन नजर आती है, जो कुछ खास किस्म के कॉस्मेटिक्स का एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है। लंबे समय तक किसी क्रीम के इस्तेमाल से ऐसा संभव है।

Print
ADVERTISEMENT

मेलाज्मा : मेलाज्मा अमूमन हारमोनल असंतुलन से हाेता है। चेहरे, नाक, गाल और माथे पर ग्रे-ब्राउन धब्बे नजर आते हैं। इसे कई बार हाइपोथायरॉइडिज्म और ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स से भी जोड़ कर देखा जाता है। अगर थायरॉइड हो, तो झाइयां गालों पर उभर कर आती हैं। ब्लड में इंसुलिन की मात्रा भी ज्यादा होने से भी गालों में झाइयां पड़ने लगती हैं। इसीलिए जब भी पिगमेंटेशन दिखायी दे, उससे बचने के लिए रोज त्वचा की देखभाल जरूरी है। अगर अब तक कोई समस्या नहीं रही है, तो अपने रूटीन को थोड़ा बदलें।

वनिता टिप : चेहरे को हबर्ल फेस वॉश से साफ करें। केमिकल वाले साबुन से पिगमेंटेशन सक्रिय हो जाती है और स्किन काली पड़ने लगती है।

डे क्रीम का फंडा

Sunscreen bottles arranged on a bright yellow background
Sunscreen bottles arranged on a bright yellow background

कई बार बढ़ती उम्र में त्वचा की सन सेंसेटिविटी बढ़ने लगती है। सूर्य की रोशनी से त्वचा में मेलानिन बढ़ता है, जिससे टैनिंग और पिगमेंटेशन की समस्या होने लगती है। सूर्य की रोशनी के प्रभाव से त्वचा में रैशेज, रूखापन और इचिंग होने लगती है। भले ही आप अकसर घर में रहती हों लेकिन धूप में निकलने से पहले हमेशा एसपीएफ 30 या इससे अधिक वाली सनस्क्रीन या सनब्लॉक इस्तेमाल करें। अपनी त्वचा के अनुरूप किसी अच्छे ब्रांड का मॉइस्चराइजर इस्तेमाल करें।

नाइट क्रीम का असर

बढ़ती उम्र के हिसाब से अपने लिए कौन सी नाइट क्रीम इस्तेमाल करें, यह दुविधा हर महिला को होती है। जाहिर है कि अचानक इस उम्र में त्वचा रूखी व बेजान लगने लगती है। कुछ महिलाओं की स्किन अधिक सेंसेटिव होती है तो उन्हें ज्यादा समस्याएं होती हैं। मार्केट में कई तरह की नाइट क्रीम अौर सीरम उपलब्ध हैं। स्किन लाइटनिंग क्रीम भी बाजार में उपलब्ध हैं। इनमें नियासिनामाइड, अार्बुटिन, मलबरी, लिकोराइस, विटामिन सी या कोजिक एसिड, अल्फा हाइड्रोक्सी एसिड व रेटिनॉल जैसी चीजें होती हैं।

कारगर स्किन ट्रीटमेंट

लेजर ट्रीटमेंट से पिगमेंटेशन का ट्रीटमेंट किया जा सकता है। एजिंग स्पॉट, सन स्पॉट और झाइयों की समस्या में इस ट्रीटमेंट का इस्तेमाल होता है। इसके अलावा स्किन पील अॉफ ट्रीटमेंट भी अच्छे नतीजे देता है।

सनब्लॉक्स और सनस्क्रीन

अगर आपकी सनस्क्रीन में एसपीएफ की मात्रा 15 है, तो त्वचा को 15 गुना ज्यादा सन प्रोटेक्शन मिलता है। वहीं अगर आप सनस्क्रीन का इस्तेमाल किए बगैर तेज धूप में निकलती हैं, तो त्वचा के झुलसने की आशंका 15 गुना तक बढ़ जाती है। इतना ही नहीं, सनस्क्रीन या सनब्लॉक क्रीम का इस्तेमाल नहीं करने पर 20 मिनट के भीतर ही त्वचा झुलस सकती है। लेकिन अगर आप सनस्क्रीन लगा कर घर से बाहर निकलती हैं तो चार से 5 घंटों तक यह क्रीम आपकी स्किन को धूप से प्रोटेक्ट कर सकती है।

सनस्क्रीन और सनब्लॉक : यूवीए किरणें ज्यादा खतरनाक होती हैं क्योंकि ये त्वचा पर लंबे समय तक अपना असर छोड़ती हैं। यूवीबी किरणें सनबर्न और फोटो एजिंग के लिए भी जिम्मेदार होती हैं। सनस्क्रीन यूवीबी किरणों को मामूली रूप से फिल्टर करती है, जबकि सनब्लॉक में जिंक ऑक्साइड होता है, जो यूवीए और यूवीबी, दोनों तरह की किरणों से त्वचा की रक्षा करता है।

ADVERTISEMENT