2000 के नोट की आयी एक्सपाइरी डेट
अगर आपके पास 2000 के गुलाबी नोट हैं, तो आज से किसी बैंक में जा कर जमा कर दीजिए या छोटे नोट से बदलवा लीजिए।भारतीय रिजर्व बैंक ने क्लीन नोट पॉलिसी के अंतर्गत 30 सितंबर 2023 तक 2000 के नोटों को जमा कराने का निर्देश दिया है। फिलहाल ये चलन में भी हैं और कोई दुकानदार इन्हें लेने से मना भी नहीं कर सकता है।नवंबर 2016 को हुए नोटबंदी के बाद 2000 रुपए का नोट चलन में लाया गया था।2018-19 फाइनेंसियल इयर के बाद रिजर्व बैंक ने 2000 के नोट छापने बंद कर दिए थे। कहा जा रहा था कि 2000 के नोट ब्लैक मनी को बाहर निकालने में मदद करेंगे, लेकिन कुछ खास असर नहीं दिखा।अब इन्हें बंद करने के बाद अर्थव्यवस्था में क्या बदलाव आते हैं, यह समय ही बताएगा।फिलहाल आप फिर से लाइन में लग जाइए नोटों को बदलवाने या जमा कराने के लिए। हां, एक बार में आप 2000 के 20 नोट ही बदलवा या जमा करा पाएंगे और इसके लिए किसी पहचान पत्र की जरूरत नहीं होगी।
नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भी गेमिंग जोन खुलेगा
ट्रेन लेट हो रही हो और आप या बच्चे बोर हो रहे हों, तो फिक्र ना करें।आनंद विहार स्टेशन के बाद अब नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भी गेमिंग जोन अगले सप्ताह तक खुलने जा रहा है। दिल्ली के सभी स्टेशनों पर गेमिंग जोन खोलने की योजना है।आनंद विहार में अप्रैल से करीब दर्जनभर गेम चल रहे हैं। आप सफर ना भी कर रहे हों, तो भी बिना प्लेटफॉर्म टिकट के भी गेम का मजा ले सकते हैं, इसके लिए आपको 50 रुपए से ले कर 250 रुपए तक खर्च करने पड़ेंगे।
वुमन पावर की एक और उड़ान
सऊदी अरब की रय्याना बरनावी अंतरिक्ष में जानेवाली अपने देश की पहली महिला बन गयी हैं। रविवार को अमेरिका के कैनेडी स्पेस सेंटर से बरनावी ने रॉयल सऊदी एअरफोर्स के फाइटर पायलट अली अलकर्नी के साथ उड़ान भरी।इनके साथ 2 और अंतरिक्ष यात्री भी हैं। इन्हें स्पेसएक्स के एक्सिओम स्पेस 2 मिशन के तहत भेजा गया है।जमाना बदल रहा है, दुनिया के कोने-कोने से महिलाओं से जुड़ी प्रेरक खबरें सुनने को मिल रही हैं।
बिगड़ते पर्यावरण का बुरा असर अजन्मे बच्चे पर भी
पर्यावरण को ले कर हम अभी ना चेते, तो आनेवाला समय भयावह होनेवाला है।डब्लूएचओ और यूनीसेफ के मुताबिक, 2020 में 20 प्रतिशत नवजात शिशुओं की मौत वायु प्रदूषण से हुई।पर्यावरण का गर्भस्थ शिशुओं पर इतना बुरा असर पड़ रहा है कि वे समय से पहले और कम वजन के पैदा हो रहे हैं। भारत में 2020 में समय से पहले पैदा होनेवाले बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा रही, वहीं दुनियाभर में प्रीमैच्योर बच्चों की संख्या 1.34 करोड़ रही।सिर्फ वायु प्रदूषण ही नहीं, अत्यधिक गरमी, तूफान, बाढ़, सूखा, खाद्य असुरक्षा और पानी या खाने से होनेवाली बीमारियों का असर भी गर्भस्थ शिशु पर पड़ रहा है।
मरने के बाद भी होता है जीवन
ब्रिटेन के किंग्स कॉलेज के एक नए अध्ययन के अनुसार, बुजुर्गों से ज्यादा युवाओं और टीनएजर्स को यकीन है कि मरने के बाद भी जीवन होता है। वहां के 53 प्रतिशत युवा मानते हैं कि मरने के बाद जीवन होता है, जबकि इस बात से मात्र 39 प्रतिशत बुजुर्ग ही इत्तेफाक रखते हैं। इस मजेदार सर्वे में 40 से कम उम्र के 32 प्रतिशत लोग नरक में विश्वास रखते हैं, जबकि 59 से 77 साल के 18 प्रतिशत बुजुर्ग ही नरक को मानते हैं। सर्वे में यह बात साफ हुई कि ब्रिटेन में धार्मिक आस्था में कमी आयी है।वहां 3 में से 1 व्यक्ति धार्मिक है।