Monday 05 June 2023 11:39 AM IST : By Ruby Mohanty

इको फ्रेंडली होम 38 टिप्स

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1 डिस्पोजेबल नहीं रियूजेबल चीजों को अपनाने का फंडा अपनाएं। इसमें दो राय नहीं है कि डिस्पोजेबल क्राॅकरी और चीजों से लाइफ आसान बन जाती है, लेकिन घर से कूड़ा ज्यादा निकलेगा और कूड़ा घर में कूड़े के ढेर जमेंगे। पर्यावरण बचाने के लिए प्लास्टिक के डिस्पोजेबल क्राॅकरी की जगह स्टील के वाॅशेबल बरतन अपनाएं। हाउस हेल्प को ही अतिरिक्त रुपए दे कर बरतन धुलवा सकते हैं।

2मार्केट में बांस और पत्तों से तैयार डिस्पोजेबल प्लेट, कटोरियां आने लगी हैं। अगर बहुत बड़े पैमाने पर खाने की व्यवस्था घर में करनी पड़ रही है, तो नेचुरल क्रॉकरी की व्यवस्था कर सकते हैं।

3 जब भी घर का सामान या सब्जियां लेने जाएं, तो कपड़े की थैलियों का इस्तेमाल करें। इससे पाॅलिथीन इस्तेमाल होने से बच जाएगा और पर्यावरण को बचाने में आपका सहयोग होगा। पैंट, जींस जैसे मोटे कपड़ों से डिवाइडर्सवाले थैले बनवा सकते हैं, इसमें सब्जियां अलग-अलग खांचों में रखने और निकालने में भी आसानी होगी।

4प्लास्टिक रैप और अल्युमिनियम फॉइल की जगह कंटेनर का प्रयोग करें। व्यर्थ के खर्चों के साथ-साथ घर से कूड़ा भी कम निकलेगा और सेहत को भी नुकसान नहीं होगा।

5 ऑफिस या गेट-टूगेदर में पेपर कप और प्लास्टिक की बोतलों की जगह काॅफी मग और पानी का जग इस्तेमाल कर सकते हैं।

6 ऑफिस या वर्कस्टेशन पर कम से कम पेपर प्रिंट निकालें। डिजिटल वर्क को तवज्जो दें। पेपर को रीयूज करने की कोशिश करें। उदाहरण के लिए आप पेपर के एक ही ओर प्रिंट निकालने की जगह दोनों ओर प्रिंट निकालें।

7बल्क में सामान खरीदने की कोशिश करें। यह सस्ता भी पड़ेगा और दोगुना कूड़ा घर से निकलने से बचेगा। बार-बार बाजार जाने का चक्कर भी बचेगा। समय और ऊर्जा की बरबादी भी नहीं होगी।

8 टूटे फर्नीचरों को डिस्पोज करने की जगह उनकी रिपेयरिंग, रीडिजाइनिंग और रीपेंट से नया करने की सोचें। इससे जंगल कम कटेंगे। पर्यावरण को यह आप बड़ा सहयोग होगा।

9 दाल-चावल को स्टोर करने के लिए प्लास्टिक के बरतन और डिब्बों की जगह स्टील कंटेनर्स या मोटे कपड़ों की थैलियां यूज करें। सभी थैलियों में इसमें रखी जानेवाली वस्तुएं जैसे तरह-तरह की दालों के नाम लिखें औेर इनमें नीम व लौंग की पोटलियां रखें, जिससे इनमें कीड़े ना लगें।

10 ओवर पैक सामान खरीदने से बचें। ऑनलाइन जो सामान मंगाते हैं, उसमें भी कई बार ओवर पैकेजिंग होती है। कागज के खोखे के अंदर ढेर से पेपरों के बीच एक छोटा सा सामान होता है। ऐसे में सजेशन बाॅक्स में जा कर ओवर पैकेजिंग को रोकने की सलाह दे सकते हैं।

11 घर के पुराने कपड़ों, खिलौनों और बरतनों को अपने आसपास के एनजीओ से संपर्क करके दे सकते हैं या किसी अनाथालय में डोनेट कर सकते हैं, जिससे खिलौनों का रीयूज हो सके।

12 आजकल सोसाइटी, मोहल्ले और अलग- अलग समुदायों में गैर सरकारी संस्थाएं जरूरतमंदों के लिए सामान, कपड़े और किताबें इकट्ठी करने आती हैं। बिना आलस किए अपनी ओर से उन्हें कंट्रीब्यूशन दें।

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13 पेपर नैपकिंस की जगह कपड़ों से तैयार टेबल नैपकिन यूज करें। टिशू की जगह छोटे रुमाल या तौलिए का इस्तेमाल करें। बहुत जरूरत पड़ने पर ही टिशू का प्रयोग करें।

14 रोटियां सेंकने के बाद किचन टिशू या अल्युमिनियम फाॅइल में लपेटने की जगह चपाती बाॅक्स में सूती के मुलायम कपड़ों का प्रयोग करें।

15 बहुत छोटे बच्चों के लिए भी डायपर की जगह पुराने मुलायम सूती कपड़ों से तैयार नैपीज का इस्तेमाल भी उनके स्वास्थ्य और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए अच्छा है।

16 कागज और कागज के लिफाफों का इस्तेमाल कम से कम हो, इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक मेल बेहतर विकल्प है। वैसे कभीकभार खत लिखने की बात अलग है।

17 पेपर टाॅवल से सब्जियां को लपेट कर रखते हैं, जिससे नमी सोख कर उनमें ताजगी बनी हती है, इसकी जगह आप मुलायम सूती थैलियों का उपयोग कर सकती हैं।

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18 आजकल भोज या पंगत में बैठ कर खाने की प्रथा भले ही ना हो, पर कभीकभार अपनों के साथ बैठ कर या फैमिली पार्टीज या गेट-टूगेदर में केले के पत्ते, पत्तल के दोनों में खाने का मजा ही कुछ है। विशेष अवसरों पर परिवार के साथ पंगत में बैठ कर खाएं। पर्यावरण और परिवार दोनों के लिए यह बहुत अच्छा है।

19 पेपर फाइल कम से कम इस्तेमाल हो, इसके लिए सिर्फ एक ही सेंट्रल फाइल बनाएं, जिसमें बहुत जरूरी कागजात ही रखें। फाइलों का अंबार लगाने से याद रखना भी मुश्किल होता है, साथ ही यह पर्यावरण के लिए सुरक्षित नहीं है।

20 पुराने खादी के कुरतों से टेबल नैपकिंस और टेबल रनर बना सकते हैं। इसे चाहें, तो पुरानी साड़ी की जरी बॉर्डर काे भी लगा कर आकर्षक बना सकते हैं।

21 लंबे समय तक चलनेवाले प्रोडक्ट्स ही खरीदें, ताकि उनकी गारंटी और वाॅरंटी मिले। लंबे समय तक चलनेवाले सामान से बचत के अलावा उनके खराब होने और फिर से कूड़े का ढेर लगने से बचेगा। आप लैंडफिल की बड़ी समस्या को सुलझाने में अपना प्रत्यक्ष योगदान देंगे।

22 ऐसे कपड़ों की खरीदारी खरीदें, जिसमें ड्राईक्लीन की जरूरत ना हो, घर में धुलें, जिससे खर्चा बचेगा, साथ ही ड्राईक्लीन में पेट्रोल की खपत ना होने से पर्यावरण भी बचेगा।

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23 बड़ी प्लास्टिक सोडा बोतल को फेंकने की जगह उसमें प्लांट लगाने की व्यवस्था हो सकती है। छोटे कैन, चौड़े मुंहवाले बोतलों के ढक्कन काट कर अच्छी तरह से डेकोरेट कर उनसे मेकअप ब्रश या पेन स्टैंड भी बनाया जा सकता है।

24 पुराने अखबारों को कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है। जैसे फूड स्टोर करने के लिए, शीशे साफ करने के लिए, कार के फुट रेस्ट पर, अलमारियों और जूतों के स्टैंड के लिए। सूखी मिर्च को अखबार में लपेट कर डिब्बे में रखें। इनमें फंगस नहीं लगेगा। खाने के डिब्बों में अखबार को मोड़ कर रातभर के लिए रख दें, तो इसमें से खाने की महक चली जाएगी।

25 कई बार हम फैशन एक्सेसरीज जरूरत से ज्यादा इकट्ठी कर लेते हैं। पड़े-पड़े वे पुराने हो जाते हैं। उतना ही एक्सेसरीज खरीदें, जितना ड्रेसेस के साथ कैरी करना सही हो।

26 गिफ्ट पेपर रैप की जगह अपनों को गिफ्ट में कलरफुल क्लाॅथ बैग दें, जो आगे काम भी आएगा और पेपर का प्रयोग भी कम होगा, जिससे पेड़ कम कटेंगे।

27 हमेशा अपनी इलेक्ट्राॅनिक चीजें जैसे कंप्यूटर और मोबाइल को अपडेट करें। समय से पहले ई-वेस्ट नहीं होगा। घर से निकलनेवाले इलेक्ट्राॅनिक वेस्ट को सही जगह ठिकाने लगाएं। छोटे मोबाइल किसी जरूरतमंद को दें। इन्हें कूड़े में फेंकने से बचें।

28 घर में बिजली की कम खपतवाले इलेक्ट्राॅनिक गैजेट खरीदें। इसके अलावा सोलर लाइट और लैंप भी उपयोगी हैं। अगर घर की छत पर अचार-पापड़ बना कर सुखाने की सुविधा है, तो एक जगह सोलर कुकर के लिए भी मुकर्रर करें। समय, ऊर्जा, पैसों की सेविंग होगी और पर्यावरण सुरक्षित रहेगा।

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29 चीजों के रीयूज करने की ओर अपना रुझान बढ़ाएं। एक्सपायरी मल्टीविटामिन, विटामिन और कैल्शियम की गोलियों को फेंकने की जगह ज्यादा पानी में घोल कर पौधे में डालें। घरेलू खाद बनाएं। सब्जी और दाल-चावल धोए पानी को पौधे के लिए रीयूज करें। पौधे हरेभरे होंगे और पानी की बचत भी होगी।

30 पुराने चकले को फेंकें नहीं, उस पर जूट की सुतली लपेट कर साइड में कौड़ियां लगा कर सेंटल टेबल के बीच में रखें और उस पर छोटा सा कलरफुल गमला रखें।

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31 घर में एसी का कम इस्तेमाल करने के लिए खस की चिक का इस्तेमाल करें और घर में पेड़-पौधे लगाएं, जिससे ठंडक और नमी बनी रहेगी।

32 मल्टी टास्टिंग मेकअप अपनाएं। जैसे एक लिप कलर से ब्लश ऑन या आई शैडो का भी प्रयोग कर सकती हैं। बेवजह मेकअप प्रोडक्ट का जमावड़ा ना रखें। मेकअप के एक्सपायर होने की आशंका रहेगी और आपको उन्हें फेंकने का अफसोस भी रहेगा।

33सिंथेटिक रग्स और कारपेट की जगह पुआल और सींक की चटाई घर काे ठंडा रखती हैं। रंगबिरंगे कपड़ों के बॉर्डर या पुरानी साड़ी के कलरफुल बॉर्डर लगा सकते हैं। ये चटाइयां मेलों या पटरी बाजारों में आसानी से मिल जाती हैं। खूबसूरत कॉटन रग्स कमरे की शोभा बढ़ाते हैं और घर को ठंडा भी रखते हैं।

34 पुराने मटके, पुरानी बाल्टियां और मग, चौड़े मुंहवाले बोतलों को काट कर या छेद करके पौधे उगाने के अलावा पुरानी कड़ाही, पतीलों पर भी पेंट करके कोकोपीट मिली मिट्टी से गमले तैयार सकते हैं। कोकोपीट खरीदने की जगह नारियल की जटा को चूरा बना कर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। फिर इसे नायलोन के जूने की जगह प्रयोग कर सकते हैं।

35 खिड़कियों पर पुरानी हल्के रंग की साड़ियों से बने छोटे स्क्रीन कर्टन लगाएं, उसके ऊपर से मोटे परदे या चिक लगाएं। कमरा ठंडा रहेगा।

36 सिंथेटिक फाइबर कारपेट की जगह दरी या चटाई बिछाएं। घर ठंडा रहेगा। आजकल पुराने कपड़े दे कर दरियां, फुटमेट भी तैयार किए जाते हैं। इसमें घर में नमी बनी रहेगी और कमरे को एथनिक लुक मिलेगा।

37 घर में रूम स्प्रे करने की जगह अरोमा ऑइल, कपूर, लोबान जैसे चीजों इस्तेमाल करें। ये सिंथेटिक रूम फ्रेशनर से ज्यादा असरदार और बेहतर विकल्प हैं।

38 पुराने शैंपू या बाॅडी वाॅश से रेशमी व मलमल के कपड़े धोएं, ये उपयोगी साबित होंगे। पुराने तकिए कवर से साड़ी कवर बना सकते हैं।