Wednesday 04 August 2021 04:05 PM IST : By Nisha Sinha

क्या आपको भी लोग कहते हैं जोरू का गुलाम

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कुछ दिन पहले एक वीडियो काफी सुर्खियों में आ गया, जब लॉकडाउन के दौरान बिना मास्क लगाए एक कपल की कार पुलिस ने रोक ली। गिरफ्तारी के बाद जब पति से पूछा गया कि उसने मास्क क्यों नहीं लगाया, तो उसका जवाब था, मैं तो पहन रहा था, पर पत्नी ने पहनने नहीं दिया। ऐसे कुछ वाकयों में यह पाया गया है कि कुछ पुरुष बिना सोचे-समझे पत्नी की हर बात में हामी भर देते हैं। कभी-कभी वे खुद इसका खामियाजा भुगतते हैं, तो कभी उनके परिवार को भुगतना पड़ता है। ऐसे में क्या उनकी अप्रोच सही है। कई बार यह भी देखा गया है कि उदारवादी सोच रखनेवाले पुरुष को समाज पत्नी का गुलाम मानता है। पुरुष प्रधान समाज को ऐसे पुरुष हजम नहीं होते,
जो पत्नी के अधिकारों की वकालत करते हैं। आइए जानें कि सही मायनों पत्नी की बातों पर हामी भरना कब सही है और कब गलत -

अपनी नाकामियों को नजरअंदाज करने के लिए

हमारे समाज में पुरुषों के ऊपर ही घर का भार होता है। बेरोजगार लड़कों की घर में नहीं चलती। ऐसे में घर का दूसरा सदस्य पति पर हावी होता है, तो पुरुष अपनी कमी को छिपाने के लिए पत्नी का सहारा लेने से नहीं हिचकते हैं और पत्नी की गलत बातों में भी हां में हां मिला देते हैं। सबसे दुखद बात यह है कि कई बार पत्नी की बातों में आ कर वे अपने बुजुर्ग माता-पिता को भी इग्रोर कर देते हैं।

सुझाव: आप किसी भी स्थिति में हों, अपने पेरेंट्स को हमेशा तवज्जो दें। जिस तरह से आपके अभिभावक ने आपके बचपन को सिक्योर रखा है, उसी तरह आपका भी फर्ज बनता है कि आप उनके हक के लिए बोलने से हिचकिचाएं नहीं। निकम्मा कहलाने के ताने से नहीं डरें। इस बात का भी ध्यान रखें कि पिता अपने बच्चों के लिए रोल मॉडल होते हैं, ऐसे में आपके बच्चों पर आपके मुंह चुराने का बुरा असर पड़ेगा।

आकर्षण के वश में

कुछ पुरुष पत्नी के आकर्षण में इतने मदहोश होते हैं कि उन्हें दूसरा कोई नजर ही नहीं आता। सही मायनों में ऐसे पुरुषों को ही जोरू का गुलाम कहा जाता है। ये हमेशा अपनी पत्नी के आसपास ही मंडराते रहते हैं।

सुझाव: पत्नी की तारीफ करें, इससे हसबैंड और वाइफ के रिश्ते और भी मजबूत होते हैं। लेकिन जिस तरह से पत्नी की तारीफ करते हैं, उसी तरह उसकी कमियों को भी उजागर करें। उसे यह अहसास कराएं कि आपसे कोई बात छिपी नहीं। चाहे पत्नी की अत्यधिक खरीदारी करने की आदत हो, सहेलियों के साथ लंबी बातचीत के चक्कर में बच्चों को इग्रोर करना हो या घरेलू कामों को करते समय सिर दर्द का बहाना बनाना।

पावर का असर भी बोलता है

कुछ घरों में पुरुषों की तुलना में स्त्रियां घर और बाहर दोनों जगहों पर एक्टिव होती हैं। जॉब करके परिवार को फाइनेंशियली सपोर्ट भी करती हैं। बच्चों की फीस जमा करनी हो या फिर ननद की शादी के लिए रिश्ता ढूंढ़ना, हर मामले में वे आगे होती हैं। इनकी घर में खूब तूती बोलती है। घर के बड़े मामलों में इनकी राय जरूर ली जाती है। इस कारण कई बार पति को इनकी बेमानी हरकतों पर मन मार कर चुप्पी साधनी पड़ती है।

सुझाव: पति परिवार को आर्थिक रूप से मदद नहीं कर पा रहे हैं, तो उन्हें घर से जुड़े कामों को सक्रियता के साथ करना चाहिए। इससे उनका आत्मसम्मान बना रहेगा। पर्सनल लाइफ में पत्नी की हर बात पर भले ही सिर झुकाएं, लेकिन जब बात परिवार के दूसरे सदस्यों की हो, तो सही के पक्ष में खड़ा होना चाहिए।

बेवजह का नामकरण

कुछ पुरुष अपने उदारवादी सोच के कारण पत्नी की हां में हां मिलाने वाले मान लिए जाते हैं। दरअसल वे अपनी पत्नी को साथी समझते हैं और इस बात में यकीन करते हैं कि स्त्रियां हर मामले में पुरुषों की तरह ही समान अधिकार रखती हैं। ऐसे पति जरूरत पड़ने पर पत्नी के हक के लिए खड़े होते हैं।

सुझाव: हो सकता है लोग आपको पत्नी की हां में हां मिलाने वाला कहें या सोचें, आप इसे इग्रोर करें और सच्चे जीवनसाथी होने का परिचय दें। कौन आपको क्या कहता है, इसे अपने खयालों से दूर रखें।

बेकार की बहस में पड़ने से बचने के लिए

कुछ पुरुष अपने काम में बहुत व्यस्त होने के कारण घरेलू बहस में उलझने से बचते हैं। कई बार अपनी पत्नी की गलतियों को समझते हुए भी चुप रहते हैं। इनके इरादे गलत नहीं होते, ना ही ये अपनी पत्नी को बढ़ावा देना चाहते हैं। लेकिन शहर से बाहर नौकरी करने के कारण, बिजनेस में दिन-रात उलझे रहने के कारण, ऊंचे पदों पर अपनी व्यस्तता के कारण भी पत्नी की हां में हां मिलाना उनकी लाचारी बन जाती है।

सुझाव: बेशक अतिव्यस्तता यह साबित करती है कि आप काम को सही समय पर खत्म करने को अपना कर्तव्य समझते हैं, लेकिन पत्नी की गलतियों को नजरअंदाज करके घर के दूसरे सदस्यों के प्रति अपने कर्तव्यों से लापरवाही करना गलत है। सप्ताह के एक दिन या हर महीने के कुछ दिन परिवार के सभी लोगों से बात करें या फिर परिवार के सदस्यों के साथ मैसेज से संपर्क में रहें। इसके बाद ही निर्णय लें। पत्नी की हर बात को आंखें मूंद कर सुनना आपको अपने परिवार से दूर कर सकता है।