Wednesday 07 June 2023 03:38 PM IST : By Ruby Mohanty

मन की उलझनों और तनाव का सेक्स लाइफ पर असर

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सेक्स के दौरान मस्तिष्क में ‘फील गुड’ हारमोन्स जैसे डोपामाइन और ऑक्सीटोसिन रिलीज होते हैं, जो अस्थायी तौर पर मानसिक स्वास्थ को संतुतिल बनाए रखने में मदद करते हैं। इससे मूड अच्छा रहता है। रिश्ताें में नजदीिकयां बढ़ती हैं और एक-दूसरे से मन के तार भी जुड़ते हैं। लेकिन चिंता, तनाव और डिप्रेशन शरीर की उत्तेजना काे कई तरह से प्रभावित करते हैं। ये मन को चिड़चिड़ा बनाए रखते हैं और लगातार ऐसे हालात में रहने से व्यक्तित्व भी प्रभावित होने लगता है। वैसे इस समस्या को दूर करने के लिए कुछ दवाइयां हैं, जो दिमाग को रिलैक्स करती हैं और सेक्स को सहज बनाने में मदद करती हैं। पर जब तक दवाओं का असर रहेगा, तभी तक आराम रहेगा। एक्सपर्ट मानते हैं कि अच्छी से अच्छी दवाएं भी डिप्रेशन के साथ सेक्स का तालमेल बैठा पाने में सक्षम नहीं हैं। ये दवाएं किसी के भीतर आत्मविश्वास नहीं जगातीं, बल्कि दिल के किसी कोने में यह टीस उठती रहती है, दवाओं का सहारा आखिर कब तक? दिल्ली के क्लीनिक हैप्पी ट्री के मनोचिकित्सक डॉ. अनुनीत सबरवाल कहते हैं कि चिंता, उदासी औरर अवसाद से सेक्स पर पड़नेवाले नेगेिटव असर और उसे दूर करने के लिए दंपती को खास उपाय करने चाहिए।

एक-दूसरे से बेरूखी

उदासी में तन-मन ही नहीं, बल्कि सेक्सुअल लाइफ भी बुरी तरह प्रभावित होती है। हमारी सेक्स ड्राइव का हमारे मन से गहरा ताल्लुक है। अगर हमारा मन खुश है, तो साथी की ओर हमारा ध्यान जाता है। लेकिन मन दुखी होता है, तो हम ना अपनी तरफ और ना ही अपने साथी की ओर देखते हैं। सेक्स की ओर ध्यान जाना तो बहुत दूर की बात है। अवसाद के दिनाें में सेक्स के तरफ रुख ना करें, तो बेहतर है। कुछ समय के लिए उदासी हो, तो उसे कई तरह के मनोरंजन से सुलझा सकते हैं। लेकिन डिप्रेशन अगर 6 महीने से ज्यादा हो जाए, तो यह मेंटल डिस्ऑर्डर की शक्ल ले लेता है। मेंटल डिस्ऑर्डर का सेक्सुअल लाइफ पर बुरा असर पड़ता है।

घोर उदासी और तनाव से हमारे दिमाग में आयी हल्की सूजन हमें दिखायी नहीं देती और ना महसूस होती है। हमारा रोने का मन करता है। बात-बात में आंसू निकलते हैं। सुस्ती महसूस होती और आंखें मूंदे रहने का मन करता है। दिमाग की नसों में सूजन की वजह से केमिकल बैलेंस बनता है। सेक्स के प्रति शरीर में ना तो कोई उत्तेजना होती है ना ही कोई सिहरन। लेकिन फिर भी दंपती सेक्स को तनाव दूर करने का जरिया मान कर जबर्दस्ती इसमें इंवॉल्व होने की कोशिश करते हैं, तो भी शरीर पर उत्तेजना का असर नहीं होता।

सेक्स पर असर

पुरुष अगर तनाव में है और वह उस दौरान सेक्स में पहल करने की कोशिश करता है, तो उसे इरेक्शन की समस्या हो सकती है। उसके पेिनस में ब्लड सर्कुलेशन व उत्तेजना कम होती है। इरेक्शन नहीं होता और सेक्सुअल परफॉर्मेंस खराब होती। दूसरी ओर, महिलाओं में स्ट्रेस के दौरान वेजाइनल लुिब्रकेशन में कमी आ जाती है। प्राइवेट ऑर्गेंन्स में रक्त प्रवाह ठीक से नहीं हो पाता। नतीजा, लंबे समय तक उदासी में रहने पर हारमोन्स में असंतुलन, अनियमित पीरियड्स, पेनफुल सेक्स और वेजाइनल ड्राइनेस की भी समस्या हो जाती है।

तरह-तरह के इलाज

डिप्रेशन का इलाज दो तरह से होता है। माहौल बदल लें या फिर परिस्थिति के प्रति जो ‘रिएक्शन’ है, उसे बदल लें। अगर आप माहौल बदल नहीं सकते, रिएक्शन बदलना आपके हाथ में होता है। अपनी सोच पर बदलाव के लिए काउंसलर से मदद लें। डिप्रेशन का इलाज 3 तरीके से होता है। काउंसलर, दवाइयों और ब्रेन स्टिम्युलेशन । आजकल ऐसे नए-नए तरीके आ गए हैं, जिनमें दवाइयों की जरूरत नहीं होती। डाइरेक्ट करेंट स्टिम्युलेशन के तहत डाइरेक्ट ब्रेन को स्टिम्युलेशन किया जाता है। इसमें डॉक्टर कोशिश करते हैं कि जो व्यक्ति तनाव और डिप्रेशन से गुजर रहा है, उसकी मदद हो सके। कुछ बातें ऐसी हैं, जो आप घर में कर सकते हैं।

- कम से कम 1/2 घंटे के लिए कार्डियो एक्सरसाइज जैस एरोबिक्स करें। इसमें दिल की धड़कन बढ़ जाती हैं। दिमाग रिलैक्स हो जाता है। यह एंटी डिप्रेशन दवाओं की तुलना में बेहतर है।

- फल-सब्जियों से एंटी ऑक्सिडेंट होते हैं, जो डिप्रेशन के दौरान दिमाग की सूजन में आराम पहुंचाते हैं।

- मेडीटेशन, सभी के लिए नहीं होता है। हर एक की प्रवृित अलग होती है, इसीलिए सभी को इसकी सलाह नहीं दी जाती हैं। अगर किसी से मेडीटेशन सहजता के साथ नहीं हो रहा है, तो जबर्दस्ती ना करें।

- डिप्रेशन से दूर होने के लिए सबसे पहले लाइफ स्टाइल बदलें। कम से कम 8 घंटे की अपनी नींद पूरी करें।

- जिन लोगों की ईश्वर में अास्था है, वे पूजा में मन लगा सकते हैं। पॉजिटिव परिवेश में रहें। उसके बाद भी अगर समस्या का समाधान ना हो पाए , तब मनोचिकित्सक से मिलें, उनकी काउंसलिंग मददगार साबित होगी।


खुशबू अरोमा की और असर सेक्स लाइफ पर

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कुछ सेलेक्टिव अरोमा ऑइल पूरे परिवेश को हल्का और खुशनुमा बना देते हैं। घर में नहाने के पानी में अरोमा की बूंदे डाल कर ट्राई कर सकते हैं-

हाइपरटेंशन और स्ट्रेस- 1 बूंद लैवेंडर ऑइल और 1 बूंद जेरेनियम या नेरैली ऑइल दोनों को मिला कर इस्तेमाल करें।

लो बीपी और ड्रिप्रेशन - 2 बूंदें ऑरेंज ऑइल, 1 बूंद जूनीपर बेरी या 1 बूंद बर्गामोट ऑइल को मिक्स करके प्रयोग करें।

थके और उदास शरीर को रिलैक्स करने के लिए - 1 बूंद रोजमेरी ऑइल और 1 बूंद थाइम ऑइल नहाने के पानी में डाल कर नहाएं।

तन-मन में उत्तेजना जगाने के लिए - जैसमिन, नेरौली, जेरेनियम और यांग-यांग ऑइल की एक-एक बूंद डाल कर रूम स्प्रे बनाएं या डिफ्यूजर में इस्तेमाल करें। मसाज ऑइल में इसे मिला कर  बॉडी मसाज की जा सकती है।

योग से रिलैक्स

मेंटली और इमोशनली तौर पर पूरी तरह से थके और डिप्रेशन से घिरे रहने पर दंपती मुश्किल से अपनी सेक्स लाइफ एंजॉय कर पाते हैं। कोई भी ऐसी अलटर्नेट थैरेपी अपनाएं जिससे मानसिक थकान, चिंता, दिमाग की नसों की सूजन को राहत और शरीर में एनर्जी महसूस हो सके। कुछ खास आसन इस परेशानी से आपको दूर रख सकते हैं। यह अलटर्नेट थैरेपी शरीर के लिए सबसे पावरफुल हीलिंग आर्ट है, जो तन मन को संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। कुछ स्पेशल आसन जैसे सेतुबंध आसन, गरूड़ासन, तितली आसन और प्राणायाम को अपनी रूटीन एक्सरसाइज में शामिल करें। योग करने के 1 घंटे बाद 2 बड़े चम्मच आंवले का रस 1 गिलास पानी में मिला कर पिएं। एलोवेरा रस भी आंवले के रस की जगह इस्तेमाल किया जा सकता है।