Tuesday 14 June 2022 02:16 PM IST : By Ruby Mohanty

ये 5 गलतियां कपल्स कभी ना करें

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वैवाहिक संबंध एंजॉय करने के लिए कुछ बातें गांठ बांध लें, तो मन को ठेस कम लगेगी और संबंध खुशहाल रहेंगे। जानिए, दिल्ली की मैरिज काउंसलर अनूजा त्रेहन कपूर की राय-

झगड़े और बहस

पिछली कोई भी परेशानी की किताब खोल कर उसके पन्ने पलटते हुए एक-दूसरे को तानों से घायल करते रहने से कहीं बेहतर है कि वर्तमान पर फोकस करें। क्योंकि वह पुरानी समस्या तो समय पर सुलझ गयी होगी, उसको याद करते हुए झगड़ा और झगड़े से अपना वर्तमान खराब करने की जरूरत नहीं है। बहस चाहे कैसी भी हो, पर लगातार होने पर रिश्ते का चेहरा विकृत होने लगता है। ज्यादातर झगड़े का विषय पैसा, बच्चे और घर के कामों में दोनों की बराबर की जिम्मेदारी ना होना है। धीरे-धीरे ये झगड़े दोनों के बीच इतने रच-बस जाते हैं कि रूमानियत नदारद होने लगती है। इस बात का अहसास कपल को काफी समय बाद होता है।

ना तो मी टाइम और ना वी टाइम 

ज्यादा व्यस्तता की वजह से एक-दूसरे को समय नहीं दे पाना, ना ही अपने लिए समय निकाल पाना, दोनों ही सूरतों में वैवाहिक सुख पर नकारात्मक असर पड़ता है। अपनी सेहत और अपनी बॉडी से प्यार करने का असर हेल्दी सेक्स लाइफ पर पड़ता है। पर विवाह के बाद महिलाओं की लाइफ में कई बदलाव आते हैं। कब उनका शरीर बेडौल और सेक्सुअल परफॉर्मेंस में कॉन्फिडेंस लेवल जीरो होने लगता है, उन्हें पता ही नहीं चलता। आंखें तब खुलती हैं, जब पार्टनर का आकर्षण किसी दूसरी स्त्री की ओर होने लगता है। यही बात पुरुष के साथ भी हो सकती है। वैवाहिक सुख और एक-दूसरे के प्रति आकर्षण बनाए रखने के लिए अपने ऊपर हमेशा ध्यान देने की जरूरत है। 

सेक्सुअल इंटीमेसी पर बात ना करनाः सेक्सुअल लाइफ वैवाहिक जीवन का आधार है, पर जैसे-जैसे वैवाहिक रिश्ते की उम्र बढ़ती है, पति-पत्नी को अपना रिश्ता पुराना, बासी और उबाऊ महसूस होने लगता है। इसकी मुख्य वजह है सेक्स को ले कर एक-दूसरे की पसंद-नापसंद, इच्छा-अनिच्छा, कल्पना पर बात ना करना। इसके अलावा कोई भी खूबसूरत पहल करें, जैसे घर में आने के बाद या कहीं जाने से पहले एक-दूसरे को किस करना, वॉक पर कभीकभार हाथ पकड़ कर चलना। लंबे और थकान भरे दिन के बाद एक-दूसरे को प्यार की कशिश भरी झप्पी डालना। इतना ही नहीं, रिश्ते में रोमांस बरकरार रखने के लिए मिनी हनीमून या डेट प्लान ना कर पाने की गलती भी अकसर दंपती करते हैं। 

किसी तीसरे का दखल 

क्या पहनें, क्या खाएं, कहां घूमें, आपसी मनमुटाव, छोटी-मोटी नाराजगियों पर पति-पत्नी की अपनी राय होती है, क्योंकि यह उनका बहुत ही पर्सनल मैटर होता है, पर उन दोनों के बीच इन लॉज, दोस्त और सहेलियां दखल देने लगें, तो रिश्ता सुलझने की जगह उलझने लगता है। कई बार यह उलझन इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि दोनों चाह कर भी एक-दूसरे के करीब नहीं आ पाते। कोई तीसरा उनके रिश्ते को तोड़ने-मरोड़ने लगता है और रिश्ते में अलगाव का यू टर्न आ जाता है, जिसमें पति-पत्नी दोनों एक-दूसरे के दुशमन की तरह खड़े रहते हैं। अच्छा होगा कि दंपती अपनी नाराजगियों के इर्दगिर्द भी लक्षमण रेखा बनाएं और अपनी परेशानी खुद सुलझाएं। 

एक-दूसरे से ज्यादा उम्मीदें 

एक-दूसरे को नीचा दिखाने, एक-दूसरे से कॉम्पिटीशन की भावना रखने की गलती पति-पत्नी कर बैठते हैं, जो अंततः एक-दूसरे से दूर कर देती है। यह कभी ना भूलें कि दंपती एक ही टीम के मेंबर हैं। दोनों की अलग-अलग टीम नहीं है। इसीलिए कॉम्पिटीशन का सवाल नहीं उठता। एक-दूसरे से ज्यादा उम्मीदें रखना और उनके पूरा ना हो पाने पर उदास हो जाना आम गलती है। बेहतर है कुछ हद तक ही उम्मीद रखी जाए।