Monday 16 August 2021 05:05 PM IST : By Team Vanita

कहीं आप भी बॉडी ओडर के शिकार तो नहीं

body-odor

केप्री और शॉर्ट टॉप पहनने के दिन भले ही हैं, पर खुले अंग महकने भी तो चाहिए। सबसे पहले हम बात करेंगे मुंह की। आजकल ओरल हाइजीन के लिए टूथब्रश, पेस्‍ट, फ्लॉसिंग और भी बहुत से प्रोडक्‍ट्स हैं, पर इन्हें इस्तेमाल करना क्‍यों जरूरी हैं, यह भी जानें।

मुंह बंद ही रखें 

इससे पहले कि आपके बोलते ही लोग नाक बंद करने लगें, बेहतर होगा कि सांसों से आती बदबू का इलाज करा लें। मुंह से आने वाली बदबू को हैलिटोसिस कहते हैं। यह कई कारणों से हो सकती है, जैसे मुंह की सफाई का ध्‍यान ना रखा जाना, तनाव, खाने-पीने की आदतें, गलत समय पर लहसुन या प्‍याज खाना। लहसुन व प्‍याज में तीखे नेचुरल ऑइल होते हैं, जिससे मुंह से दुर्गंध आती है। कई बार मसूढ़ों में सड़न या मधुमेह के कारण भी मुंह से बदबू आ सकती है। अगर बहुत समय तक खाली पेट रहा जाए, तो भी मुंह से दुर्गंध आने लगती है,इसीलिए कुछ समय में छोटे-छोटे स्‍नैक्‍स लेते रहें। आजकल हर्बल माउथवॉश आते हैं, दिन में कम से कम दो बार इसे ट्राई कर सकती हैं। लेकिन इससे पहले ब्रश भी करना ना भूलें।

तन की गंध

शरीर से आती दमघोंटू बदबू को ब्रोमिड्रोसिस कहते हैं। लेकिन सबसे पहले शरीर से आती बदबू से जुड़े इस मिथ को मन से निकालना होगा कि जिन लोगों को बेहद पसीना आता है, उनके शरीर से ज्‍यादा बदबू आती है। ऐसा नहीं है। पसीने की अपनी कोई बदबू नहीं होती। लेकिन ज्‍यादा समय तक शरीर पर पसीना रहे, तो त्‍वचा पर मौजूद बैक्‍टीरिया उसमें मिल कर दुर्गंध पैदा करता है। यह बगल और गुप्‍तांगों पर ज्‍यादा असर करता है, क्‍योंकि इन हिस्‍सों से पसीना इतनी जल्‍दी नहीं उड़ता है और इन हिस्‍सों पर मौजूद ग्रंथियों में प्रोटीन और फैट्स होते हैं, जो बदबू उत्‍पन्‍न करते हैं। शरीर के अन्‍य अंगों पर आने वाला पसीना बिना बदबू वाला नमक का पानी होता है। आप क्‍या खा रहे हैं इसके कारण भी शरीर से दुर्गंध आती है। जैसे लहसुन, प्‍याज व मसालों में कुछ ऐसे रसायन होते हैं, जो त्‍वचा से स्रावित होते हैं, जिससे शरीर से बदबू आती है।

क्‍या करेंः मौसम चाहे कैसा भी क्‍यों ना हो, रोज नहाने की आदत डालें। एंटी पर्सपिरेंट का इस्‍तेमाल करें। इसे लगाने से पसीना नहीं आएगा। डियोडरेंट का इस्‍तेमाल करें, जिससे बैक्‍टीरिया मर जाएंगे। इन्‍हें लगाने से पसीना नहीं आएगा। इन्‍हें लगाने से पहले अपनी त्‍वचा पर टेस्‍ट करके देख लें कि ये आपकी त्‍वचा पर सूट करते भी हैं या नहीं। वैसे एक छोटी स्प्रे बोतल में नीबू का रस और एक छोटी बोतल में पानी मिले नीम का रस रखें। सुबह नहाने के बाद बगल में नीबू का स्प्रे और शाम को नहाते समय नीम मिले पानी का स्प्रे करें और 15 मिनट के बाद धो लें। कुछ ही समय में बगल की बदबू में सुधार अाएगा। इसके अलावा धुले हुए और पूरी तरह सूखे व साफ कपड़े ही पहनें, क्‍योंकि हल्‍के गीले कपड़ों में बैक्‍टीरिया पैदा होते हैं, जिससे शरीर में बदबू की परेशानी हो सकती है। जरूरी है कि कपड़ों को टांग कर सुखाया जाए। अगर मशीन में धो रही हैं, तो पूरी तरह टंबल ड्राई किया जाए। कई बार जल्‍दी में लोग अंडरगारमेंट्स भी हल्‍के गीले पहन लेते हैं। ऐसा ना करें। इससे बहुत बदबू आती है। 

पैरों से आती बदबू 

बहुत लोगों के पैरों से बेइंतहा बदबू आती है। ऐसा नहीं है कि वे इस बात से अनजान होते हैं। उन्‍हें इससे बचने के लिए क्‍या करना चाहिए, यह बात नहीं मालूम होती। पैरों में 2 मिलियन स्‍वेद ग्रंथियां होती हैं। जरा सोचिए, ये सब मिल कर जब घंटों बंद पैरों में पसीना उत्‍पन्‍न करेंगी, तो क्या हाल होगा। बंद पैरों में पसीना आने पर बैक्‍टीरिया वहां बहुत आसानी से पनपता है। इस बैक्‍टीरिया को ब्रेवी बैक्‍टीरिया कहते हैं। ऐसे में पैरों से आती बदबू से जी मिचला जाता है। पर पैरों की साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें, तो इस परेशानी से दूर रह सकते हैं। 

क्‍या करेंः पैरों से बदबू आ रही है, इस बात का खुद ही पता चल जाता है। अपने पैरों को हमेशा साफ रखें। हर रोज धुले मोजे पहनें। गरमियों में पैरों की उंगलियों के बीच पाउडर छिड़क कर मोजे पहनें। पैरों में एंटीपर्सपिरेंट लगाने में हर्ज नहीं है। जूते-मोजे उतारने के बाद पांवों को धो लें। नायलॉन के मोजे पहनने के बजाय सूती मोजे पहनें। जूतों को हमेशा खुली जगह पर रखें, जिससे उसमें हवा लगती रहे। जूते पहनने से पहले उनमें एंटी फंगल स्‍प्रे भी किया जा सकता है। कई बार फंगल इन्फेक्‍शन होने से भी पैरों से बदबू आने के साथ-साथ खुजली भी होती है और पैरों में रूखापन भी आता है। गरमियों में वैसे सैंडल ही पहनें, जिससे पैरों पर हवा लगती रहेगी और पसीना की परेशानी से बचे रहेंगे। इन्फेक्‍शन होने से बेहतर है कि डॉक्‍टर की सलाह लें।