Friday 01 September 2023 03:09 PM IST : By Team Vanita

खिड़कियों पर सजाएं सक्कुलेंट प्लांट

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इंडोर प्लांट्स लगाने के शौकीन हैं, तो सक्कुलेंट्स प्लांट्स लगा कर शौक पूरा कर सकते हैं। ये घर के अंदर सुंदर हरियाली छटा बिखेरेंगे। छोटे-छोटे पॉट्स में लगी नन्ही पत्तियों वाले इन पौधों को देख कर मेहमान चौंके बिना नहीं रह पाएंगे।

क्या हैं सक्कुलेंट प्लांट्स


सक्कुलेंट प्लांट की पत्तियां मांसल और रसभरी होती हैं। इन छोटे-छोटे पौधों के तने भी मोटे होते हैं और जड़ें फैली हुई होती हैं। इनको बहुत ही कम पानी की जरूरत होती है।


जो शुभ-अशुभ की भावना से या चुभने के डर से कैक्टस को घर में नहीं रखना चाहते हैं, उनके लिए सक्कुलेंट बेहतर ऑप्शन है।


सक्कुलेंट प्लांट के लिए धूप भी जरूरी है। लेकिन इन्हें तेज धूप से बचा कर रखें। धूप दिखाने के लिए इन्हें खिड़की या बालकनी पर रखें। इंडोर के लिए छोटे पॉट्स सही रहेंगे। इससे इन्हें समय-समय पर धूप दिखाने में आसानी रहेगी। बेहतर होगा इन्हें कमरे में ऐसी जगह पर रखें, जहां खिड़कियों से छन कर आती हल्की धूप इनको मिलती रहे। धूप तेज हो, तो परदे गिरा दें।


सक्कुलेंट की सबसे अच्छी बात यह है कि इनको अधिक पानी की जरूरत नहीं होती है। महीनेभर के लिए भी घर से बाहर जा रहे हैं, तो वापस लौटने तक ये पौधे हर-भरे नजर आएंगे।


इन पौधों को बालूही मिट्टी में लगाया जाता है। इस मिट्टी में पानी लंबे समय तक टिकी नहीं रहती है। यह भी ख्याल रखें कि गमले में ड्रेनेज होल (जल निकासी के लिए छेद) बना हो। गमले में पानी तभी डालें, जब गमले की मिट्टी की ऊपरी परत सूखी दिखे।

और भी हैं फायदे

ढेरों ऐसे सक्कुलेंट्स हैं, जो छोटे-छोटे गमलों में अधिक सुंदर दिखते हैं। जेड प्लांट इनमें से एक है। जेड प्लांट की कुछ वेराइटी में पत्तियों का ऊपरी हिस्सा लाल रंग का होता है। बड़े होने पर इनमें सफेद और गुलाबी रंग के फूल भी निकलते हैं। एलोवेरा भी आसानी से लगने वाला सक्कुलेंट है। अपनी मेडिसिनल वेल्यू और आसानी से उगने के कारण यह खूब पॉपुलर है। अफ्रीकी मूल का माना जाने वाला स्नेक प्लांट भी हिंदुस्तानी घरों का फेवरेट सक्कुलेंट प्लांट है। इन दिनों तो यह खूब डिमांड में है, क्योंकि यह हवा में मौजूद नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों को भी खत्म कर हवा को शुद्ध करता है।