Friday 16 October 2020 04:24 PM IST : By Neelam Sikand

क्यों होता है ब्रेस्ट पेन

माहवारी से पहले युवतियों की ब्रेस्ट में दर्द होना होना सामान्य बात है। लेिकन यह दर्द अन्य कारणों से भी हो सकता है। जानें, इसके बारे में-

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युवतियों की ब्रेस्ट में ज्यादातर दर्द मािसकधर्म से पहले होता है, जोिक सामान्य बात है। इस दर्द का कैंसर से कोई लेना-देना नहीं है। कई युवतियों में यह दर्द पीिरयड्स शुरू होने से 1-3 िदन पहले, तो कइयों में कुछ सप्ताह पहले शुरू हो जाता है। पीरियड्स खत्म होते-होते इसमें अाराम िमलता है अौर महिलाएं अपने को पूरी तरह से सामान्य महसूस करती हैं। इसी तरह मेनोपॉज के बाद अौर प्री मेनोपॉज के दौर से गुजर रही महिलाअों को भी ब्रेस्ट में पेन की िशकायत हो सकती है। अपोलो हॉस्पिटल में सीिनयर कंसलटेंट, अॉब्स्टेट्रिक्स एंड गाइनीकोलॉजी डॉ. रंजना शर्मा के अनुसार 30 से 50 साल तक की उम्र की महिलाअों को ब्रेस्ट में दर्द की िशकायत होती है। यह कई तरह का हो सकता है-
⇛ पीरियड्स से पहले अकसर महिलाएं ब्रेस्ट पेन की शिकायत करती हैं। किसी की ब्रेस्ट मुलायम हो जाती है, िकसी को ब्रेस्ट में भारीपन के साथ हल्का दर्द होता है, तो िकसी को ब्रेस्ट में छुरे की तरह चुभन का तेज अहसास होता है। कई महिलाएं जलन की िशकायत करती हैं। ब्रेस्ट में सूजन अा सकती है। उसमें गांठें भी बन सकती हैं। दोनों ब्रेस्ट में समान रूप से ऊपर व नीचे के िहस्से में दर्द होता है। यह दर्द बगलों तक फैल सकता है। पीिरयड्स शुरू होने से पहले यह दर्द तेज हो सकता है।
⇛  ब्रेस्ट के सिर्फ एक ही हिस्से में दर्द होना। यह दर्द ब्रेस्ट के एक हिस्से में बना रहता है अौर बढ़ कर ब्रेस्ट के बाहर तक फैल सकता है। इस दर्द का मेंस्ट्रुअल साइकिल से कोई वास्ता नहीं है। यह दर्द लगातार बना रहता है या कभीकभार महसूस िकया जा सकता है।
⇛  मेस्टाइटिस यानी ब्रेस्ट में सूजन होना। यह दर्द ब्रेस्ट में इन्फेक्शन या िबना िकसी इन्फेक्शन की वजह से हो सकता है। इसमें महिला को बुखार अाता है। कुछेक की ब्रेस्ट में सूजन अा जाती है। तेज दर्द होता है अौर दर्द वाले िहस्से में गरमाहट महसूस होती है।
⇛  ब्रेस्ट से बाहर के िहस्से में दर्द होना। इसे एक्स्ट्रा मेमोरी पेन भी कहते हैं। यह दर्द ब्रेस्ट िटशूज से उठता महसूस होता है। इसका कारण ब्रेस्ट की मसल्स में िखंचाव हो सकता है, िजससे ब्रेस्ट वॉल या पसलियों में दर्द होता है।
डॉक्टर के पास कब जाएं 
लगातार कुछ सप्ताह तक दर्द बना रहे, ब्रेस्ट के िकसी खास िहस्से में दर्द हो, रोजमर्रा के कामों पर असर पड़ने लगे, तो डॉक्टर के पास जाएं। ब्रेस्ट में दर्द होने पर कैंसर होेने का खतरा कम होता है, तो भी डॉक्टर जो टेस्ट कराने के िलए कहें, तुरंत करवाएं। कई बार ब्रेस्ट में दर्द के सही कारण का पता लगाना अासान नहीं होता। लेिकन िजन कारणों से यह दर्द हो सकता है, वे इस प्रकार हैं-
⇛ प्रोजेस्ट्रॉन अौर इस्ट्रोजन हारमोन्स के स्तर में उतार-चढ़ाव ब्रेस्ट पेन के मुख्य कारणों में से एक है। ये हारमोन्स ब्रेस्ट में गांठ, सूजन अौर यह दर्द का कारण बनते हैं। इस उतार-चढ़ाव की वजह से यह दर्द पीिरयड्स से दो-तीन िदन पहले बहुत बढ़ जाता है। कभी-कभी मेंस्ट्रुअल साइकिल के दौरान भी बना रहता है। यह दर्द अकसर प्रेगनेंसी या मेनेापॉज होने पर दूर हो जाता है।
⇛ हारमोन्स की दवाएं लेने से भी ब्रेस्ट पेन पर असर पड़ता है। ये दवाएं इन्फर्टिलिटी के इलाज अौर बर्थ कंट्रोल के िलए दी जाती हैं। मेनोपॉज के बाद इस्ट्रोजन अौर प्रोजेस्ट्रॉन हारमोन थेरैपीज देने पर इसका असर ब्रेस्ट पर पड़ सकता है अौर वे नरम हो जाती हैं। एंटीिडप्रेसेंट लेने से भी ब्रेस्ट में दर्द हो सकता है।
⇛ दूध की ग्रंथियों में बदलाव अाने से ब्रेस्ट में िसस्ट बन सकता है। ब्रेस्ट में चोट लगने, पहले की गयी ब्रेस्ट सर्जरी या ब्रेस्ट से जुड़े अन्य मामले दर्द का कारण बनते हैं। यह दर्द ब्रेस्ट के बाहरी िहस्से में जैसे चेस्ट वॉल, मसल्स, जॉइंट्स या िदल के पास महसूस होता है अौर ब्रेस्ट तक फैल जाता है।
⇛ कोिशकाअों में फैटी एसिड में असंतुलन की वजह से ब्रेस्ट िटशूज के हारमोन्स सर्कुलेशन के काम पर असर पड़ सकता है।
⇛ ब्रेस्ट का साइज बड़ा होने पर गरदन, कंधों अौर पीठ के साथ-साथ ब्रेस्ट में दर्द हो सकता है। इसके अलावा ब्रेस्ट सर्जरी के बाद भी पेन होना अाम बात है।
ज्यादातर मामलों में ब्रेस्ट पेन अपने अाप दूर हो जाता है। इसका ट्रीटमेंट कराने की जरूरत नहीं पड़ती। ऐसी स्थिति में कुछ बातों का ध्यान रखें-
⇛ एक्स्ट्रा सपोर्ट वाली ब्रा पहनें।
⇛ दर्द बढ़ जाए, तो नॉन स्टीरॉयडल एंटी इन्फ्लामेट्री दवाएं (एनएसएअाईडी) लें। दर्दवाले िहस्से पर एनएसएअाईडी क्रीम लगा सकते हैं।
⇛ बर्थ कंट्रोल िपल्स ले रही हैं, तो डॉक्टर की राय से िपल की डोज एजस्ट करें। डॉक्टर दूसरी बर्थ कंट्रोल िपल भी दे सकते हैं।
⇛ मेनोपॉज के बाद हारमोनल थेरैपी ले रही हैं, तो डॉक्टर उसकी डोज कम कर सकते हैं या िफर इसे पूरी तरह से बंद करने की सलाह दे सकते हैं।
⇛  वटािमन अौर डाइटरी सप्लीमेंट लेने से ब्र्रेस्ट पेन के लक्षणों में सुधार होता है।    
⇛  ईवनिंग प्रिमरोज अॉइल सप्लीमेंट लेने से कोिशकाअों में फैटी एसिड का असंतुलन दूर होता है, िजससे दर्द में अाराम िमलता है।
⇛  अध्ययनों से पता चलता है िक िजन महिलाअों के मेंस्ट्रुअल साइकिल के दौरान ब्रेस्ट दर्द में उतार-चढ़ाव अाते हैं, वे अगर 2 महीने लगातार िवटािमन ई लें, तो पीरियड्स से पहले होने वाले ब्रेस्ट पेन के लक्षणों में सुधार होता है।
⇛ गरम पानी का चेस्ट पैक लेने से फायदा होता है। ब्लड प्रेशर हाई होने पर यह पैक गुनगुने पानी का होना चािहए। यह पैक 20-30 िमनट के िलए देते हैं। इससे ब्रेस्ट नरम हो जाती है। ये पैक रेडीमेड भी िमलते हैं। इन्हें नेचर क्योर के प्रोडक्ट्स की दुकानों या केमिस्ट से खरीद सकते हैं। चाहें, तो तौलिए को गरम पानी में डुबो कर व िनचोड़ कर छाती पर लपेट लें अौर िफर ऊपर से कंबल लपेट लें।
⇛ तिल के तेल से ब्रेस्ट की मसाज करें, फायदा होगा।
इसका भी रखें ध्यान ः अपने साथ एक कॉपी रखें। जब ब्रेस्ट में दर्द व अन्य लक्षण जािहर हों, तो उन्हें नोट करती जाएं। इससे यह जानना अासान होगा िक ये लक्षण सामान्य हैं या फिर डॉक्टर के पास जाने की जरूरत है।