Friday 28 June 2024 04:51 PM IST : By Nishtha Gandhi

मुश्किल भी नहीं पीएमएस को समझना

period_2

महिलाओं के पीरियड्स को ले कर आज दुनियाभर में बात हो रही है। यह अच्छी बात है कि टैबू समझे जाने वाले इस मुद्दे पर अब ना सिर्फ महिलाएं, बल्कि पुरुष भी खुल कर बात कर रहे हैं। ना सिर्फ पीरियड लीव की बात चल रही है, बल्कि इससे जुड़े ढेरों प्रोडक्ट्स और एप्स भी मौजूद हैं। महिलाओं से ज्यादा पुरुष यह जानने में उत्सुक रहते हैं कि कब उनकी पार्टनर पीएमएस के कारण खराब मूड में रहेगी, तो कब अच्छे मूड में रह कर सेक्स में एक्टिव भूमिका निभाएगी। एक मेडिकल जर्नल प्लोस वन में छपे अध्ययन के मुताबिक पुरुष चाहें, तो अपनी पत्नी या महिला पार्टनर के पीएमएस के लक्षण कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इस अध्ययन में 40 प्रतिशत महिलाओं ने मॉडरेट से सीवियर पीएमएस झेलने की शिकायत की और यह भी माना कि इस दौरान उनके पार्टनर या पति उनके मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ेपन और गुस्से को सही तरह से हैंडल नहीं कर पाते। वहीं कई महिलाएं यह भी समझ नहीं पातीं कि आखिर यह सब उन्हें क्यों हो रहा है।

मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल की सीनियर गाइनीकोलॉजिस्ट और ऑब्सटीट्रिशियन डॉक्टर नेहा पवार के मुताबिक, ‘‘कई महिलाओं को पीरियड्स से पहले ब्लोटिंग, चिड़चिड़ापन, मूड स्विंग्स, ब्रेस्ट पेन, वेजाइनल ईचिंग, बॉडी ओडर, घुटनों या बॉडी में पेन जैसी समस्याएं हो जाती हैं, जो पीरियड्स के शुरू होते ही खत्म हो जाती हैं। इसका एक कारण हारमोंस के स्तर में होने वाले बदलाव भी होता है। खासकर नमक, कैफीन, शुगर और जंक फूड की मात्रा में कमी करके पीएमएस के लक्षण कम किए जा सकते हैं। लेकिन अगर पीएमएस की वजह से आप रुटीन काम नहीं कर पा रही हैं या बहुत ज्यादा परेशानी हो रही हो, तो आपको डॉक्टर से बात करनी चाहिए।’’

देखा जाए, तो उम्र के साथ हर महिला पीएमएस में बदलाव महसूस करती है, जोकि बेहद आम बात है। ऐसा हारमोंस में बदलाव के कारण होता है। हालांकि फिजिकल एक्टिविटी ना करना, खराब लाइफस्टाइल, जंक फूड और नमक ज्यादा खाना पीएमएस को तकलीफदेह बनाता है। कई अध्ययनों और रिसर्च की बात को सच मानें, तो एक्टिव और हेल्दी सेक्स लाइफ शरीर में हैप्पी हारमोंस रिलीज करती है, जिससे पीएमएस की समस्या भी दूर होती है।

ओव्यूलेशन की पहेली

periods-1

ऐसा माना जाता है कि ओव्यूलेशन के समय महिला बहुत अच्छे मूड में होती है और उस समय शरीर में टेस्टोस्टेरॉन नाम के हारमोन के स्तर में बढ़ोतरी के कारण उसकी सेक्स इच्छा भी तीव्र होती है। इस समय साथी का साथ और प्यार पा कर वह पूरे महीने के लिए खुद को चार्ज कर सकती है। जर्नल ऑफ कंज्यूमर साइकोलॉजी में छपी एक रिसर्च के अनुसार, चूंकि ओव्यूलेशन के समय महिलाओं की सेक्स ड्राइव में इजाफा होता है, इसलिए वे इस पीरियड में कपड़े, कॉस्मेटिक्स और ऐसी वस्तुएं खरीदती हैं, जिनसे वे आकर्षक दिखें। ज्यादातर महिलाओं को हॉट फ्लैशेज और शरीर से एक खास किस्म की गंध महसूस होती है। यह गंध पुरुषों को आकर्षित करती है। ओव्यूलेशन की डेट पता करने के लिए आपको अपना पीरियड साइकिल पता होना चाहिए। अगर आपका साइकिल 28 दिन का है, तो पीरियड शुरू होने से 14 दिन पहले ओव्यूलेशन पीरियड होगा। आजकल इससे जुड़े कई एप्स भी मौजूद हैं, जिनसे ओव्यूलेशन की डेट पता की जा सकती है।