मधुर पलों में कपल में से किसी एक को या फिर दोनों को हड़बड़ाहट, घबराहट और डर महसूस होने लगे तो डॉक्टर के मुताबिक इसे रिलेशनशिप एंग्जाइटी कहते हैं। अपने पिछले अनुभव, व्यक्तिगत असुरक्षाएं और जीवन में अनसुलझे कुछ मुद्दों की वजह से यह एंग्जाइटी रहती है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति अपने साथी को खोने के डर से उससे अपने दिल की बात कह पाने में अक्षम हो जाता है। धीरे-धीरे इसकी जड़ें गहरी होने लगती हैं और रिश्ते का चेहरा बिगड़ने लगता है। पर सही समय पर काउंसलिंग ली जाए तो रिश्ते की उम्र लंबी और रिश्ते में रोमांस बना रह सकता है।
क्या है वजह और उसका समाधान
रिश्ते में दंपती के बीच अगर किसी एक को एंग्जाइटी हो तो साथी की पूरी जिम्मेदारी बनती है कि उसके अंदर बैठे
डर या चिंता का कारण जानें और उसे दूर करें। अगर वह खुद नहीं कर पा रहा है तो काउंसलर से मदद लें। गुरुग्राम के कोलंबिया एशिया अस्पताल की वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. श्वेता शर्मा के मुताबिक एंग्जाइटी स्त्री या पुरुष दोनों को हो सकती है। सेक्सुअल रिलेशनशिप में इस तरह की एंग्जाइटी का असर दिखने की कई वजह होती हैं।
बचपन की कोई घटनाः बचपन में हुए सेक्सुअल एब्यूज का खराब असर पूरी उम्र व्यक्तित्व पर ही नहीं, रिश्ते पर भी पड़ता है। चाहे स्त्री हो या पुरुष, संसर्ग के दौरान उन विकृत पलों का फ्लैशबैक की तरह मौजूदा रिश्ते पर हावी होना फोरप्ले और संसर्ग में फोकस नहीं कर पाने की अहम वजह हो सकती है। जीवन का यह बहुत भयावह समय रिश्ते पर हावी हो जाए, उससे पहले साथी को चाहिए वह समय पर किसी काउंसलर से काउंसलिंग के सेशन लें। इसमें डॉक्टर अपनी थेरैपी के माध्यम से उस शख्स को बचपन में हुए सेक्सुअल एब्यूज के सदमे, असहजता और घबराहट से निकालते हैं। सेक्सुअल एब्यूज की केस हिस्ट्री, अनुभव और ट्रॉमा की गहराई को जाने बिना उसका इलाज संभव नहीं है। यह रिश्ते के लिए इतनी डरावना है कि इसका इलाज किए बिना, रिलेशनशिप एंग्जाइटी को दूर नहीं किया जा सकता।
लाइफस्टाइल फैक्टरः आजकल युवाओं के सामने बहुत ज्यादा एक्सपोजर है, जिससे रिश्ते में पूरी तरह फोकस होने में दिक्कत होती है। सोशल मीडिया और इलेक्ट्राॅनिक डिवाइस का बहुत ज्यादा इस्तेमाल भी एंग्जाइटी को बढ़ावा देते हैं। अच्छा होगा कि कम से कम सोशल मीडिया के लिए समय सीमा बांधें, साथी के साथ संवाद को प्राथमिकता दें। एक-दूसरे के साथ बात करें, एक-दूसरे के बारे में जानें। प्री सेक्सुअल एक्टिविटी को ज्यादा प्राथमिकता दें।
पिछले रिश्ते का अनुभवः रिश्ते में एंग्जाइटी की एक खास वजह अतीत में पहले रिश्ते से मिली बेवफाई, विश्वासघात और दिल टूट जाना भी है। मायरा (नाम बदल दिया गया है) जब भी विवेक के पास जाती है, मानो पल ठहर जाता है। वह चाह कर भी उन मधुर पलों को जी नहीं पाती। विवेक उसकी इस उदासी से उकता गया है। पर ऐसा कब तक चलता? दोनों के बीच दूरियां बढ़ने लगी हैं। गुरुग्राम में स्थित मनस्थली की निदेशक व मनोचिकित्सक ज्योति कपूर कहती हैं, ‘‘दरअसल, कपल में से किसी एक का या फिर दोनों का अगर पहला रिश्ता रह चुका हो, एक्स से अभी भी संपर्क हो, हाल ही में ब्रेकअप हुआ हो तो उन्हें फोकस करने में दिक्कत हो सकती है। अगर आप अपने साथी के साथ बहुत ओपन हैं तो उसे अपने पूर्व रिश्ते के बारे में बताएं या ना बताएं, इस बारे में परिस्थिति और साथी के स्वभाव को देख कर निर्णय लें। कहा जाता है कि अपनी लाइफ का अगला चैप्टर तभी शुरू कर सकते हैं, जब आप पहले को बार-बार पढ़ना बंद करें। इसीलिए अपने एक्स से रिश्ता पूरी तरह से ब्रेकअप करके ही अपने वर्तमान के रिश्ते को दिल से स्वीकारें, तभी आप पूरी तरह से रिलेशन में इन्वॉल्व हो पाएंगे। एक रिसर्च में बात सामने आयी है कि रिलेशनशिप एंग्जाइटी सिर्फ दो रोमांटिक पार्टनर्स के बीच की बात ही नहीं है, बल्कि जो लोग रिलेशनशिप में नहीं हैं, वे भी रिलेशनशिप नहीं होने की परेशानी से गुजर रहे हैं।’’ सिंगल युवा भी पार्टनर के सलेक्शन को ले कर और जीवन में होने वाले डेटिंग प्रोसेस से चिंतित रहते हैं। वे अकेलापन महसूस करते हैं। सेक्स थेरैपिस्ट और फोर्ब्स हेल्थ एडवाइजरी बोर्ड के सदस्य रूफस टोनी स्पैन का कहना है कि सुरक्षा, विश्वास के मुद्दे और अन्य तनाव जैसे वित्तीय कठिनाइयां भी रिश्ते में चिंता कारण बन सकती है।
रिजेक्शन की चिंताः युवाओं के बीच नए रिश्ते में रिजेक्शन का डर सबसे बड़ा है कि अगर साथी के सामने अपने प्यार का इजहार किया और उसने आपकी पहल की सराहना नहीं की तो कैसी प्रतिक्रिया होगी। क्या उनकी नजर में वह पहले जैसा नहीं रहेगा? वह साथी की ना को कैसे सहन कर पाएगा।
ड्रेसिंग सेंस को ले कर एंग्जाइटीः युवाओं के लिए लुक्स में बड़ा पहलू है ड्रेसिंग सेंस। अगर आपमें लुक को ले कर कॉन्फिडेंस नहीं है तो स्टाइल में बदलाव लाएं।
तन से जुड़े डर
यूटीआई की परेशानीः कई महिलाएं संबंध बनाने से पहले बहुत घबरा जाती हैं। फोर्टिस अस्पताल, नोएडा की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. आराधना सिंह बुंदेला कहती हैं, ‘‘महिलाओं को बार-बार यूटीआई, वेजिनाइटिस, इन्फेक्श्न, चोट लगने का खतरा, दर्द का डर होने की वजह से साथी से संबंध बनाने में डर लगता है। इस मामले में जरूरी है कि वे स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह लें।’’
इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्याः पुरुषों को भी कई बार अपनी परफॉर्मेंस को ले कर परेशानी हो जाती है। काउंसलिंग के माध्यम से यह ठीक हो सकती है। अगर शारीरिक जांच में कोई गंभीर परेशानी दिखेगी तो उसका इलाज कराएं। वजन पर कंट्रोल रखना, स्मोकिंग और तनाव से दूर रहना होगा। रोज व्यायाम और हेल्दी डाइट पर ध्यान दें। परेशानी ज्यादा है तो डॉक्टरी सलाह पर इलाज कराना होगा।
क्या कहते हैं अध्ययन
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ के मुताबिक, भारत में एंग्जाइटी डिसऑर्डर सबसे तेजी से फैलने वाली बीमारी है। देश के लगभग 40 मिलियन यानी करीब 4 करोड़ युवा इस परेशानी की चपेट में हैं। अचरज की बात है कि भारत के अलग-अलग महानगरों में लगभग 15.20 प्रतिशत लोग एंग्जाइटी और 15.17 प्रतिशत लोग डिप्रेशन के शिकार हैं। इसकी बड़ी वजह नींद पूरी ना होना है। लाइफस्टाइल जितना सही होगा, शरीर स्वस्थ रहेगा। स्वस्थ शरीर से मन अच्छा होगा और रिश्ते पर पॉजिटव असर पड़ेगा।