खाने की चीजें अलग-अलग होती हैं और भिन्न होती हैं इनकी प्रकृति। ये अच्छी तरह पचें, इसलिए इनके बीच तालमेल होना जरूरी है। कुछ खाने की चीजें ऐसी होती हैं, जो तभी फायदा पहुंचाती हैं, जब उनको अकेले खाया जाए। दो तरह के खाद्य मिक्स होने पर उनकी पोषकता का लाभ शरीर को नहीं मिल पाता है। दोनों खाद्य एक-दूसरे की पोषकता को नुकसान पहुंचा कर समाप्त कर देते हैं। क्या ना साथ-साथ खाएं, यह जानना बहुत महत्वपूर्ण है।
बेमेल भोजन गलत फूड कॉम्बिनेशन को कहते हैं। गलत फूड कॉम्बिनेशन टॉक्सिक हो जाते हैं और सेहत पर बुरा असर डालते हैं। बेमेल भोजन से अपच, उल्टी, खराब पेट, सीने में जलन, एलर्जी जैसी समस्याएं हो जाती हैं। हालांकि मॉडर्न मेडिकल साइंस के अनुसार, विपरीत गुणों वाले भोजन लेने से कोई नुकसान नहीं होता है और इस मामले में वह आयुर्वेद से सहमत नहीं है।
दूध और दही
दूध-दही साथ-साथ नहीं खाना है, क्योंकि इनकी प्रकृति एकदम अलग है। दही खमीर से भरपूर होता है, दूध के साथ दही मिलाने पर दूध खराब हो जाता है और साथ सेवन करने से एसिडिटी, गैस, अपच और उल्टी हो सकती है। दोनों को कम से कम एक घंटे के अंतराल में खाएं।
हेवी कार्बाेहाइड्रेट और हेवी प्रोटीन
मीट, अंडे, पनीर, मेवे जैसे हेवी प्रोटीन वाले खाद्य को कार्बोहाइड्रेट यानी चावल, शर्करा, गेहूं, मक्का या साबुत अनाज के साथ ना खाएं। हाई प्रोटीन को पचाने वाले एंजाइम के सक्रिय होने पर हाई कार्बोहाइड्रेट्स को पचाने वाले एंजाइम में रुकावट पैदा हो जाती है। दोनों का पाचन साथ नहीं हो पाता है। लगातार इन्हें साथ खाने से कब्ज हो जाती है।
प्रोटीन और स्टार्च
तले-भुने चिकन या मीट के साथ आलू के चिप्स व शकरकंदी आदि खाने से परहेज करें। इससे ट्रांस फैट बनता ही है, दोनों पोषक तत्वों की पाचन प्रक्रिया भी अलग-अलग होती है। प्रोटीन पचने के दौरान स्टार्च को विषैला बना देता है।
खाना और पानी
खाना खाने के दौरान पानी पीना गलत है। इससे पेट के पाचक एसिड का असर कम हो जाता है और प्रोटीन, फैट व कार्बोहाइड्रेट जैसी चीजें पचने में दिक्कत आने लगती है। खाना खाने से 30 मिनट पहले ही पानी पी लें, खाने के बीच में नहीं। भोजन से पहले पानी पीने से आप ओवर ईटिंग से बचते हैं।
फैट और प्रोटीन
घी, मक्खन, तेल जैसी फैटी चीजें पनीर, अंडा, मीट जैसे प्रोटीन के साथ नहीं खाना चाहिए। इनका कॉम्बिनेशन सेहत पर बुरा असर डालता है। इस्तेमाल जरूरी है, तो घी-मक्खन का प्रोटीन वाली चीजों के साथ कम से कम प्रयोग करें, वरना पाचन पर बुरा असर पड़ सकता है। इससे कॉन्स्टिपेशन हो सकता है।
मीठे फल और खट्टे फल
आयुर्वेद इस बात की ताकीद करता है कि खट्टे फल व मीठे फल साथ खाने से पचने में दिक्कत आती है। खट्टे फल और मीठे फलों में मौजूद शुगर साथ में नहीं पच पाती है। फलों की पौष्टिकता भी कम होती है। इसलिए संतरा, केला जैसे फल एक साथ ना खाएं यानी तरह-तरह के फल मिला कर बनायी गयी फ्रूट चाट खाने से परहेज रखें।
खाने के बाद फल
खाना खाने के बाद फल खाने का रिवाज जरूर है, पर यह शरीर के लिए अच्छा नहीं है। फल पचने में समय लगता है, जिससे अकसर अपच, पेट फूलने, सीने में जलन की शिकायत हो जाती है। यह मिठाई नहीं है, जो आहार के साथ पच जाएगी। रात के खाने के बाद तो फल बिलकुल ना खाएं, क्योंकि इससे सोते समय पेट में एसिड बनने लगते हैं।
दूध के साथ फल
फलों में मौजूद शर्करा खून में शुगर का स्तर बढ़ा कर दिमाग की सक्रियता को बढ़ा देती है। लेकिन दूध के साथ फल खाने पर दूध में मौजूद कैल्शियम फलों के कई एंजाइम्स को सोख लेता है। संतरा और अनन्नास जैसे फल दूध के साथ बिलकुल ना खाएं। केले को दूध के साथ लेना भी बहुत गलत है। केले और दूध को साथ खाने से कफ बढ़ता है। दूध को तरबूज और खरबूजे के साथ भी नहीं खाना चाहिए। तरबूज और खरबूजा जल्दी पच जाता है, जबकि दूध को पचने में समय लगता है। दूध के साथ प्रोटीनयुक्त चीजें मसलन अंडा, मीट, मेवे आदि ना लें। इसी तरह दूध के साथ मछली कतई ना लें। मछली की तासीर गरम होती है, जबकि दूध की ठंडी। इससे त्वचा संबंधी बीमारियां होती हैं।
दही और फल
फलों में अलग एंजाइम होते हैं और दही में अलग। साथ सेवन करने से इनके पचने में रुकावट पैदा होती है। फ्रूट रायता जैसी चीजें खाने से परहेज रखना चाहिए। फलों में शहद व दही डाल कर बनाए गए डेजर्ट को खाने से अपच हो सकता है।
दूध व नमक
दूध के साथ नमकीन चीज ना खाएं। दूध में कैल्शियम और नमक में सोडियम होता है, जब मिलते हैं, तो पेट में दूध फट कर भारी हो जाता है और पाचन तंत्र को बहुत काम करना पड़ता है। आयुर्वेद में दूध-नमक साथ खाने से मना किया गया है।
शहद और घी
घी और शहद को कभी मिला कर ना खाएं। इससे शरीर विपरीत प्रतिक्रियाएं देने लगता है। शहद शरीर को गरम करता है और घी ठंडा करने के साथ नमी प्रदान करता है। हमेशा कच्चा और बिना पका शहद ही खाएं। गरम किया हुआ शहद चिपचिपा हो कर विषैला हो जाता है। आयुर्वेद में शहद को चाय में डाल कर पीने से मना किया गया है। हालांकि मेडिकल साइंस में ऐसा कोई परहेज नहीं बताया गया है।