Monday 22 February 2021 12:01 PM IST : By Nisha Sinha

तरबूज है या फैमिली डॉक्टर

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जाहिर सी बात है कि गरमियों में खाए जाने वाले ज्यादातर फल रस से भरे होते हैं। इस कारण तेज तापमान में भी शरीर की नमी बनी रहती है। गरमी के दिनों में तरबूज खाएं और बहुत सारे फायदे उठाएं।

- इस मौसम में आम और लीची जैसे फलों की तुलना में तरबूज की समान मात्रा खाने से कम कैलोरी मिलती है। एक अनुमान के अनुसार 150 ग्राम तरबूज में 46 कैलोरी होती है, जबकि 150 ग्राम लीची में 100 और आम की इतनी ही मात्रा में 104 कैलोरी होती है। इसलिए सीमित मात्रा में इसे खाया जाए, तो वजन नियंत्रण में रहेगा और इसकी मिठास और रसीलेपन का आनंद भी मिलता रहेगा।

- महिलाओं के लिए स्पेशल फूड है तरबूज। मेनोपॉज के बाद महिलाओं को तरबूज जरूर खाना चाहिए । ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। युवा लड़कियां इसे खाएं, तो उनकी स्किन और त्वचा हमेशा मॉइश्चराइज रहेगी। इसकी वजह तरबूज में पाए जाने वाले विटामिन ए और विटामिन सी हैं। तरबूज पुरुषों से खास दोस्ती निभाता है। पुरुषों की सेक्सुअल हेल्थ की समस्या को दूर करता है, खासकर जिन पुरुषों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या होती है।

- जो रेगुलर जिम जाते हैं, वे तरबूज का जूस साथ ले जाएं। इसमें मौजूद अमीनो एसिड से वर्कआउट बेहतर तरीके से कर पाएंगे।

- यह बच्चों की हड्डियों को मजबूत रखता है। इसमें मौजूद पोटैशियम शरीर में कैल्शियम को बनाए रखने में मददगार होता है। इसमें मौजूद विटामिन ए बच्चों को आंख संबंधी बीमारियों से दूर रखता है।

- आयुर्वेद के अनुसार तरबूज के साथ पानी नहीं पीना चाहिए। इसके साथ दूसरी चीजों को खाने से भी बचना चाहिए, ताकि इसके अवशोषण में कोई परेशानी ना हो और शरीर को पूरा फायदा मिले।

- तरबूज को एसिडिक माना गया है। रात में इसे खाने से दूसरे दिन सुबह पेट गड़बड़ हो सकती है। इसमें काफी पानी होता है, इसलिए इसे डाइयूरेटिक माना गया है। रात में खाने से नींद टूट सकती है।

- अगर तरबूज खाते ही शरीर में सूजन, सांस लेने में परेशानी आए, तो यह एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है। तुरंत डॉक्टर से मिलें। यह एनाफिलेक्सिस हो सकता है, जिसमें जान जा सकती है।

- एक चम्मच तरबूज का रस और एक चम्मच दही को मिला कर चेहरे पर लगाएं। इसे चेहरे पर 15 मिनट रखने के बाद धो लें। स्किन खिल उठेगी।

- लाइकोपीन का ज्यादा फायदा लेने के लिए पूरी तरह पका तरबूज खाएं। लाइकोपीन स्किन को यूवी किरणों के बुरे असर से भी बचाता है।

- तरबूज को प्री-वर्कआउट फ्रूट की तरह खाएं। इसमें मौजूद पोटैशियम से मांसपेशियों को एनर्जी और क्रैम्पस से राहत मिलेगी।

अक्लमंदी से खाएं

एक्शन कैंसर हॉस्पिटल की सीनियर डाइटीशियन शिखा कौशिश के अनुसार तरबूज को कभी भी खाली पेट नहीं खाएं, वरना लूज मोशन और उल्टी भी हो सकती है। कभी-कभी चक्कर भी अा जाते हैं।
बेहतर होगा दिन में 100 से 150 ग्राम तरबूज ही खाया जाए। स्वाद के चक्कर में ज्यादा खाने से पचने में दिक्कत आ सकती है। एक बात और ध्यान देने की है कि बहुत लोग खाना खाने के बाद मुंह का स्वाद बदलने के लिए फल खाते हैं, जो गलत है। इससे सीमित फायदा ही मिल पाता है। जहां तक तरबूज की बात है, तो इसे मिड मॉर्निंग में लें यानी नाश्ते और दोपहर के खाने के बीच के समय में एक कटोरा तरबूज खाने से बहुत अधिक फायदा पहुंचेगा। इस बात का ध्यान रखें कि रात को तरबूज बिलकुल नहीं खाएं। किसी भी गरमागरम रेसिपी में इसका इस्तेमाल नहीं करें। स्मूदी, फ्रूट चाट, जूस जैसी कूल रेसिपीज में ही इसका प्रयोग करें। जिन लोगों को किडनी की प्रॉब्लम है, वे इसे नहीं खाएं। जिनको पेट संबंधी बीमारियां हैं, वे डॉक्टर से पूछ कर खाएं।

खरीदते समय ध्यान दें

- अच्छी तरह पका हुआ तरबूज उठाने में भारी लगेगा, क्योंकि रस से भरा होगा। इसे थपथपाने से आनेवाली आवाज सुन कर लगे कि यह खाली है, तो ना खरीदें।

- तरबूज का जो हिस्सा खेत में जमीन पर रखा होता है उस जगह पर निशान हो जाता है, उसे फील्ड स्पॉट कहते हैं। अगर यह क्रीमी येलो कलर का हो, तो समझें तरबूज पका है। अगर यह सफेद रंग का है, तो यह कच्चा होने की पहचान है।

- पका होने पर तरबूज गहरे रंग का होगा, पर इसकी स्किन डल दिखेगी। चमकीला दिखने पर यह कच्चा हो सकता है।

- एक जैसा आकार हो। अगर इसका आकार टेढ़ा या कहीं से उठा हुआ हो, तो समझ जाएं कि खेत में इसे अनियमित रूप से सूरज की रोशनी और पानी मिले हैं।