घुमक्कड़ी के शौकीनों के लिए कोरोना इस साल गाज बन कर गिरा है। वह बैग पैक करके घर से निकल जाने का जुनून, वह जंगलों में टेंट लगा कर रहने का शौक, वह पर्वतों के शिखर से जाती सड़क की मस्ती, वह समंदर के किनारे खड़े हो कर क्षितिज को निहारने का शौक, सब धरे रह गए। कोरोना ने आपके कदमों की रफ्तार को थाम कर घर में लॉक क्या किया, आवारा ख्वाहिशों ने वर्चुअल टूरिज्म की पूरी दुनिया को अनलॉक कर दिया। जी हां, वर्चुअल टूरिज्म यानी घर बैठे ही पूरी दुनिया देखने का मजा।
आज इंटरनेट पर कई ऐसी वेबसाइट्स मौजूद हैं, जिनके द्वारा आप घर बैठे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों का ई-टूर कर सकते हैं। इनमें ना सिर्फ भारतीय, बल्कि पूरे विश्व के मशहूर पर्यटन स्थलों की सैर शामिल है। लंदन म्यूजियम का टूर लेना हो, बैंकाक के मशहूर सी एक्वेरियम की सैर करनी हो, ताजमहल के दीदार करने हों, राजस्थान के किलों की दीवार पर चढ़ना हो, इन सभी का अनुभव आप घर बैठे ले सकते हैं।
इस काम में कई टूरिस्ट एजेंसियां अब धीरे-धीरे सक्रिय हो रही हैं। विदेशों में तो सरकार द्वारा भी पर्यटकों को लुभाने के लिए ऐसे इंतजाम किए जा रहे हैं। लगभग सभी प्रमुख पर्यटन स्थलों के वेब पेज पर जा कर आप उनका 3डी व्यू देख सकते हैं, जो दिखने में बिलकुल असली जैसा लगता है।
खास कैमरों से होती है शूटिंग
व्यूअर्स को रियल टाइम एक्सपीरियंस देने के लिए इन पर्यटन स्थलों की खास कैमरों से शूटिंग की जाती है, जो लेटेस्ट हाई डेफिनिशन क्वॉलिटी से लैस होते हैं। इन्हें अलग-अलग एंगल पर इस तरह से इंस्टाल किया जाता है, जिससे देखनेवाले उस खास जगह का चौतरफा व्यू जूम करके भी देख सकें। दीवारों पर की गयी नक्काशी, चित्रकारी या लिपियों को भी स्पष्ट रूप से कैमरे में कैद किया जाता है। कैमरामैन या वीडियोग्राफर का काम यहीं पर खत्म नहीं हो जाता।
स्टूडियो में खास सॉफ्टवेअर्स की मदद से एक-एक बारीकी को उभारा जाता है। अलग-अलग एंगल से ली गयी तसवीरों या वीडियोज को मिला कर एक वीडियो बनाया जाता है। इसके बाद बारी आती है ऑडियो की। तैयार की गयी फाइल के अनुसार ऑडियो का सलेक्शन करना सबसे ज्यादा अहम है, ताकि देखनेवाला बोर ना हो। साथ ही उसे यह भी महसूस हो कि वह अपने घर में मोबाइल या लैपटॉप की स्क्रीन के सामने नहीं, बल्कि सच में उसी जगह पर है।
व्यूअर को अपनी स्क्रीन पर इन 3डी तसवीरों को देखने के लिए खास सॉफ्टवेअर की जरूरत पड़ती है, जिनमें फ्लैश प्लेयर प्रमुख है।
मंदिरों से भी लाइव स्ट्रीमिंग
इस बात से तो इनकार नहीं किया जा सकता कि भारत में एक बड़ा हिस्सा मंदिरों के पर्यटन को जाता है। उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश जैसे प्रमुख राज्यों के अधिकतर पर्यटन स्थल किसी ना किसी मंदिर, गुरुद्वारे अाैर ट्रेकिंग की बढि़या साइट होने की वजह से भी प्रसिद्ध हैं। आमतौर पर चार धाम यात्रा, अमरनाथ यात्रा, हेमकुंड साहिब आदि पर जाने का समय गरमियों में होता है, जब वहां बर्फबारी रुक जाती है या कम होती है। इस साल चूंकि सोशल डिस्टैंसिंग के नियमों के कारण और ट्रेन व हवाई यात्राअों पर पाबंदियों के चलते इन यात्राअों पर भी काफी रोक लग गयी। लेकिन फिर भी कुछ खास स्थानों जैसे बद्रीनाथ और केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने, अमरनाथ में सुबह-शाम होनेवाली आरती, जगन्नाथ पुरी की रथ यात्रा की लाइव स्ट्रीमिंग की गयी, जिसे हजारों लोगों ने देखा। अयोध्या में हुए राम मंदिर के शिलान्यास समारोह की भी लाइव स्ट्रीमिंग को ले कर तो सोशल मीडिया पर अच्छी-खासी बहस ही छिड़ गयी।
इसी तरह शिरडी के साईंबाबा मंदिर, वैष्णो देवी मंदिर आदि से भी रोजाना सुबह-शाम आरती का लाइव टेलिकास्ट किया जा रहा है। साफ है कि आनेवाले समय में वर्चुअल स्ट्रीमिंग के रूप में काफी संभावनाएं तलाशी जाएंगी।
कई देशों में पॉपुलर फेस्टिवल्स, कल्चरल और स्पोर्ट्स इवेंट्स की लाइव स्ट्रीमिंग के लिए प्लानिंग जोरशोर से शुरू हो चुकी है। हो सकता है आने वाले समय में आपको अपने मोबाइल की स्क्रीन पर ही लाइव टेलिकास्ट में ऐसा एक्सपीरियंस मिलना शुरू हो जाए, जैसे कि आप वहीं स्टेडियम में बैठ कर वह इवेंट देख रहे हैं।
मौजूद हैं अलग-अलग टूर्स
इससे पहले तक 360 डिग्री वर्चुअल एक्सपीरियंस को टूरिज्म इंडस्ट्री में बिजनेस प्रमोशन के लिए ही इस्तेमाल किया जा रहा था। मसलन, पेरिस का कोई होटल अपनी वेबसाइट पर 3डी इमेजेस डाल कर आपको यह अहसास करवाता था कि उनके होटल रूम की बालकनी या टैरेस पर बैठ कर एफिल टॉवर का नजारा कैसा दिखेगा। यानी आमतौर पर इस तरह का वर्चुअल टूर मार्केटिंग का ही एक हिस्सा हुआ करता था। लेकिन अब कई वेबसाइट्स तरह-तरह के वर्चुअल टूर्स अपनी वेबसाइट पर ऑफर कर रही हैं। इनमें प्रमुख हैं हेरिटेज टूर, म्यूजियम टूर, एडवेंचर टूर, फन टूर, वाइल्डलाइफ या जंगल सफारी टूर आदि। आप अपनी रुचि के हिसाब से इनमें से कोई भी टूर चुन सकते हैं। कई बार इस तरह के टूर्स को कुछ कोर्स का हिस्सा भी बना कर छात्रों को दिखाया जाता है। इन्हें और प्रभावी बनाने के लिए खास साउंड इफेक्ट्स भी डाले जाते हैं।
कैसे लें वर्चुअल एक्सपीरियंस
आमतौर पर रियलिस्टिक वर्चुअल टूर के लिए आपको सर्विस प्रोवाइडर की वेबसाइट या उनके द्वारा दिए गए लिंक पर जाना होता है। इसके लिए आपको खास सॉफ्टवेअर की भी जरूरत होती है, जिसके माध्यम से आपको 3डी एक्सपीरियंस मिलता है, वरना तो यह आम लाइव वीडियो की ही तरह हो जाएगा, जो हम हमेशा से देखते आए हैं।
आमतौर पर जिस लोकेशन का टूर आप लेते हैं, उसमें लाल और हरी डॉट्स बनी होती हैं। एक डॉट आपको उस हॉटस्पॉट पर ले जाती और दूसरी डॉट पर क्लिक करने से आप इमेज को बड़ा-छोटा करके उसका 360 डिग्री व्यू भी देख सकते हैं। आनेवाले समय में हो सकता है कि जब आप कोई वर्चुअल टूर बुक करें, तो सर्विस प्रोवाइडर आपको बेहतरीन एक्सपीरियंस देने के लिए आम माउस और कीबोर्ड की जगह पर खासतौर से कोई डिवाइस उपलब्ध करवाने लगे।
पर्यटकों को रियलिस्टिक एक्सपीरियंस करवाने के लिए कई बार खास तरह के सेंसर, ग्लव्स, स्टिमुलेटर आदि भी दिए जाते हैं। आमतौर पर ऐसे प्रॉप्स व्यूअर को अंडरवॉटर एक्सपीरियंस, रोलरकोस्टर राइड्स या ऊंचाई का अहसास करवाने के लिए लगाए जाते हैं। इन प्रॉप्स की मदद से वर्चुअल टूर लेते समय आप यह महसूस कर सकते हैं कि छपाक से पानी की बूंदें जब शरीर पर पड़ती हैं, तो कैसा महसूस होता है या जब आप किसी पहाड़ की चोटी पर खड़े होते हैं, तो ठंडी हवा के झोंके कैसी सिहरन महसूस करवाते हैं।
सपने सच करने का मौका
वे सारी चीजें या एडवेंचर जो आप अभी तक करने से डरते रहे या फिर पैसों की कमी की वजह से जिन जगहों पर नहीं जा सके, उन सारी जगहों पर घूमने का मजा और वह भी रियलिस्टिक एक्सपीरियंस के साथ आप घर बैठे हुए ले सकते हैं। जैसे अगर आपको पानी से डर लगता है, तो आप बिना समंदर के अंदर गए हुए अंडरवॉटर डाइविंग का एक्सपीरियंस ले सकते हैं। हो सकता है आनेवाले समय में कोई टूरिज्म कंपनी आपको बहुत कम पैसों में चांद पर सैर का अनुभव कराने लगे।
बेशक टूरिज्म का वर्चुअल एक्सपीरियंस भारत के लिए नया है, लेकिन विदेशों की तर्ज पर बहुत जल्द ही कई नयी कंपनियां आपके लिए इस फील्ड में कई नयी चीजें ले कर सामने आएंगी। फिलहाल आप घर बैठे लंदन और पेरिस के म्यूजियम, थाइलैंड के एक्वेरियम, पेरिस के एफिल टॉवर जैसी जगहों के एक्सपीरियंस लेते रहिए।