Saturday 23 October 2021 04:53 PM IST : By Nishtha Gandhi

करवाचौथ की पूजा करने से पहले जान लें ये जरूरी बातें

karwa

अखंड सौभाग्य के प्रतीक करवाचौथ का व्रत आज लाखों महिलाएं कर रही होंगी, आइए जानें इस व्रत का सही विधान क्या है और इसे कैसे करना चाहिए।

क्या है करवे का महत्व

करवाचौथ का व्रत निर्जल रह कर किया जाता है। तारों की छांव में सरगी खाने के बाद महिलाएं शाम को चांद को अर्ध्य दे कर ही इस व्रत को खोलती हैं। शाम को पूजा करने की सही विधि के बारे में बताते हुए एस्ट्रोलॉजर पूनम वेदी का कहना है कि मिट्टी के करवे पर जो मौली बांधी जाती है, वह रक्षा सूत्र की प्रतीक है। मौली 3 धागों या 5 धागों की बंधती है, जो संकल्प के लिए बांधे जाते हैं। करवे पर चावल के एेपण से स्वस्तिक तथा 13 टीके लगाए जाते हैं, इनमें से 1 अंक सूर्य का, 3 अंक बृहस्पति का तथा 13 अंक वृश्चिक राशिा का होता है। इन तीनों का योग 4 होता है, जो राहू का नंबर है। पूजा के समय गेहूं के 13 दाने लिए जाते हैं।

कैसे वस्त्र पहनें

करवाचौथ पर सुहागिनों को नीले, भूरे और काले रंग के वस्त्र नहीं पहनने चाहिए क्योंकि ये शनि और राहु के रंग माने जाते हैं। ये क्रूर ग्रह हैं और विच्छेद के गुण रखते हैं। जबकि लाल रंग मंगल व सौभाग्य का, गुलाबी रंग शुद्ध प्रेम का प्रतीक है। पीला रंग सौभाग्य से जुड़ा है और हरा रंग विकास से जुड़ा है। सुहागिनों को कोशिश करनी चाहिए कि वे इन्हीं रंगों के कपड़े पहनें।

छलनी से क्यों देखें चांद

करवाचौथ पर चांद को छलनी से देखना चाहिए, क्योंकि एेसा माना जाता है कि चौथ के चंद्रमा को सीधे देखने पर कलंक लगता है। चंद्रमा को जल समर्पित करने के पीछे भी वजह है, वह यह कि चंद्रमा मन और भावना का कारक है। भावनात्मक मजबूती के लिए चंद्रमा के दर्शन करके जल अर्पित किया जाता है। यह प्रथा दरअसल, पति-पत्नी को भावनात्मक रूप से जोड़ती है। 

इन बातों का रखें ध्यान

इसी तरह इस दिन सुहागिनों द्वारा तीखी व धारदार चीजों का प्रयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह मंगल ग्रह से जुड़ा हुआ है और मंगल ग्रह हिंसा से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा महिलाओं को अपनी वाणी पर नियंत्रण रखना होगा, वे किसी को कटु शब्द ना बोलें, सुई धागे का प्रयोग ना करें और किसी का अपमान ना करें। 

क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त

इस साल कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 24 अक्तूबर को सुबह 3.05 मिनट से शुरू हो कर 25 अक्तूबर की सुबह 5.45 मिपट तक रहेगी। करवाचौथ की पूजा का शुभ मुहुर्त 6.55 मिनट से 8.51 मिनट तक रहेगा। इस दिन रोहिणी नक्षत्र और रविवार का दिन होने की वजह से इस बार 5 वर्ष बाद शुभ संयोग बन रहा है। यह व्रत करने वाली महिलाओं पर श्री गणेश जी के साथ सूर्य देव की भी विशेष कृपा रहेगी।