Friday 28 May 2021 11:46 AM IST : By Nishtha Gandhi

सही समय पर अपनी बेटी को पीरियड्स के बारे में बता कर तैयार कैसे करें

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Image by Joey Velasquez, Pixabay

अपनी मूवी पैडमैन के प्रमोशन के समय फिल्म स्टार सोनम कपूर ने पहली बार मासिक धर्म से जुडे अपने अनुभव बताते हुए कहा था कि कैसे वे पीरियड्स शुरू ना होने की वजह से टेंशन में रहती थीं और जब 15 साल की उम्र में उन्हें पीरियड्स शुरू हुए तो उन्हें बहुत तसल्ली मिली क्योंकि तब तक उनकी सारी सहेलियों के पीरियड्स शुरू हो चुके थे। कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी में सीनियर कंसल्टेंट और गाइनीकोलाॅजिस्ट डाॅक्टर वैशाली जोशी का इस बारे में कहना है, ‘‘देखा जाए, तो पीरियड्स या मेंस्ट्रुएशन अभी भी हमारे यहां ऐसा सब्जेक्ट है जिस पर घरों में खुल कर बात नहीं होती। इसी वजह से आमतौर पर लड़कियों के मन में पीरियड्स से जुड़े खराब अनुभव और यादें ही होती हैं। छोटे शहरों, गांवों और कस्बों में तो हालात और भी बुरे हैं। कुछ मांएं अभी भी अपनी बेटी को इसके बारे में पहले से तैयार नहीं करतीं। वे यही सोचती हैं कि बेटी को अपनी सहेलियों से इस बारे में अपने आप पता चल जाएगा, जोकि गलत है। कई बार लड़कियों के लिए पीरियड्स का अचानक शुरू हो जाना किसी शाॅक से कम नहीं होता। इसलिए हर मां को अपनी बेटी को इसके बारे में पहले से बता देना चाहिए। लगभग 10 वर्ष की उम्र के आसपास जब लड़कियों के शरीर में प्यूबर्टी के लक्षण दिखायी देने लगते हैं, तभी से उन्हें इसके बारे में सतर्क कर देना चाहिए; प्यूबर्टी के लक्षणों में शामिल है ब्रेस्ट का विकास होना, प्यूबिक हेअर आना, कई बार वेजाइनल डिस्चार्ज भी कुछ लड़कियों को होने लगता है। इस समय अपनी बेटी को शरीर की साफ सफाई के बारे में बताते हुए पीरियड्स के बारे में भी बताएं। शुरुआत में कुछ लड़कियों को पेट और कमर में दर्द, पैरों में दर्द, सिर दर्द, चिड़चिड़ापन और थकान ज्यादा महसूस होता है, जिसकी वजह से वे घबरा कर रोने लगती हैं। ऐसी स्थिति में डाॅक्टर की सलाह से कोई दवा उन्हें दी जा सकती है।’’

बच्चों की डाइट में हरी सब्जियां, फल, स्प्राउट्स, दालें, अंडा जरूर शामिल करें। सही डाइट से पीएमएस का असर कम करने में मदद मिलती है।

बढ़ती उम्र की बेटी के लिए घर में कुछ चीजों का स्टाॅक जरूर रखना चाहिए, जिसमें शामिल है-

सैनिटरी पैड्स: आजकल बाजार में तरह-तरह के टैंपूंस, मेंन्स्ट्रुअल कप्स भी मिलते हैं, लेकिन शुरुआत में अच्छी कंपनी का सैनिटरी पैड इस्तेमाल करना ही बेहतर है। टैंपूंस और कप्स को अगर ठीक तरह से इस्तेमाल ना किया जाए, तो इससे इन्फेक्शन का खतरा रहता है। सैनिटरी पैड एक्स्ट्रा लाॅन्ग और विंग्स वाला हो, तो सहजता रहती है और उठते-बैठते समय दाग लगने का डर भी नहीं रहता।

अच्छी क्वाॅलिटी की पैंटी: पीरियड्स के समय बेटी को नयी या प्राॅपर फिटिंगवाली पैंटी ही पहनने को दें। इससे पैड हिलता नहीं है। आजकल बाजार में  खासतौर से पीरियड अंडरवियर भी मिलने लगे हैं, जो हेवी फ्लो के समय पहने जा सकते हैं। इससे भी दाग लगने का डर नहीं रहता है।

पैंटी लाइनर्स: ये सैनिटरी नैपकिन से पतले होते हैं। इन्हें पीरियड्स के पहले और आखिरी दिन इस्तेमाल किया जा सकता है, जब हेवी फृलो ना हो कर सिर्फ स्पाॅटिंग ही होती है।

इन बातों का ध्यान रखें

अपनी बेटी को पीरियड्स के दौरान साफ सफाई से जुड़ी बातों का ध्यान रखने को कहें।

उसे सैनिटरी नैपकिन को ठीक से फेंकने का तरीका बताएं। आजकल सभी सैनिटरी नैपकिंस के साथ डिज्पोजेबल बैग्स भी मिलते हैं, जिनमें फोल्ड करके नैपकिन को फेंकना बहुत आसान हो गया है। फिर भी उसे पीरियड्स से जुड़े मैनर्स जरूर सिखाएं।

अगर वह उन दिनों स्कूल जाती है, तो उसके बैग में एक एक्स्ट्रा नैपकिन के साथ एक पैंटी भी जरूर रखें, ताकि स्पाॅटिंग होने पर वह उसे बदल सके। साथ ही सैनिटाइजर भी उसके पास होना चाहिए।

नैपकिन को हर 4-5 घंटे में बदलने की आदत डालें।

पीरियड्स के दौरान पेट, पैरों और कई बार बदन दर्द होना आम बात है। हल्के फुूलके दर्द में किसी तरह की पेनकिलर ना दें। अगर दर्द बहुत ज्यादा हो, तो सिर्फ पहले दिन डाॅक्टर की सलाह पर पेन किलर दी जा सकती है। कई बार गरम पानी की सिंकाई से भी आराम मिलता है। पीरियड्स शुरू होने से पहले ब्रेस्ट हेवी होना और उनमें दर्द होना बेहद आम बात है। इससे घबराने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। इस समय तक उसे सही फिटिंग वाली ब्रा पहनाना शुरू कर दें।

अगर बाॅडी में ब्लोटिंग हो रही हो, तो हरी सब्जियां और फल खिलाएं, खाने में से नमक की मात्रा कम कर दें और इस दौरान जंक फूड भी कम खाने को दें।

पीरियड्स को ले कर मन में किसी तरह का वहम या अंधविश्वास ना पालें। आज के संदर्भ में किचन में ना जाना, अचार को ना छूना जैसे वहम बेकार हैं। इसलिए अपनी बेटी के मन में भी इस तरह की बातें ना डालें।

उसे फिजिकल एक्टिविटी करने से ना रोकें। वह जितनी एक्टिव रहेगी, पीरियड्स के दौरान उसे उतनी ही कम मुश्किलें होंगी।