Friday 01 April 2022 11:46 AM IST : By Gopal

अप्रैल फूल डे: मूर्खों को समर्पित एक दिन

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फर्स्ट अप्रैल यानी इस महीने का पहला दिन पूरी दुनिया में मूर्ख दिवस के रूप में मनाया जाता है। विदेशों में इस दिन को ऑल फूल्स डे भी कहा जाता है। ज्योफरी चाउसर की बुक द केंटबरी टेल्स (1392) में पहली अप्रैल और मूर्खता के बीच संबंध का जिक्र है। 

कुछ इतिहासकार इसकी शुरुअात 1582 से मानते हैं, जब जूलियन कैलेंडर को ग्रेगोरियन कैलेंडर में तब्दील किया गया था। जिन लोगों को इसका पता नहीं था, वे मार्च के अाखिर हफ्ते में नए साल का जश्न मनाते रहे। इस तरह वे 1 अप्रैल को मूर्ख दिवस के रूप में मनाने लगे। 

कुछ इतिहासकार इसे रोम के प्राचीन उत्सव हिलेरिया से जोड़ कर देखते हैं। इसमें कई तरह के खेल खेले जाते थे, लोग अजीबोगरीब कपड़े पहनते थे, हंसी-मजाक करते थे। ब्रिटेन में मूर्ख दिवस की शुरुअात 18वीं सदी में हुई। 

अाधुनिक समय में न्यूजपेपर, रेडियो, टीवी, ऑनलाइन सभी माध्यमों ने अप्रैल फूल्स डे को काफी कवरेज दी है। 1957 में बीबीसी ने स्पेगेटी की फसल को ले कर श्रोताओं को बेवकूफ बनाया था। पेड़ पर नूडल्स के उगाने की विधि बताने पर काफी लोग मूर्ख बने थे। फ्रांस और इटली में इस दिन बच्चे कागज की मछली बना कर मूर्ख बनाते हैं। स्कॉटलैंड में कोई भी किसी की पीठ पर ‘किक मी’ की स्लिप चिपका देता है और लोग खूब हंसते हैं। भारत में फिल्म अप्रैल फूल और उसके गीत अप्रैल फूल मनाया... में यह खास दिन हाईलाइट हुअा था।