Tuesday 21 June 2022 03:35 PM IST : By Deepak Mittal

बच्चों के लिए कुछ उपयोगी योगासन

हमने देखा कि कोविड-19 के कारण बच्चे और युवा घरों में ही रहे। स्कूल और अन्य सामाजिक कार्यक्रम बंद होने की वजह से इस उम्र के लोग अपने हमउम्र साथियों से मेल-मिलाप नहीं कर पाए। इस वजह से उनमें से अधिकांश लोगों को भावनात्मक रूप से काफी समस्याएं हो रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप उनमें गुस्सा और आक्रामक व्यवहार बढ़ रहा है अौर साथ ही सामाजिक मेलजोल में भी कमी अा रही है। ऐसी स्थिति में पारंपरिक दवाएं शायद ही कोई फर्क डाल पाएं। इसलिए योग और अन्य वैकल्पिक उपचार इस तरह की समस्या से निपटने में कारगर साबित हो सकते हैं। 

शर्मीले व डरपोक स्वभाववाले बच्चे के लिए

वीरभद्रासन या योद्धा मुद्राः यह नकारात्मकता को दूर करते हुए सहनशक्ति और आत्मविश्वास को बढ़ाता है।

- बच्चों को लंज करने को कहें। मुद्रा में आने के लिए कहें। इस मुद्रा में सामने का घुटना मुड़ा हुआ हो और कूल्हे आगे की ओर उठे हों। बच्चों को इस स्थिति में थोड़ी देर रहने दें।

- फिर उन्हें सामने के घुटने को मोड़ने के लिए कहें और बाजुओं को समानांतर रखते हुए कूल्हों को बगल की तरफ मोड़ने को कहें।

kids-yoga वीरभद्रासन, गाय-बिल्ली आसन या चक्रवाक आसन

गाय-बिल्ली आसन या चक्रवाक आसनः इससे रीढ़ मजबूत होती है और आत्मविश्वास पैदा होता है।

- बच्चों को नीचे देखते हुए उनकी गरदन को सीधा रखते हुए उनके हाथों और घुटनों पर लेटाएं।

- प्रारंभिक स्थिति में लौटने से पहले उन्हें अपनी गरदन को क्रैंक किए बिना छत की ओर देखते हुए सांस लेने दें और उनकी पीठ को उठाएं।

त्रिकोणासन या त्रिभुज मुद्रा तंत्रिकाः यह नर्वस सिस्टम को रेगुलेट करने में मदद करता है और घबराहट और चिंता कम होती है।

- इस आसन के लिए बच्चों को सीधे खड़े होने के लिए कहें और दाहिने हाथ को सामने की ओर फैलाने कहें। फिर इसे पिंडली, टखने, या दाहिने पैर की ओर फर्श पर रखवाएं।

kids-yoga-1 त्रिकोणासन, उष्ट्रासन

- इसके बाद उन्हें ऊपर की ओर देखते हुए अपने बाएं हाथों से ऊपर की ओर करने कहें। उन्हें पहलेवाली मुद्रा में लौटने दें और दूसरे पैर के साथ भी ऐसा ही कराएं।

उष्ट्रासन या ऊंट मुद्राः यह स्फूर्ति प्रदान करनेवाला आसन है, इसे करने से आत्मविश्वास बढ़ता है।

- बच्चे को घुटनों के बल बैठने कहें, दोनों हाथ उनके पैरों की पिंडलियों पर टिकाने दें। फिर धीरे-धीरे उन्हें पीछे की ओर झुकने दें और उनकी एड़ी को हाथों से पकड़ने के लिए कहें।

- इसके बाद उन्हें धीरे-धीरे प्रारंभिक मुद्रा में लौटने के लिए कहें।

गुस्सैल स्वभाव के बच्चे के लिए

बालासन या शिशु मुद्राः इस अासन से दिमाग शांत होता है और शरीर मजबूत होता है। 

- इस आसन को करने के लिए बच्चे को आराम से घुटने टेकने दें और फिर उन्हें एड़ियों पर बैठने के लिए कहें। 

- इसके बाद उन्हें कूल्हों से आगे झुकने के लिए कहें। तब तक झुकें जब तक कि उनकी छाती उनकी जांघों को ना छूने लगे, इस दौरान उनके हाथ फर्श को भी छूते रहें।

- कुछ समय के लिए इस स्थिति में उन्हें रहने दें, इसके बाद उन्हें प्रारंभिक स्थिति में आने के लिए कहें। 

मत्स्यासन या मछली मुद्राः इससे व्यक्ति को अपने गुस्से को नियंत्रित करने और तनाव से राहत दे कर मन को शांत करने में मदद मिलती है।

- इस आसन को करने के लिए बच्चे को अपने पैरों को क्रॉस करके बैठने के लिए कहें, पैर की उंगलियों को पकड़ कर और पीठ के बल झुक कर रीढ़ और गरदन को तब तक फैलाएं, जब तक कि उनका सिर फर्श को ना छूने लगे, इस दौरान उनकी पीठ झुकी हुई हो।

- उन्हें कुछ सेकेंड के लिए इस मुद्रा में रहने के लिए कहें और प्रारंभिक मुद्रा में वापस आने कहें।

सुखासन मुद्राः इससे व्यक्ति को अपनी सांस लेने की लय पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है। इस प्रकार यह उनके दिमाग को शांत करता है और ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है।

kids-yoga-2 सुखासन मुद्रा, मत्स्यासन, बालासन

- इस आसन को करने के लिए बच्चों को पैरों को क्रॉस करके फर्श पर बैठने के लिए कहें, और हाथों को घुटनों पर टिका कर पीठ को सीधा करें।

- उन्हें गहरी सांस लेने और छोड़ने के लिए कहें और करीब 5 मिनट तक इसी तरह से करने के लिए कहेंं। 

सूर्य नमस्कार और शवासन को भी काफी फायदेमंद माना जाता है, इसलिए बच्चों को इन 2 आसनों को करके अपने दिन की शुरुआत करनी चाहिए। बच्चे को योग का लाभ दिलाना चाहते हैं, तो खुद धैर्य रखें और नियमित रूप से उन्हें योग कराते रहें।