Monday 26 July 2021 04:06 PM IST : By Nisha Sinha

बरसात में सेहत, सौंदर्य अौर घर की सुरक्षा के लिए ट्राई करें ये टिप्स

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बारिश का सुहाना मौसम तपती गरमी से राहत तो दिलाता है, लेकिन इस मौसम में चारों ओर मौजूद नमी बीमारियों को भी घर बुलाती है। इनसे दूर रहने के लिए शरीर के साथ-साथ घर के कोने-कोने की साफ-सफाई जरूरी है। तभी तो आएगा बालकनी में बैठ कर चाय के साथ गरम पकौड़े खाने का मजा ! 

किचन को रखें क्लीन और कूल 

- हर तीसरे दिन किचन के सिंक और स्लैब को नमक मिले गुनगुने पानी से साफ करें। इससे बैक्टीरिया नहीं पनपेंगे। 

- हवा में मौजूद नमी के कारण इस सीजन में किचन के सामान में फूड आइटम्स और मसालों में फंगस लगने का खतरा रहता है। इसलिए बचाव जरूरी है। मसालों को एअरटाइट कंटेनर में रखें। 

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- किचन में रखे बासी या बचे हुए संक्रमित खाने को डस्टबिन में डालें, वरना बेकार हो चुके खाने का फंगस दूसरे फूड आइटम्स को खराब कर देगा। 

- बहुत दिनों से फ्रिज में रखी खाने-पीने की चीजों को निकाल फेंकें। मानसून सीजन में फ्रिज को साफ-सुथरा रखें। 

- खाने-पीने की हर चीज (पकी और अधपकी) अलग-अलग डिब्बे या जिप लॉक पाउच में स्टोर करके ही फ्रिज में रखें।

- सिंक में बरतनों का ढेर नहीं जमने दें। खाना खाते ही बरतनों को साफ कर लें। 

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-  किचन में जितने भी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट हैं, उन्हें पानी से बचा कर रखें। नमी के कारण उनसे करंट लगने का खतरा बढ़ेगा।

- नमक और चीनी के डिब्बे में चावल के कुछ दाने पोटली में बांध कर डाल कर रखने से उसमें नमी अपनी जगह नहीं बना पाएगी। 

- बिस्किट, कुकीज और चिप्स इस मौसम में तुरंत मुलायम हो जाते हैं। इससे बचाने के लिए खुले हुए बिस्किट, कुकीज और चिप्स को ब्लॉटिंग पेपर में रैप करके सूखे डिब्बों में रखें। इसे वैक्स पेपर में भी लपेट कर रखा जा सकता है। 

- कपूर के एक छोटे टुकड़े को कपड़े में बांध कर चावल के कंटेनर में रखें। इससे चावल में कीड़े नहीं लगेंगे। दालों को कड़ी धूप दिखाना नहीं भूलें।

- खाने-पीने की चीजें प्लास्टिक या अल्युमीनियम के जार के बजाय शीशे के जार में रखें। 

हेल्दी खाएं, डॉक्टर के पास ना जाएं 

- एक दिन से अधिक पुराना अंकुरित अनाज खाने से बचें। सलाद कम खाएं।

- सब्जियों में मशरूम, साग आदि खाने से बचें। इस मौसम में परवल, तोरी, लौकी, सूरन, टिंडा, ग्वारफली और करेला जैसी सब्जियां बना कर खाएं।

- केला, आम, चेरी, सेब और अनार जैसे फलों का स्वाद लें। बेमौसमी फलों को खाने से बचें, इन दिनों फलों में कीड़ा जल्दी लग जाता है। 

- राजमा और काबुली चना जैसी गैस बनाने वाली चीजों को खाने से परहेज करें। इस मौसम में वातावरण में वात उच्च स्तर पर होता है। इसलिए इससे शरीर दर्द की समस्या हो सकती है। 

- मांस, मछली, अंडा, गरम मसाले और तली-भुनी चीजों में पित्त अधिक होता है। इसलिए इन्हें भोजन में हल्की मात्रा में ही लेना चाहिए। पित्त दोष को कम करने के लिए नारियल पानी व लस्सी पिएं। 

- बच्चों के खाने में सॉस या केचप की मात्रा कम कर दें। आप भी अपने खाने में अचार से बचने की कोशिश करें। 

- डेयरी प्रोडक्ट जैसे दूध और पनीर में बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं। इससे बारिश के मौसम में संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है। बेहतर होगा कि ताजे पनीर का ही इस्तेमाल करें और दूध को अच्छी तरह उबालने के बाद गरमागरम पिएं। 

- वॉटर रिटेंशन से बचने के लिए चावल, जौ, जई जैसे अनाज से बनी चीजों को खाने में शामिल करें। इस सबमें नमी की मात्रा कम होती है। बच्चों को उबले मक्के के दाने दें, यह भी बॉडी को ड्राई रखने का काम करता है। 

- अगर आपका हाजमा जल्दी बिगड़ जाता है, तो आयुर्वेद के अनुसार बरसात के मौसम में पंचकर्म पद्धति का अनुसरण करें।

चेहरा दमकाएं, बिगड़ ना पाए

- डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. गीता फजलभोय के अनुसार मानसून सीजन में पैरों को अत्यधिक देखभाल की जरूरत होती है। पैरों की स्क्रबिंग करें, क्योंकि इस समय फंगल इन्फेक्शन की आशंका बढ़ जाती है। पैरों के लिए लैक्टिक एसिड और ग्लाइकोलिक एसिड युक्त मॉइश्चराइजर इस्तेमाल में लाएं। साथ ही यह देखें कि पैरों के नाखूनों के रंग में कोई बदलाव (सफेद या पीलापन) तो नहीं आ रहा, अगर ऐसा हो तो यह फंगल इन्फेक्शन की निशानी है, ऐसे में चिकित्सक से संपर्क करें। 

- ऑलिव ऑइल में नीम ऑइल की कुछ बूंदें मिला कर त्वचा पर लगाएं और फिर नहाएं, इससे स्किन इन्फेक्शन की समस्या नहीं आएगी। 

- नीम की पत्तियों को पानी में उबाल लें। ठंडा होने पर इसे नहाने के पानी में मिला कर इस्तेमाल करें। 

- कैंडीडा नाम के फंगस का इन्फेक्शन इस मौसम में बहुत होता है, खासकर पैरों की उंगलियों के बीच, ब्रेस्ट्स के बीच में, टमी फोल्ड्स में,जननांगों के आसपास। बेहतर होगा कि ऐसी जगहों को साफ रखें। अच्छी तरह से सूखे इनरवेअर ही पहनें। 

- बालों को गीले नहीं रहने दें। बाल बारिश में गीले हो गए हो, तो इन्हें सूखने के बाद ही बांधें, वरना स्कैल्प प्रॉब्लम हो सकती है। 

- डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. वंदना पंजाबी के अनुसार ड्राई हेअर के लिए इस मौसम में सामान्य शैंपू के बजाय केवल ड्राई हेअर के लिए बने शैंपू का ही इस्तेमाल करें। सप्ताह में एक से दो बार बालों को जरूर धोएं। ऑइली हेअर को अधिक केअर की जरूरत होती है। शैंपू कम कंडीशनर का इस्तेमाल करें। सामान्य बालों के लिए माइल्ड शैंपू और एक अच्छा कंडीशनर सही रहेगा। 

- तौलिए को धूप जरूर दिखाएं। गीले तौलिया में बैक्टीरिया पनपेंगे। इससे स्किन इन्फेक्शन की आशंका बढ़ जाती है। 

साफ रखें घर का हर कोना 

- फर्नीचर को वैक्यूम क्लीन करके सूखा रखें। गीले फर्नीचरों में फंगस जल्दी लगते हैं। 

- लकड़ी की अलमारी में चारकोल का एक टुकड़ा या कुछ लौंग रखने से नमी जाती रहेगी। 

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- दीवारों से लगे फर्नीचर को हल्का खींच लें, ताकि बारिश के कारण दीवारों में जो नमी आयी हो, उससे फर्नीचर को नुकसान ना पहुंचे। 

- पहने हुए कपड़े अलमारी में धूप दिखा कर रखें। बदबू नहीं आएगी और जीवाणु भी नहीं पनपेंगे। 

- वैक्सिंग और पॉलिशिंग करके भी फर्नीचर को मानसून सीजन में बचाया जा सकता है। 

- इस मौसम में अपने गीले जूते-चप्पलों को अच्छी तरह से सुखा कर ही शू रैक में रखें। 

- डस्टबिन को बिलकुल साफ-सुथरा रखें। किचन और बाथरूम के कोनों में पानी नहीं जमा होने दें, इससे मच्छरों के पनपने का खतरा बढ़ेगा, जो बीमारी का कारण बनेगा।