Monday 12 July 2021 02:41 PM IST : By Team Vanita

कमरे की हवा नेचुरल तरीके से कैसे साफ करें

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क्या आप जानते हैं कि घर के अंदर की हवा बाहर की हवा की तुलना में 2 से 5 गुना अधिक प्रदूषित व टॉक्सिक होती है। हम हेल्दी रहने के लिए नियमित रूप से चेकअप कराते हैं, दवाइयां खाते हैं, लेकिन यही बात भूल जाते हैं कि जिस घर के अंदर सांस ले रहे हैं, वहीं सबसे ज्यादा खतरा है। जिन गद्दों पर हम सोते हैं, उनसे ले कर बच्चे के कपड़े तक में नुकसानदायक केिमकल्स और टॉक्सिंस हो सकते हैं। टॉक्सिक गैस में सांस लेने से रैशेज, खांसी, आंखों में जलन और यहां तक कि अस्थमा की शिकायत हो सकती है। इन्सेक्टिसाइड, शैंपू, शेविंग क्रीम, कारपेट्स में से फार्मेल्डिहाइड जैसी जहरीली गैस निकलती है। सिगरेट के धुएं से भी इसी तरह की गैस निकलती है, जो हवा में प्रदूषण का एक बहुत बड़ा कारण है। इसी तरह घर के पेंट, वुडवर्क, हेअर व नेल्स प्रोडक्ट्स, क्लीनिंग प्रोडक्ट्स और डिटरजेंट्स से निकलने वाले केमिकल्स से घर में प्रदूषण होता है। 

प्रदूषण कम करने के नेचुरल तरीके

युनाइटेड किंगडम में प्रकािशत एक रिसर्च स्टडी के अनुसार दिल्ली विश्व के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में से है। आबादी का अधिक होना और फैक्टरियों व पावर प्लांट का चलना इसके मुख्य कारण हैं। दूसरे शहरों का हाल भी कोई बहुत अच्छा नहीं है। एेसे में घर की हवा का साफ होना जरूरी है, तािक उसमें हम खुल कर सांस ले सकें। इन नेचुरल तरीकों से घर का प्रदूषण कम कर सकते हैं। 

हवादार कमराः कमरा जितना हवादार होगा, उतना नमी का स्तर कम होगा। कमरे की एअर क्वॉलिटी नमी की वजह से खराब होती है। हवादार कमरा होने का मतलब दरवाजे-खिड़कियां खोलने से नहीं है, बल्कि कमरे की नम हवा को एग्जॉस्ट फैन से निकालने से है। कमरे की नमी से सबसे ज्यादा बीमारियां होने का खतरा रहता है। इसी तरह किचन का हवादार और उसमें एग्जॉस्ट का होना जरूरी है। किचन में गैस स्टोव पर खाना बनाने से घर में सबसे अधिक प्रदूषण होता है। साइंटिस्ट का कहना है कि खाना बनाते समय निकलनेवाली नाइट्रोजन डाईऑक्साइड गैस में सांस लेना सेहत के लिए अच्छा नहीं होता। यहां तक कि नहाने के बाद भी ध्यान रखें कि बाथरूम की सारी भाप व नमी निकल जाए। इससे दीवारों पर फंगस लग सकती है। नमी को हटाने के लिए एग्जॉस्ट और फैन दोनों को ऑन कर दें। 

मधुमक्खी के छत्ते की मोम से बनी कैंडलः बीवैक्स कैंडल नेचुरल एअर प्यूरीफायर की तरह काम करती है। घर में खुशबूदार कैंडल के इस्तेमाल से हवा को नुकसान पहुंचता है, जबकि बीवैक्स कैंडल हवा में घुले टॉक्सिक कंपाउंड्स को कम करती है। यह कैंडल धीरे-धीरे जलती है, इसलिए इसे थोड़ी-थोड़ी देर के बाद बदलने की जरूरत नहीं पड़ती। इनको जलाने से बहुत कम धुआं निकलता है। 

सॉल्ट लैंपः सफेद-गुलाबी सेंधा नमक से बनाया गया यह लैंप बिजली से चलता है। यह वातावरण में फैले विषैले तत्वों को बेअसर कर देता है। इसे रात के समय जला कर सो सकते हैं। जलना बंद हो जाए, तो भी यह अपना काम करता रहता है।

एक्टिवेटेड चारकोलः यह भी नेचुरल प्यूरीफायर है और हवा से टॉक्सिंस निकालने का काम करता है। 

हाउस प्लांट्सः नासा की एक स्टडी के अनुसार हाउस प्लांट्स घर की हवा को साफ और ताजा बनाए रखने में मदद करते हैं। प्रदूषित हवा के टॉक्सिन से बचा सकते हैं। घर में किसी को सांस की बीमारी है, तो ये प्लांट्स बहुत फायदेमंद हैं। घर के अंदर की हवा को फिल्टर करनेवाले प्लांट्स जैसे लिली, मनीप्लांट, एरोकेरिया लगाएं। 

असेंशियल ऑइल्सः सिनैमन, ओरिगेनो, थाइम, क्लोव, टी ट्री ऑइल वायरस, फंगस व बैक्टीरिया को नष्ट करते हैं। ये हवा में फैलने वाले बैक्टीरिया को मार देते हैं। इन्हें साबुन और डिटरजेंट में मिला कर भी इस्तेमाल कर सकते हैं।