Tuesday 29 June 2021 04:26 PM IST : By Team Vanita

इन टिप्स को आज़मा कर आप भी बन जाएंगी किचन क्वीन

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पेश हैं कुछ नए और उपयोगी किचन टिप्स, जिन्हें आजमा कर आप कुकिंग एक्सपर्ट बन सकती हैं। ये टिप्स आपकी किचन में खूब मदद करेंगी।

- ढोकले के ठीक तरह से ना फूलने पर इसे कढ़ी की पकौड़ी या इनका चूरा करके मसाला मिला कर कचौड़ी या परांठे की भरावन की तरह प्रयोग कर सकते हैं। चाहें, तो ढोकले के एक इंच के चौकोर टुकड़े काट कर तल लें। कड़ाही में थोड़ी सी हींग चटका कर गाजर, पत्तागोभी, शिमला मिर्च का लच्छा, हरी मिर्च, थोड़ा सा नमक और नीबू का रस डाल कर ढोकले के टुकड़े मिलाएं। हरे धनिए और नारियल के लच्छे के साथ परोसें।

- बहुत सारे चुकंदर हो, तो उन्हें कद्दूकस करके धूप में सुखा कर स्टोर कर लें। इनका सूप, तरी, पुलाव में अलग-अलग तरीके से इस्तेमाल करें। सब्जी की अच्छी रंगत के लिए ग्रेवी में आधा चुकंदर काट कर पीस लें।

- कमल ककड़ी में से मिट्टी निकालने के लिए इसे काट कर बहते पानी के नीचे धोएं। कुकर में कमल ककड़ी और थोड़ा सा दूध डाल कर सीटी लगवाएं। कमल ककड़ी की मिट्टी निकल जाएगी।

- इडली बनाने के लिए दाल और चावल को पीस कर मिश्रण को खमीर उठाने के लिए रखते समय बीचोंबीच एक प्याज छील कर साबुत ही रख दें। प्याज की तासीर गरम होती है, इससे कम समय में ही खमीर उठ जाएगा। इडली के बनने के बाद इडली स्टैंड में थोड़ा पानी छिड़क दें। इसके दो मिनट बाद इडली निकालें। वह आसानी से निकल जाएगी। 

- नरम इडली बनाने के लिए दाल व चावल को  अलग-अलग हल्का भून लें और इसके बाद पानी में भिगो कर रखें। ऐसा करने पर इडली नरम बनेगी और डोसा कुरकुरा।

- इडलियां बना कर एक डिब्बे में बंद कर दें। दूसरे गहरे बरतन में खौलता पानी डाल कर इस डिब्बे को उसमें रखें। इडलियां देर तक गरम रहेंगी। 

- चावल बच जाएं, तो उसमें सूजी, नमक, खट्टा दही और थोड़ा गरम पानी डाल कर मिक्सी में पीसें। इस मिश्रण से इडली बनाएं।

-  डोसे का घोल बनाते समय उड़द की दाल में थोड़ी सी चने की दाल मिला कर भिगो दें। इसमें 1/2 चम्मच मेथी के दाने डालें। घोल में 1 कटोरी मुरमुरे भी पीस कर मिला दें। डोसे क्रिस्पी बनेंगे।

- डोसा सुनहरी रंगत लिए बने, इसके लिए डोसे के घोल में नीबू का रस और 3-4 चम्मच बेसन अच्छी तरह मिला कर बनाएं।

- डोसे के घोल में खमीर पूरी तरह से ना उठे, तो उसमें आधा नीबू निचोड़ दें। इससे डोसा कुरकुरा बनेगा और तवा भी नहीं जलेगा।

- समोसे बनाते समय यदि मैदे में एक टेबल स्पून सिरका मिला दिया जाए, तो समोसे कुरकुरे बनेंगे और तेल भी कम लगेगा। चाहें, तो समोसे का आटा गूंधते समय उसमें आधे नीबू का रस निचोड़ सकते हैं। इससे समोसे खस्ता बनेंगे।

- भटूरे फटाफट बनाने हों, तो मैदे को सोडा वॉटर से गूंध लें। इसके छोटे-छोटे पेड़े बना कर हथेली में फैला लें और कड़ाही में तेल डाल कर तलें। टेस्टी भटूरे बनेंगे।

- कटहल काटने के बाद हाथ चिपचिपे होने पर नीबू से रगड़ कर साफ करें। चिपचिपापन दूर हो जाएगा।

- कटहल को छिलके सहित बड़े-बड़े टुकड़ों में काट कर अंदाज से पानी डाल कर प्रेशर कुकर में रखें। प्रेशर आने पर 5 मिनट बाद धीमी आंच पर रखें। कटहल को छलनी में डालें और सारा पानी निकल जाने दें। ठंडा होने पर कटहल का छिलका आसानी से उतर जाएगा और टुकड़े भी आसानी से हो जाएंगे।

- कटहल को रातभर के लिए फ्रिज की चिलर ट्रे के नीचे रख दें। अगले दिन फ्रिज से निकालने पर इसमें से रस नहीं टपकेगा और आसानी से कट-छिल जाएगा।

- कटहल उबालते समय दालचीनी का टुकड़ा डाल देने से कटहल जल्दी पक जाता है और स्वाद भी बढ़ जाता है।

- गुलाबजामुन घर पर बनाने पर अंदर से थोड़े सख्त बनें, तो इन्हें थोड़ी सी चाशनी के साथ प्रेशर कुकर में डालें और बिना वेट लगाए ढक्कन लगा कर कुछ मिनट के लिए धीमी आंच पर गैस पर रखें। गुलाबजामुन नरम हो जाएंगे। गुलाबजामुन चाशनी में डालने के बाद ठंडे होने पर उन पर घी की परत जमी नजर आती है। इन्हें तलते समय घी में 2 बड़े चम्मच रिफांइड ऑइल डाल दें। टेस्टी बनेंगे और उन पर घी की परत भी नहीं जमेगी।

- दही जमाने वाले बरतन के चारों तरफ थोड़ी सी फिटकरी लगा कर दही जमाएं। दही गाढ़ा और टेस्टी बनेगा। दही खट्टा जमे, तो उस पर थोड़ा पानी डाल दें। दही के साथ छेड़छाड़ किए बिना एक-डेढ़ घंटे के बाद पानी निकाल दें, खट्टापन दूर हो जाएगा। दही जमाते समय उसमें चीनी के कुछ दाने मिला दिए जाएं, तो दही मीठा जमता है। दही जमाने पर वह पानी छोड़ दे, तो उसमें नीम की लकड़ी रख देने से वह दही का पानी सोख लेता है और दही 3-4 दिन तक खराब भी नहीं होता। जमे दही में से थोड़ा सा दही इस्तेमाल करने के लिए निकालने पर उस खाली जगह में दूध भर देने से दही पानी नहीं छोड़ता।

- अचार में फफूंदी लगने से बचाने के लिए पिसी राई को पतले कपड़े में बांध कर छोटी पोटली बना लें। इसे धागे से बांध कर जार में लटका दें। राई की सुगंध से अचार खराब नहीं होगा। अचार का मसाला तैयार करते समय उसमें 1 चम्मच शक्कर मिला दी जाए, तो भी फफूंद नहीं लगती।

- कच्चे आम का अचार डालते समय तेल को थोड़ा गरम करके उसमें सबसे पहले नमक और फिर धीरे-धीरे सब मसाले डाल कर कटी हुई कैरी डाली जाए, तो अचार सालोंसाल खिला और बढि़या रहता है।

- मिर्ची का अचार डालते समय मिर्ची को धो-काट कर नमक मिला कर घंटेभर के लिए रखें। जब वह पानी छोड़ दें, तो कपड़े पर फैला कर 10-12 घंटे तक अच्छी तरह सुखा लें। इसके बाद मसाले मिला कर 2 दिन तक बरतन में रखें। मिर्च को पलटते रहें। फिर नीबू का रस मिला कर कांच की बरनी में डाल कर ऊपर से तेल डालें। मिर्ची के अचार में कभी पानी नहीं भरेगा।

- हरी मिर्च काटने के बाद हाथों में जलन हो, तो सूखे आटे व पानी की बूंदें हथेली पर ले कर दोनों हाथों में मसलें व फिर हाथ धो लें। जलन दूर होगी।

- कॉफी के डिब्बे में चावल के कुछ दाने डालें, वे मौसम की नमी सोख लेंगे और कॉफी नहीं जमेगी।

- अगर कॉफी जम गयी है, तो इसमें ठंडा पानी डाल कर रख दें। घुल जाने पर गैस पर धीमी आंच पर पकाएं। ठंडा होने पर फ्रिज में रख दें। कॉफी के जम जाने पर चीनी डाल कर फेंटें। जब चाहें, एक चम्मच कॉफी कप में डाल कर ऊपर से खौलता हुआ दूध-पानी डालें। झागदार बढ़िया कॉफी बनेगी।

- पुदीने की पत्तियां डाल कर चाय बनायी जाए, तो ना केवल इसका स्वाद अच्छा हो जाता है, बल्कि ठंडक भी मिलती है। ताजगी का अहसास भी होता है।