पुरुषों के कंडोम इस्तेमाल करने से महिला अनचाही प्रेगनेंसी से बच जाती है। फीमेल कॉन्ट्रासेप्टिव की तुलना में इसे अपनाना अासान है। क्यों पुरुष कंडोम इस्तेमाल करने से बचते हैं?

इंडियन जर्नल अॉफ कम्युनिटी मेडिसिन द्वारा 500 महिलाअों पर कराए गए ताजा एक सर्वे में पाया गया कि भारतीय पुरुष कंडोम इस्तेमाल करने से बचते हैं। 46 प्रतिशत महिलाअों ने माना कि उनके पति को कंडोम का इस्तेमाल पसंद नहीं है। 39 प्रतिशत महिलाअों का कहना था कि पति ने जबर्दस्ती कंडोम के बगैर संबंध बनाए। यहां सवाल उठता है कि पति ऐसा क्यों करते हैं? उसकी कुछ बड़ी वजह हैं-
⇛ पहली अपना वर्चस्व जतलाने अौर पत्नी पर पूरा कंट्रोल महसूस करने के लिए अनसेफ दिनों में बगैर कंडोम के शारीरिक संबंध बनाते हैं, हालांकि यह उन पुरुषों की कुंठित मानसिकता का नतीजा है।
⇛ जब पत्नी पति से किसी बात को ले कर सहमत नहीं होती, तो पति गुस्से में कंडोम जानबूझ कर इस्तेमाल नहीं करते, ताकि पत्नी प्रेगनेंसी के रिस्क अौर अाशंका से परेशान रहे। पति के द्वारा किए जानेवाले खराब बर्ताव में हिंसा, गालीगलौज के अलावा कॉन्ट्रासेप्टिव का इस्तेमाल ना करना भी शामिल है। पति को कंडोम का इस्तेमाल करना पसंद नहीं है, इसलिए इसे टालता है।
मिशिगन स्टेट युनिवर्सिटी द्वारा 16-29 उम्र की महिलाअों पर की गयी रिसर्च में 182 महिलाअों ने कहा कि उनके पार्टनर इंटरकोर्स के दौरान जबरन कंडोम निकाल देते हैं। तीस महिलाअों का कहना था कि इस स्थिति से बचने के लिए उन्होंने कंडोम पहले से साथ रखे, पर यह बात पता चलने पर पार्टनर ने सेक्स से पहले कंडोम नष्ट कर दिए या गायब कर दिए, ताकि इस्तेमाल ना करना पड़े।
सिर्फ भारत में अविवाहित या विवाहित महिलाएं इस तरह के अत्याचार की शिकार नहीं होतीं, बल्कि अमेरिका अौर फ्रांस में भी कई महिलाअों ने अपने पति व पार्टनर द्वारा ऐन वक्त पर कंडोम निकाले जाने की बात स्वीकारी। पुरुषों पर की गयी एक रिसर्च में उन्होंने स्वीकारा कि वे ऐसा ज्यादा से ज्यादा लड़कियों को प्रेगनेेंट करके रेकॉर्ड बनाने के लिए करते हैं, तो कुछ सीमेन की ताकत को परखने के लिए कंडोम का इस्तेमाल नहीं करते।
सीनियर गाइनीकोलॉजिस्ट डॉ. अर्चना धवन ने पत्नी को बार-बार अनवांटेड प्रेगनेंसी से बचाने के लिए पतियोें की काउंसलिंग भी की। राय दी कि वे नसबंदी करा लें, मगर नतीजा जीरो रहा। पतियों में मेल ईगो जबर्दस्त होता है। कंडोम इस्तेमाल करना मेल सुपिरियोरिटी का मुद्दा बन जाता है। उनको लगता है कि हम क्यों कंडोम इस्तेमाल करें, कॉन्ट्रासेप्टिव पत्नी इस्तेमाल करे, परेशानी उसकी है। कंडोम अकेला ऐसा कॉन्ट्रासेप्टिव है, जिसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता।
वही महिलाअों को जो कॉन्ट्रासेप्टिव दिए जाते हैं, जैसे कि कॉपरटी, मल्टीलोड, पिल्स या इन्जेक्शन उन सबके साइड इफेक्ट्स हैं। कंडोम के इस्तेमाल से सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज भी नहीं होतीं। सभी स्त्री रोग विशेषज्ञों का मानना है कि 90 प्रतिशत पुरुष कंडोम इस्तेमाल करने से बचते हैं। लिहाजा अनचाही प्रेगनेंसी होने की स्थिति में लड़कियां इमरजेंसी पिल्स लेती हैं। अाई पिल के साइड इफेक्ट जबर्दस्त होते हैं, क्योंकि सभी गोलियों में केमिकल होता है। लगभग 90 प्रतिशत महिलाएं इनके साइड इफेक्ट्स का शिकार होती हैं।
प्रेगनेंसी के डर से महिला सेक्स एंजॉय नहीं कर पाती अौर अकसर पुरुष सेक्स अौर प्रेगनेंसी को हथियार बना कर इस्तेमाल करते हैं ।

वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. विशाखा मुंजाल का कहना है कि कई बार पुरुष जननांग में एलर्जी या कोई इन्फेक्शन होने पर भी कंडोम इस्तेमाल नहीं करते। ऐसे में इन्फेक्शन की शिकार होने पर पत्नी इलाज के लिए हमारे पास अाती हैं। वह बेवजह तकलीफ झेलती है। कंडोम के इस्तेमाल करते, तो यह समस्या ही नहीं होती। पति अपने कष्ट में पत्नी को हिस्सेदार बना लेते हैं, वह भी पूरे हक से। दरअसल पुरुषों पर पत्नी को इन्फेक्शन या अनवांटेड प्रेगनेंसी होने से कोई फर्क नहीं पड़ता है। पति को सिर्फ अपने चरम अानंद से लेना-देना है। पत्नी की सेहत अौर परेशानियों से कुछ मतलब नहीं। जबकि पत्नी के शरीर की बीमारियों से बचाए रखने के लिए उनका फर्ज है कि वे कंडोम इस्तेमाल करें।
कृष मेटरनिटी एंड गाइनी क्लीनिक, नोएडा में सीनियर गाइनीकोलॉजिस्ट डॉ. रेनू अवाना के पास ऐसी कई महिलाएं अाती हैं, जो ये शिकायत करती हैं कि उनके पति कहने पर भी कंडोम इस्तेमाल नहीं करते। मेल पार्टनर को लगता है कि कंडोम का इस्तेमाल उनके सेक्सुअल सेटिस्फेक्शन को कम करता है।
दिल्ली के सर गंगा राम हॉस्पिटल में सीनियर कंसल्टेंट अौर क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. रोमा कुमार की राय में ‘‘कंडोम का इस्तेमाल नहीं करने के पीछे पुरुष की यह मानसिकता है कि वे अपने अॉर्गेज्म में रत्तीभर की कमी नहीं चाहते। पत्नी के सुख की उनको परवाह नहीं होती। सुख के फोकस में वे खुद होते हैं। कई बार खुद को उत्तेजित महसूस करने के लिए स्त्री-पुरुष पोर्नोग्राफी देखते हैं। उसमें भी कंडोम का इस्तेमाल नहीं दिखाया जाता है। इससे अादमी के दिमाग में यह बैठ जाता है कि कंडोम के इस्तेमाल की जरूरत नहीं है, यह चरम सुख में रुकावट है।’’
डॉ. विशाखा मुंजाल का मानना है कि िस्त्रयां भी कंडोम इस्तेमाल कर सकती हैं, पर महिला कंडोम को इस्तेमाल करना बहुत मुश्किल है। वह अासानी से मिलता भी नहीं है। कंफर्टेबल नहीं है। इसलिए महिलाएं पिल्स, इन्जेक्शन, कॉपर टी अादि पर भरोसा करती हैं, जबकि इनका फेलियर रेट ज्यादा है। अगर महिला अनचाही प्रेगनेंसी से बचने के लिए पुरुष को बिना कंडोम के सेक्स करने से मना करने का साहस पैदा कर ले, तो वह अपनी शारीरिक-मानसिक दुर्गति होने से रोक सकती है। यह सब अासान नहीं है, उसे पति को मना करने के नतीजे झेलने पड़ेंगे। पर मुखर होने का, अपनी बात कहने का फायदा भी उसको जरूर मिलेगा। कोशिश अकेले उसी को करनी होगी।