अमेरिकन कॉलेज ऑफ आब्सटीट्रिशियन एंड गाइनीकोलॉजिस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार 90 प्रतिशत महिलाएं जीवन में कभी ना कभी सेक्स के दौरान दर्द झेलती हैं। लेकिन झिझक के कारण किसी को बता नहीं पातीं। यह दिक्कत मेनापॉज के समय ज्यादा बढ़ जाती है, ऐसा शरीर में तेजी से घटते हारमोन इस्ट्रोजन की वजह से होता है। नोएडा के मदरहुड हॉस्पिटल में गाइनीकोलॉजिस्ट संदीप चड्ढा का कहना है, ‘‘सेक्स के दौरान बार-बार होनेवाला दर्द आमतौर पर इंटरकोर्स से पहले, उसके दौरान और इंटरकोर्स के बाद होता है।’’
क्या हैं लक्षण
- सेक्स में पेनिट्रेशन के दौरान दर्द
- टैंपून के इस्तेमाल से भी दर्द महसूस होना
- वेजाइना में जलन या तेज दर्द
- इंटरकोर्स के बाद देर तक रहनेवाला दर्द
क्या हैं कारण
डॉ. संदीप चड्ढा का कहना है पेनफुल सेक्स की शारीरिक वजह इस बात पर निर्भर करती है कि किसी महिला को दर्द कब महसूस होता है, सिर्फ शुरुआत में एंट्री के समय या फिर पेनिट्रेशन के दौरान। वहीं कुछ भावनात्मक कारण भी इसमें शामिल हैं।
लुब्रिकेशन की कमीः मेनोपॉज, डिलीवरी के बाद, ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली महिलाअों में इस्ट्रोजन हारमोन का स्तर बढ़ने के कारण वेजाइना में ड्राईनेस होती है और लुब्रिकेशन देर से होता है। एंटी डिप्रेसेंट्स, हाई बीपी की दवाएं, नींद की गोली और कुछ बर्थ कंट्रोल पिल्स भी कम लुब्रिकेशन की वजह हो सकते हैं।
इंजरी, ट्रामा या इरिटेशनः एक्सीडेंट, पेल्विक सर्जरी या फिर नॉर्मल चाइल्ड बर्थ के दौरान
वेजाइना में लगाया गया कट पेनफुल सेक्स की वजह है। यूटरस रिमूव होने या फिर कैंसर के दौरान दी जानेवाली रेडिएशन व कीमोथेरैपी भी इसकी वजह हैं।
इन्फेक्शन, स्किन डिस्ऑर्डरः जेनाइटल एरिया में इन्फेक्शन या यूटीआई भी इंटरकोर्स के दौरान पेन की वजह हो सकता है। इन्फेक्शन के अलावा वेजाइना में एग्जीमा, स्किन प्रॉब्लम, वेजाइनल वॉल की मसल्स टाइट होना सेक्स के दौरान दर्द दे सकता है।
कुछ गंभीर बीमारियांः एंडोमीट्रियोसिस, पेल्विक इन्फ्लामेटरी डिजीज, यूटराइन प्रोलैप्स, फाइब्रॉइड्स, साइटीटिस, ईरिटेबल बाउल सिंड्रोम, हेमरैज या सिस्ट की वजह से सेक्स इच्छा में कमी और सेक्स के दौरान दर्द हो सकता है।
मानसिक कारणः एंग्जाइटी, डिप्रेशन, बॉडी शेप को ले कर कॉन्फिडेंट ना होने से अराउजल में कमी रहती है और महिलाएं असहज महसूस करने लगती हैं। जब दिमाग में कोई स्ट्रेस रहता है, तो भी पेल्विक मसल्स टाइट होने लगती हैं।
बात करने से ना शर्माएं
सेक्स के दौरान होने वाला दर्द किस तरह का है, और उसकी क्या वजह है, इसी को देखते हुए उसका इलाज किया जाता है। लेकिन यह जरूरी है कि इस समस्या के बारे में महिलाएं अपनी गाइनीकोलॉजिस्ट से खुल कर बात करें।
- मेनोपॉज के केसेज में डॉक्टर लुब्रिकेशन क्रीम लगाने की सलाह देते हैं। वेजाइना की मसल्स को रिलैक्स करनेवाली एक्सरसाइज भी मददगार साबित होती हैं।
- इंटरकोर्स के दौरान लगातार दर्द होने से मन में सेक्स को ले कर डर बैठ जाता है और कम स्टिमुलेशन होता है। इस स्थिति में काउंसलिंग की जरूरत होती है। ऐसे में कंजेनाइटल बिहेवियर थेरैपी भी मदद करती है।