Wednesday 07 June 2023 04:02 PM IST : By Ruby Mohanty

दांपत्य सुख में कभी दिल बोले ना, कभी बोले हां! हां!

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जब कपल्स के बीच एक की सेक्सुअल इच्छा ज्यादा और दूसरे की कम हो, तो ऐसे में वैवाहिक रिश्ते में थोड़ी परेशानी आती है। इस बेमेल स्थिति को सेक्सुअल इनकंपैटिबिलिटी कहते हैं। कपल्स में रोमांटिक रिलेशनशिप की कंपैटिबिलिटी को तीन स्तरों पर आंका जाता है। पहला, दोनों पार्टनर की सोच-समझ कितनी मेल खाती है। दूसरा, दोनों अपनी भावनाओं को किस तरह से अभिव्यक्त करते हैं। तीसरा है सेक्सुअल तालमेल, जो हमेशा मैच करे, जरूरी नहीं। ज्यादातर भारतीय महिलाओं में सेक्सुअल डिजायर कम और पुरुषों में ज्यादा देखी गई है। महिलाएं अपनी सेक्स से जुड़ी इच्छाओं को व्यक्त नहीं कर पाती हैं या कई बार सेक्स एंजॉय नहीं कर पाती हैं। पुरुष सेक्स को शरीर के लिए जरूरी क्रिया से ज्यादा कुछ और नहीं समझता। ऐसी स्थिति में पार्टनर्स को आपस में बात करने की जरूरत है कि वे दोनों किस तरह एक-दूसरे के साथ सेक्सुअल बैलेंस रख सकते हैं। एक-दूसरे के मन को तैयार करना होगा व बिना एक-दूसरे को तकलीफ पहुंचाए दोनों की उम्मीदों को पूरा करने की जरूरत है।

मन को कैसे तैयार करें

यह देखनेवाली बात है कि दंपती सेक्स की प्रक्रिया को ले कर क्या
समझते हैं। यह महज एक शारीरिक प्रक्रिया नहीं होती, बहुत हद तक इमोशनल भी होती है। अगर दोनों के बीच सेक्सुअल तालमेल सही नहीं, तो रिश्ता बहुत मशीनी
हो जाता है। जिसका सेक्स के लिए मन नहीं है, वह तो बहुत यंत्रवत शामिल (मैकेनिकली इंवॉल्व) होता ही है, पर जो सेक्स में इंवॉल्व होता है, वो भी मैकेनिकल ही इंवॉल्व होता
है, क्योंकि वह जानता है कि उसका साथी मन से इंवॉल्व नहीं हो रहा है।एक-दूसरे के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं, जिसमें साथ में मूवी देखें या साथ में हाथ पकड़ कर घूमने जाएं। इससे शरीर वाॅर्मअप होगा। सेक्स के लिए मन नहीं भी हो, तो भी तन इसके लिए तैयार और खुश होगा। सेक्स को सिर्फ तन की जरूरत पूरी करने का जरिया ना बनाएं। बल्कि इमोशनल लेवल पर कनेक्ट होने की कोशिश करें।

सेक्सुअल फैंटेसी और लिबिडो

सेक्स का कनेक्शन 70 प्रतिशत दिमाग से है और 30 प्रतिशत शरीर से है। मानसिक रूप से अगर आप अपने आपको स्टिमुलेट करते हैं, तो तय है कि शारीरिक तौर पर स्टिमुलेट खुद ब खुद हो जाएंगे। सेक्सुअल लाइफ में सेक्स फैंटेसी का रोल तभी होता है, जब कपल्स इसके लिए तैयार हों। सेक्स की कल्पनाओं के माध्यम से वे चरम सुख की प्राप्ति करते हैं। वे दोनों अगर अपनी-अपनी फैंटेसी शेअर भी करें, तो यह एक-दूसरे की भी सेक्सुअल डिजायर को जगाता है और सेक्स हारमोन्स धीरे धीरे सक्रिय होने लगते हैं। देखा जाए, तो असल जिंदगी में रोमांस का स्कोप काफी कम हो जाता है। फैंटेसी का सहारा लेने से और एक-दूसरे से सेक्सुअल फैंटसी शेअर करने से, तनाव कम होता है और कपल एंजॉय करते हैं। मन शांत होता है ।

हेल्पफुल सेक्स टॉएज

कुछ लोग खुद की सेक्सुएलिटी को ले कर अवेयर नहीं होते कि उन्हें क्या चीजें रिलैक्स और खुश कर सकती हैं। इस स्थिति में सेक्स टॉएज मददगार हो सकते हैं। ये ना सिर्फ बॉडी को स्टिमुलेट करते हैं, बल्कि अपनी बॉडी को एक्सप्लोर करने में मदद भी करते हैं। इससे सेक्स में रुचि होने लगती हैं और कपल्स अपने पार्टनर्स के साथ सेक्सुअल एक्ट अच्छी तरह से कर सकते हैं। ये उनमें कॉन्फिडेंस लाते हैं।