स्त्री पुरुष की सेक्सुअल लाइफ सुखद अौर रोमांच से भरी हो, तो बोरियत कभी पास नहीं फटकती। लेकिन यह कैसे हो? सेक्सुअल प्लेजर की कोशिश तो स्त्री अौर पुरुष दोनों की अोर से होनी चाहिए तभी सेक्स तृप्तिभरा होगा। मनोवैज्ञानिकाें का कहना है कि ‘अॉर्गेज्म’ शब्द सेक्स के लिए हौवा नहीं है। यह वह शब्द है, जिसमें बहुत सारी बातें एक-दूसरे से जुड़ी हैं। कई शोध भी इस बात की अोर इशारा करते हैं कि सेक्स में कपल का एक साथ मानसिक अौर शारीरिक तौर से शामिल होना जरूरी है, जिससे दोनों को एक साथ अॉर्गेज्म का सुख मिले। एक संसर्ग का सुख ले अौर दूसरा अतृप्त रहे, तो यह तन-मन के लिए सही नहीं है। वरिष्ठ मनोचिकित्क डॉ. अनुनीत सबरवाल कहते हैं कि स्त्री को अॉर्गेज्म नहीं मिल पाने पर वह हिस्टिरिया, माइग्रेन, डिप्रेशन, इंसोम्निया जैसी कई तरह की गंभीर बीमारियों की गिरफ्त में अा सकती है। इसीलिए खासतौर पर स्त्री का संतुष्ट होना बहुत जरूरी है। सबसे पहले स्त्री अौर पुरुष दोनों को समझना होगा कि अॉर्गेज्म अौर इंटरकोर्स में क्या अंतर है। पुरुष को सेक्सुअल इंटरकोर्स से 100 प्रतिशत अॉर्गेज्म हो जाता है, जबकि 80 प्रतिशत स्त्री के साथ ऐसा नहीं है। उन्हें क्लाइटोरिस के स्टिम्युलेशन से अॉर्गेज्म होता है। पुरुष के अॉर्गेज्म का समय 5-7 मिनट का होता है, जबकि िस्त्रयों का अॉर्गेज्म का समय 20 मिनट तक रह सकता है।
ज्यादातर कपल्स को ये बातें मालूम नहीं होतीं। इसीलिए दोनों अॉर्गेज्म का सुख नहीं ले पाते। पुरुष को इंटरकोर्स से पहले अौर फोरप्ले के समय बहुत धैर्य रखने की जरूरत है। इंटरकोर्स पर फोकस ना करते हुए फोरप्ले पर ध्यान दें, तो स्त्री तन-मन से संतुष्ट होगी। अगर फिर भी पुरुष को लगता है कि उसकी पार्टनर को क्लाइमेक्स में पहुंचने में जरूरत से ज्यादा देरी होती है, तो वह अपनी साथी को संतुष्ट करने के लिए मैस्टरबेशन, अोरल सेक्स का सहारा ले सकता है।
अच्छी सेक्स लाइफ के लिए सिर्फ इंटरकोर्स ही नहीं, बल्कि फोरप्ले अौर मसाज भी मायने रखती है। कपल्स अगर इसके महत्व को समझें, तो सेक्स में क्लाइमेक्स तक अासानी से पहुंचा जा सकता है। फोरप्ले में इन दिनों ‘फैंटेसी रोल’ भी मददगार साबित हो रहे हैं। इसके लिए यह अौर भी जरूरी है कि दोनों साथी एक-दूसरे से सेक्स को ले कर अपनी कल्पनाएं शेअर करें व उसी अंदाज में रोल अदा करें। कुछ सेक्सी बातचीत करें, ‘एडल्ट गेम्स’ भी खेले जा सकते हैं। कई कंडोम कंपनियां अपने कंडोम प्रोडक्ट के बॉक्स पर एडल्ट गेम्स अौर तरह-तरह के लव अासन की गाइडलाइंस भी देती हैं। ये सारे गेम्स तन की उत्तेजना को बढ़ाते हैं अौर कपल्स को तन-मन से करीब लाते हैं।
अाउटडोर एक्टिविटी से दंपती के बीच अच्छी बॉन्डिंग होती है। एक-दो बार साथ ट्रेकिंग करने पर एक-दूसरे के व्यक्तित्व से रूबरू होते हैं। ट्रेकिंग के थ्रिल अौर मस्ती दोनों को एक-दूसरे ज्यादा करीब लाते हैं। साथ वॉक करें या एक साथ संडे ड्राइव पर जाएं, कोई भी अाउटडोर एक्टिविटी दोनों को भावनात्मक तौर पर एक-दूसरे से जोड़ते हैं।
डॉ. सबरवाल के मुताबिक कपल्स को कुछ बातों पर गौर करने की जरूरत है—
एक साथी दूसरे की तुलना में अगर सेक्स में कम रुचि दिखाता है, तो इसका मतलब यह नहीं कि उसे अपने साथी में रुचि नहीं, बल्कि इस बात की ज्यादा संभावना है कि उसकी सेक्स में रुचि अपने साथी की तुलना में कम है। बेहतर होगा कि इंटरकोर्स पर फोकस करने की जगह ज्यादा से ज्यादा फोरप्ले पर फोकस करें। चरम सुख की प्राप्ति जल्दी होगी।
अॉर्गेज्म की पहली शर्त है, वेजाइना ड्राई नहीं होनी चाहिए। अगर इंटरकोर्स के दौरान नेचुरल लुब्रिकेशन नहीं है, तो सिलिकॉन बेस्ड लुब्रिकेंट इस्तेमाल करें, जिससे दर्द या किसी तरह की असहजता ना हो अौर स्त्री को अॉर्गेज्म में पहुंचने में मदद मिले।
तनाव अौर सिर दर्द की परेशानी है, तो सेक्स से दूर जाने की जगह एक-दूसरे के साथ अपनी फीलिंग्स शेअर करें। मन रिलैक्स होते ही मस्तिष्क में डोपामाइन नाम का केमिकल बनने लगेगा। उत्तेजना बढ़ेगी, दोनों करीब अाएंगे अौर सेक्स में जल्दी अाॅर्गेज्म भी मिलेगा।
जिस तरह सिर अौर बालों की जड़ों में उत्तेजना ज्यादा महसूस होती है, ठीक उसी तरह पैरों पर भी उत्तेजना का असर होता है। अॉर्गेज्म में जल्दी उत्तेजना पाने के लिए एक-दूसरे को फुट मसाज दें। इसे फोरप्ले का खास हिस्सा मानें।
एक ही तरह की सेक्स पोजिशन करने पर शरीर को उसकी अादत हो जाती है। इसीलिए सेक्स पोजिशन में बदलाव जरूरी है।