Wednesday 23 June 2021 12:50 PM IST : By Ruby Mohanty

बेवफाई नहीं थोड़ी बहुत फ़्लर्टिंग चलेगी

flirting

सुनने में तो अजीब लगता है, पर मनोचिकित्सकों और शोध की मानें, तो सच है एक हद तक फ्लर्टिंग ना सिर्फ रिश्ते और व्यक्तित्व पर पॉजिटिव असर डालती है, बल्कि व्यक्ति खुद भी स्ट्रेस फ्री रहता है। कैसी फ्लर्टिंग, किस हद तक फ्लर्टिंग, किससे फ्लर्टिंग इन सारे पहलुओं पर नजर डालें, तो हम सभी फ्लर्टिंग को आसानी से स्वी्कार कर सकते हैं, बशर्ते वह सिर्फ फ्लर्टिंग हो।

किसी के साथ ठीकठाक रिश्ते में रहने के बावजूद अगर कोई किसी दूसरे के साथ फ्लर्ट करता है, तो यह उस व्यक्ति विशेष के तन-मन पर अच्छा प्रभाव डाल सकता है। पर हो सकता है यह उसके साथी को अच्छा ना लगे। फ्लर्टिंग को बिना परिभाषा में बांधे इसे सहजता के साथ समझा जाए, तो मालूम होगा कि यह व्यक्तित्व को निखारने जैसा है। फ्लर्टिंग पर विदेशों में कई शोध हुए हैं। इस डिजिटल एज में खुद को खुश रखने के लिए और सोशली स्मार्ट दिखाने के लिए फ्लर्टिंग व्यक्तित्व का एक हिस्सा बनता जा रहा है।

फ्लर्टिंग 2 तरह से होती हैं। पहला आप इसे हेल्दी रूप में लेना चाहते हैं, तो यह आपको खुश रख सकती है। दूसरा आप इमोशनली किसी से जुड़ाव महसूस करते हैं, तो कई बार यह शुरू-शुरू में अच्छा लगती है, पर जरूरत से ज्यादा हो जाए, तो किसी परेशानी में पड़ते देर नहीं लगती। एब्यूसिव फ्लर्टिंग कभी भी अच्छी नहीं होती। इसमें कोई इमोशनल अटैचमेंट नहीं होती। अपोलो हॉस्पिटल, दिल्ली की मनोचिकित्सक तब्बसुम शेख बताती हैं कि उनकी एक क्लाइंट जिसकी 18 साल की मैरिड लाइफ में पति के ऑफिस फ्लर्टिंग के मामले इतने ज्यादा बढ़ गए कि पत्नी के शक और नाराजगी से अच्छा रिश्ता खत्म हो गया। फ्लर्टिंग कुछ देर के लिए हो, तो ज्यादा अच्छा है, इसमें आप खुश भी रहेंगे। फ्लर्टिंग से पहले आपके फंडे क्लीअर होने चाहिए कि आप अपने रिश्ते में क्या चाहते हैं। लोग फ्लर्टिंग करते-करते इमोशनली अटैच होने लगते हैं, वहीं से गड़बड़ी शुरू होती है। उन्हें इस बात का अहसास तब होता है जब पानी सिर के ऊपर से निकल जाता है। फ्लर्टिंग करते समय यह भी संदेश देना जरूरी है कि मैं भविष्य में कोई कमिटमेंट नहीं चाहता बस इतना ही काफी है। आज के दौर में अपने रिश्ते में क्लीयरिटी रखना बहुत जरूरी है। प्रोफेसर डेविड ड्राईडेन हैंनिंगसन ‘लिटरेचर ऑन फ्लर्टिंग’ विषय पर हुए शोध में बताते हैं कि कोई भी शख्स खास वजहों सें फ्लर्टिंग करना पसंद करता है। फ्लर्टिंग में स्त्रियां हल्की-फुल्की तारीफ और तोहफे चाहती हैं, जबकि पुरुष फ्लर्टिंग में आगे बढ़ जाते हैं और यौन संबंध तक बनाना चाहते हैं। कुछ लोग फ्लर्ट को एक सपोर्ट की तरह देखते हैं, जबकि कुछ लोग रिश्ते को गहरा बनाने के लिए फ्लर्ट करते हैं।

इमोशन की बाउंड्री

हर रिश्ते में अपने-अपने रूल होते हैं। कुछ रिश्ते में फ्लर्टिंग की इजाजत होती है और कुछ रिश्तों में पूरी तरह से पाबंदी। दिल्ली के वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. अनुनीत सबरवाल का मानना है, ‘यह व्यक्ति और रिश्ते पर निर्भर होता है कि आखिर पार्टनर एक-दूसरे के प्रति कितने पजेसिव हैं। वे एक-दूसरे को कितनी छूट देते हैं। कुछ फ्लर्टिंग सिर्फ मजाकभर के लिए होती है, जबकि कुछ फ्लर्टिंग रोमांटिक और कभी-कभी सिर्फ हुक्ड अप या सेक्सुअल रिलेशनशिप के लिए होती है। फ्लर्टिंग की लिमिट कितनी हो, यह फ्लर्टिंग करनेवाले के साथी पर निर्भर करती है। उसकी पत्नी या उसका पति किसी अन्य के साथ कितनी फ्लर्टिंग कर सकता है, किस हद तक फ्लर्टिंग कर सकता है और वह इसे सहजता के साथ स्वीकार पाएगी या पाएगा। अगर मल्टीपल पार्टनर के साथ इन्वाॅल्व होने में कोई आपत्ति नहीं है, तो दोनों पार्टनर को ही फ्लर्टिंग की छूट होती है। जो लोग बहुत मोनोटोनस होते हैं, उनके लिए फ्लर्टिंग पूरी तरह से ना है।’’ कुछ लोग इमोशनली और सेक्सुअली नीरस तो होते हैं, पर हल्की-फुल्की फ्लर्टिंग से उन्हें गुरेज नहीं होता। फ्लर्टिंग के अलग-अलग स्तर होते हैं। हल्के स्तर की फ्लर्टिंग में हल्की-फुल्की छेड़छाड़ होती है, मजाक होता है। सुंदरता और पर्सनेलिटी की तारीफ होती है, जबकि गंभीर स्तर की फ्लर्टिंग में द्विअर्थी मजाक किया जाता है। सेक्सुअल बेचैनी या जरूरत को दिखाते कुछ शारीरिक संकेत भी इसमें शामिल हो सकते हैं। उससे कपल के रिश्ते में दिक्कत आनी शुरू होती है। रिश्ते में सहजता खत्म होनी शुरू हो जाती है। एक विदेशी मनोचिकित्सक और लेखक अपनी किताब ‘डिफाइंग एजिंग’ में लिखते हैं कि अगर शारीरिक और भावनात्मक जरूरत पूरी करने लिए फ्लर्टिंग की जा रही हो, तो यह साथी से चीटिंग है। दायरे में किया गया फ्लर्ट हमेशा से समाज, परिवार और रिश्ते में स्वीकार्य होता है।

फ्लर्टिंग और मेंटल हेल्थ

तनाव से इम्यून सिस्टम डाउन होता है। तबीयत भी जल्दी खराब होती है। दिनभर के स्ट्रेस से दिमाग हमेशा भारी रहता है, पर दायरे में की गयी फ्लर्टिंग मेंटल हेल्थ को ठीक रखती है। मेंटल हेल्थ और फिजिकल हेल्थ का आधार खुश रहना होता है। कोई भी ऐसी बात, जिससे हमें खुशी और आराम मिलता है, वह करनी चाहिए। फ्लर्टिंग से स्ट्रेस दूर होता है। यह आत्मविश्वास बढ़ाता है। आपके लुक को इंप्रूव करता है। आपको खूबसूरत दिखने और वर्क आउट करने के लिए मन में उत्साह पैदा करता है। पर फ्लर्टिंग किस प्रकार की होगी, इस पर ध्यान देना जरूरी है, क्योंकि उससे आपका व्यक्तित्व प्रभावित होता है। कुछ लोग स्वभावगत फ्लर्ट करते हैं। विदेशी डेटिंग कोच मैडेलिन मैसन का मानना है कि हर शख्स की अपनी सोच, स्वभाव और दायरे हैं। कुछ को टेक्स्ट मैसेजिंग की फ्लर्टिंग सामान्य लगती है, जबकि यही बात किसी दूसरे शख्स को इमोशनल चीटिंग महसूस हो सकती है। अगर कोई किसी के साथ रिश्ते में है, तो उसे फ्लर्टिंग का दायरा खुद समझने की कोशिश करनी होगी।