Thursday 18 March 2021 10:42 AM IST : By Meena Pandey

आलसी पति को कैसे सुधारें

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एक सर्वे के अनुसार, ज्यादातर पति आलसी या कमचोर होते हैं। पहले जो बेटा अपनी मां का आगे से आगे हाथ बंटाता था, शादी बाद एकदम हाथ-पैर छोड़ देता है। पति बनते ही मिस्टर आराम से लेट कर अखबार पढ़ते हैं। नाश्ता उनको वहीं चाहिए। चाय-कॉफी की फरमाइश भी चलती रहती है। लेकिन वे बेचारे भी क्या करें? पति बनते ही उनको लगता है कि वे हुकुम चलाने के लिए ही हैं। लेकिन द काउंसलिंग इंस्टिट्यूट की फाउंडर, कोच निशू शुक्ला को हसबैंड को कामचोर कहने पर एतराज है। उनके अनुसार, ये कामचोर नहीं लेजी हसबैंड हैं। अगर मां ने बेटे को इस तरह पाला है कि घर का कोई काम नहीं करना, तुम बैठो, ये औरतों के काम हैं, तो वह उसी तरह अपनी पत्नी को ट्रीट करेगा। घर के काम औरतें के ही जिम्मे हैं, इस धारणा को तोड़ने में समय लग रहा है। अगर आदमी ऑफिस से 10-12 घंटे काम कर रहा है, तो औरतें भी 12 घंटे ऑफिस से काम करके घर लौट रही हैं। इसलिए अब ऐसी तकरारें काफी बढ़ रही हैं जिनमें पत्नी शिकायत करती है कि मैं ही क्यों बच्चों को संभालूंगी, तुम भी संभालो। गृहस्थी की शुरुआत में ना तो घर में बहुत जिम्मेदारियां होती हैं और ना ही ऑफिस में। समय और तरक्की के साथ जिम्मेदारियां बढ़ती हैं। यह भी सोचना चाहिए कि अगर कोई व्यक्ति 12 घंटे काम करके आ रहा है, उस पर उसे घर के काम करने का शौक भी नहीं है, तो वह काम में हाथ बंटाने की कोशिश क्यों करेगा। कई बार बीवियां आगे से आगे काम करके पति को आलसी बना देती हैं, जब पति की आदत बिगड़ जाती है, तो शिकायत करती हैं। पहले मां आदतें बिगाड़ती है, फिर बहनें और पत्नी भी शुरुआत में ऐसा ही व्यवहार करती है।

पत्नियां भी जिम्मेदार

यह दरअसल, औरतों की इमोशनल एनर्जी होती है, जिसकी लहर पर सवार वे घर-बाहर के सारे काम निबटाती जाती हैं। वे बच्चों, पति, घर ऑफिस और खुद से इमोशनली जुड़ी होती हैं। इसीलिए वे नौकरी करते हुए भी सब कुछ मैनेज कर रही हैं। जबकि पुरुष ऐसा नहीं कर पाता, क्योंकि उसमें इमोशनल एनर्जी नहीं होती। उस पर भी अगर पति को दिख रहा है कि पत्नी सारे काम किए जा रही है, सबकी देखभाल कायदे से कर रही है, तो भला वह कोई काम क्यों करेगा।

डॉ. निशू के अनुसार सबसे गलत काम महिलाएं यह करती हैं कि पति के हाथ ना बंटाने पर जम कर ताने देती हैं। जबकि जरूरी है कि जरूरत के हिसाब से पति के साथ काम का बंटवारा कर लें। अगर खाना बनाने का मन नहीं है, तो उस दिन ना बनाइए, बाहर से मंगा लीजिए। तय करें कि बच्चों के साथ समय बिताना ज्यादा जरूरी है या फिर खाना बनाना और घर की सफाई करना। अगर अफोर्ड कर सकती हैं, तो घर के कामों के लिए मेड रखने में कोई बुराई नहीं है। अपनी जिंदगी को आरामदायक बनाने के लिए जरूरी है कि आप अपने ऊपर ध्यान दीजिए बजाय इसके कि पति से बहसबाजी या शिकायत करें। इस सत्य को स्वीकार करने में भलाई है कि वह व्यक्ति जैसा है, वैसा ही रहेगा। आप ज्यादा से ज्यादा कर रही हैं, यह समस्या आपकी है, पति की नहीं। यह बात समझनी जरूरी है।

अब अगर पति कहे कि खाना बनाओ, तो उनसे आराम से कहें कि मैं इतना ही कर सकती हूं। अगर चाहते हो मैं खाना बनाऊं, तो आप मेरी मदद करें। कुछ नहीं, तो सब्जी ही काट दें। स्थितियों को साफ कर सही तसवीर सामने रखें। यदि रिलेशनशिप में बॉन्डिंग होगी, तो 2 लोग एक-दूसरे के प्रति समर्पित होंगे। पति ऐसा है, पति वैसा है, जैसे इलजाम लगाने के बजाय समस्या का हल ढूंढ़ें। महिलाओं की समस्या है कि वे समस्याओं को हल नहीं करतीं, बनाए रखती हैं और बिसूरती हैं। किटकिट और शिकायत करते हुए वे काम करती जाती हैं।

यह जरूरी नहीं है कि पति से हर काम में मदद ली जाए। उनसे जानिए कि वे कैसे काम करना पसंद करते हैं। बागवानी पसंद है, साफ-सफाई में रुचि रखते हैं, इलेक्ट्रॉनिक्स के सामान की अच्छी देखभाल करते हैं, तो उन्हें वही काम करने दें। अगर वे बच्चे संभालना नहीं चाहते, कभीकभार खाना बनाना उनको पसंद है, तो संडे के ब्रंच की जिम्मेदारी उनके सुपुर्द कर दें। माहौल बिगाड़ने के बजाय उनके इंटरेस्ट जानिए और मिल कर काम करें। आप बहुत मजबूर करके यदि काम कराएंगी, तो दूरियां बढ़ेंगी। घर के कामों में पति का हाथ बंटाना क्या अपनी शादी की कीमत पर आप चाहेंगी? अगर पति आपसे बहुत काम करने की उम्मीद करते हैं, तो आराम से बैठ कर दोनों आपस में बात करें। आप उनसे साफ-साफ कहें कि देखो, ये मेरी जिम्मेदारियां हैं, मैं इतने ही काम कर सकती हूं, इससे ज्यादा करने की मेरे पास ताकत नहीं है।

डॉ. निशू के सेंटर में इस समस्या के साथ आए कपल में पत्नी की यही शिकायत होती है कि ‘ये’ कुछ नहीं करते। निशू पति से यही कहती हैं कि अगर आपके पास नौकरी के बाद 12 घंटे बचते हैं, तो काम से लौटी पत्नी के पास भी इतना ही वक्त होता है। आप 12 घंटे में कितना काम कर सकते हैं और पत्नी से क्या उम्मीद करते हैं, पहले यह तय कीजिए। यह बदलाव का दौर है और नयी पीढ़ी एकदम अलग सोच रखती है। नए दंपती मानसिक रूप से तैयार हो रहे हैं कि भविष्य में उन्हें अपने काम खुद करने होंगे और पत्नी अपने काम करेगी। पति-पत्नी इतना भी काम ना करें कि शादी के बाहर चले जाएं। भले पति आलसी हो, पर जब आप बीमार पड़ती हैं, तो वे जैसे भी करें, घर की जिम्मेदारियां निभाते ही हैं। इस बात की सराहना करना ना भूलें।

शक्तिभर ही निभाइए

आप अपनी एनर्जी के हिसाब से काम कीजिए। अपने आपको जरूरत से ज्यादा मत खींचिए। समस्या तभी शुरू होती हैै, जब आप क्षमता से अधिक काम करती हैं। कई महिलाएं तो घर, बच्चों की जिम्मदारियों से ले कर गैस सिलेंडर की बुकिंग और बिजली, पानी, फोन के बिल तक जमा कराती हैं। दरअसल वे अपनी जिंदगी को आसान बनाने की कोशिश नहीं करतीं। सारे बिल पति को पकड़ा दें कि इन्हें जमा करा दीजिए। बिल जमा ना होने पर जब बिजली कटेगी, तो बिल समय से जमा कराने की जरूरत पतिदेव को समझ में अपने आप आ जाएगा। महिलाएं ऐसे कदम नहीं उठातीं। लड़ कर किसी को कुछ नहीं समझााया जा सकता है। आप अपनी बात मजबूती से सामने रखिए, लेकिन पूरे होशोहवास में, झगड़ कर, ताने कस कर, आलोचना करते हुए बताने पर बात का कोई असर नहीं होता है। इतना जरूर है कि पत्नी की मेहनत को कम से कम पति पहचानें तो, भले वे आलसी हों। एक तो कोई आपके लिए कर रहा है, पर आप दोष निकालें, तो यह गलत है। पत्नी भी पति घर के लिए जो कर रहा है, उसे पहचानें, महत्व दें, ताकि उनका मनोबल बढे़। महिलाओं को चॉइस मिले, तो वे भी काम ना करें, लेकिन उनके काम करने से घर के सदस्यों के चेहरे पर जो संतोष और खुशी देखने को मिलती है, वह उनकी मेहनत को सार्थक बनाती है। संबंध एक-दूसरे को समझते हुए मजबूत करें। खूबियों ही नहीं, कमियों को भी स्वीकार करें। पति को टाइम दीजिए, काम में ही मत घुसी रहिए, उनके साथ बैठिए। घर के काम से ज्यादा मजबूत संबंध काम आएगा, इस बात को याद रखना जरूरी है। मांएं अपने बच्चों में घर के काम करने का संस्कार डालें। टीनएज से कहें कि थोड़ा काम तुम भी करो, मैं भी थक जाती हूं। वे आगे बढ़ कर काम करेंगे और आगे जा कर आलसी पति या कामचोर पति के तमगे से बचे रहेंगे।