Monday 05 October 2020 04:37 PM IST : By Neelam Sikand

स्लीप डाइवोर्स जब जरूरत बन जाए

पार्टनर की रात को सोने की अादत परेशान करे, तो कुछ दिनों के िलए लें स्लीप डाइवोर्स अौर अलग-अलग सोएं।   

sleep-divorce


पति-पत्नी के रात को अच्छी नींद के िलए अलग-अलग कमरों में सोने की नयी बात सामने आ रही है। इसका कारण रात को सोते समय एक-दूसरे की आदतों के साथ सही तालमेल नहीं बैठा पाना है। दोनों में से कोई एक खर्राटे मारता है, कोई रातभर करवटें बदलता है, कोई पूरे बेड पर फैल कर टेढ़े हो कर सोता है। रात को एक छत के नीचे अलग-अलग कमरों में सोने को स्लीप डाइवोर्स, नाइट डाइवोर्स या नींद के समय तलाक जैसे नामों से जाना जाता है।     
इन्टेग्रा काउंसलिंग के मैरिज काउंसलर वीर शर्मा के अनुसार पति-पत्नी की सोने की अलग-अलग आदतें होना कोई नयी बात नहीं है। पर जब इन आदतों की वजह से दूसरे की नींद पर असर पड़ता है, तो परेशानी बढ़ती है। पति-पत्नी इस बारे में कुछ कहने से हिचकते हैं, वे इस तरह की बातों से दूसरे की भावनाअों को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते। लेिकन भरपूर नींद ना िमल पाने का असर उनके संबंधों पर भी पड़ता है। जब वे काउंसलिंग के िलए आते हैं, तो काउंसलर उन्हें कुछ िदनों के िलए अलग कमरे में सोने यानी नाइट डाइवोर्स लेने की सलाह देते हैं।  
वैसे अलग-अलग कमरों में सोने की बात गले से नहीं उतरती। बच्चे मां-बाप को एक कमरे में सोता देख कर बड़े होते हैं। उनके िदमाग में यह बात अच्छी तरह बैठ जाती है िक बड़े होने पर शादी के बाद वे भी अपने पार्टनर के साथ बेडरूम शेअर करेंगे। अलग-अलग कमरे में सोने का मतलब यही लगाया जाता है िक उनके वैवािहक संबंध ठीक नहीं हैं। इस वजह से पति-पत्नी भले ही रात में आपस में एक-दूसरे से परेशान होते रहें, पर सोते एक ही कमरे में हैं। उन्हें लगता है िक अलग सोना बच्चों व घर के बुजुर्गों को गलत संदेश देगा।  

अपनी केअर करें


मैरिज काउंसलर मानते हैं िक दूसरे पार्टनर को खुश रखने के चक्कर में खुद को खो बैठना अौर नींद जैसी मूल जरूरतों का पूरा ना हो पाना गलत है। अपने आपको खत्म करके रिश्तों में रहना गलत है। पूरी नींद ना ले पानेवाला पार्टनर धीरे-धीरे िडप्रेशन में जा सकता है। संबंधों में एनर्जी बनाए रखने के िलए कुछ समय के िलए अलग-अलग कमरों में सोने में कोई बुराई नहीं है। स्लीप एक्सपर्ट्स का मानना है िक पूरी नींद ना ले पाने से संबंध खराब हो सकते हैं। इसका असर रोजमर्रा के कामों पर भी पड़ता है।

संबंधों में सुरक्षा कवच


बेडरूम में एक साथ सोना संबंधों में सुरक्षा कवच की तरह काम करता है। बेडरूम पति-पत्नी के िलए ऐसी रोमांटिक जगह मानी जाती है, जहां वे अपने दुख-सुख बांटते हैं, सीक्रेट शेअर करते हैं, िजससे उनमें भावनात्मक अौर सेक्सुअल संबंध बनते हैं। इसे सफल वैवािहक जीवन की नींव माना जाता है। लेिकन नींद की जरूरत को पूरा करने के िलए अलग-अलग सोने से रिश्ता टूटता नहीं है।

समानता का भाव


युवा पीढ़ी इसे बीते पुराने िदनों की बात मानती है। पति को ऑफिस का कोई जरूरी काम करना है या पत्नी िकसी िरसर्च पर काम कर रही है, तो सहूिलयत के अनुसार एक स्टडी रूम में अौर दूसरा बेडरूम में सो सकता है। मैरिज काउंसलर वीर शर्मा का मानना है इस तरह की सोच के पीछे एक-दूसरे के िलए समानता का भाव है। एक-दूसरे की जरूरतों को ध्यान में रख कर कुछ समय के िलए अलग-अलग सोने से भी िरश्तों में पूर्णता का अहसास बना रहता है। देर रात तक काम करनेवाला सुबह देर तक सो सकता है। अपने-अपने टारगेट पूरे कर लेने के बाद जब वे िफर से एक साथ सोते हैं, तो िरश्ता ताजगी से भर उठता है।

अच्छी नींद के िलए 


दोनों पार्टनर वर्किंग हैं या उनमें से कोई एक वर्किंग है, दोनों स्थितियों में मानसिक व शारीरिक सेहत के िलए पूरी नींद लेना जरूरी है। पूरी नींद ना िमलने से गंभीर बीमािरयां हो सकती हैं। इनमें कार्डियोवेस्कुलर डिजीज, मोटापा, डाइबिटीज अािद शािमल हैं। पूरी नींद ना िमलने से स्वभाव में िचड़चिड़ापन अा जाता है। तब छोटी-छोटी बातों के िलए एक-दूसरे का सम्मान करने के बजाय अापस में िभड़ जाना मामूली बात है। खुद की और संबंधों की सेहत के लिए अच्छी नींद लेना जरूरी है।
ज्यादातर कपल्स ऐसे भी हैं, जो इस तरह की आदतों के बावजूद एक साथ सोना चाहते हैं, ऐसे में उन्हें स्लीप डाइवोर्स के बजाय कुछ बातों पर गौर करना चािहए- 
⇛ अच्छी नींद ना आने या अचानक टूट जाने अौर दोबारा नींद ना आने के बारे में डॉक्टर से बात करें। नींद से जुड़ी समस्या का इलाज होने से पार्टनर आराम से एक साथ सो सकते हैं।
⇛ कंजेशन की वजह से खर्राटे मारना सामान्य बात है। डॉक्टर सोने से पहले नेजल डिकंजेस्टेंट इस्तेमाल करने की सलाह दे सकते हैं।
⇛ बेड पर बिछे गद्दे अच्छी क्वॉलिटी के होने चािहए। एक को नरम अौर दूसरे को सख्त गद्दे पर सोना है, तो कस्टमाइज्ड गद्दे बनवाएं। साफ-सुथरे, सही तापमानवाले व शांत कमरे में अच्छी नींद अाती है। बेडरूम में टीवी, कंप्यूटर व सेलफोन अािद ना रखें।
⇛ एक-दूसरी की खाितर अपनी आदतों में छोटे-छोटे बदलाव लाएं। अापको देर रात तक पढ़ कर सोने की आदत है अौर आपके पार्टनर 10 बजे सो जाते हैं, तो बीच का रास्ता अपनाएं। शाम के समय ही िकताब पढ़ना शुरू कर दें, तािक समय पर पार्टनर के साथ सो सकें। सुबह जल्दी उठते हैं, तो दूसरा की नींद में बाधा पहुंचाए बगैर चुपचाप कमरे से बाहर िनकल जाएं अौर अपने रोजमर्रा के काम िनबटाएं।
⇛ इन सबसे बात ना बनें अौर अलग-अलग कमरे में सोना ही पड़ जाए, तो सोने से आधा-एक घंटे पहले अापस में बात करें। एक-दूसरे का झप्पी दें या सहलाएं, तािक भावनात्मक रूप से जुड़ाव महसूस करें।