Monday 05 October 2020 04:31 PM IST : By Meena Pandey

मोबाइल अौर लैपटाप से पुरुषों में बढ़ती है इन्फर्टिलिटी की समस्या

कार ड्राइव करते हुए पुरुषों का मोबाइल या तो जेब में होता है या कान से सटा होता है या बस-ट्रेन में गोद में चालू लैपटॉप रखा होता है। लेकिन क्या वे जानते हैं कि स्मार्टफोन, टेलीविजन, टैबलेट, सेल्युलर टावर से निकलेवाले इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशंस से कपल्स में फर्टिलिटी संबंधी समस्याएं पैदा हो रही हैं।

electronic-1


इंदिरा आईवीएफ हॉस्पिटल, दिल्ली में अाईवीएफ एक्सपर्ट डॉ. सागरिका अग्रवाल के अनुसार, स्मार्टफोन, कंप्यूटर, लैपटॉप अौर वायरलेस कनेक्शन का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल खासकर से पुरुषों में इंफर्टिलिटी बढ़ा रहा है। भले टेक्नोलॉजी ने सबका जीवन अासान बना दिया है, लेकिन जैसे-जैसे यह एडवांस होती जा रही है, लोगों की सेहत के लिए खतरा बनती जा रही है। इससे कहीं ना कहीं स्त्री-पुरुष की प्रजनन क्षमता को नुकसान पहुंच रहा है।
वायरलेस कीबोर्ड व माउस से निकलनेवाले नुकसानदायक रेडिएशन सेहत के लिए खतरा बन चुके हैं। वायरलेस डिवाइस से निकलनेवाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगें भी सेहत अौर प्रजनन क्षमता पर बुरा असर छोड़ती हैं। स्मार्टफोन का लगातार इस्तेमाल शुक्राणुअों की संख्या, गति, ताकत अौर स्थिरता पर बुरा प्रभाव पड़ता है। जेब में रखे मोबाइल फोन से निकलनेवाली विकिरणों की गरमी ओवरीज की तुलना में टेस्टीज पर ज्यादा प्रभाव डालता है। इन उपकरणों से पैदा होनेवाली रेडिएशन अौर गरमी से स्पर्म पर अनुचित असर पड़ता है। रेडिएशन से डीएनए को नुकसान पहुंचता है अौर इन कोशिकाअों में सुधार की शक्ति कम होती है। तब प्रेगनेंसी नहीं होती अौर एबॉर्शन होने की अाशंका बढ़ती है। जिन महिलाअों में यह प्रोटीन ज्यादा होता है, उनमें इस वजह से इन्फर्टिलिटी की समस्या काफी बढ़ जाती है। इनकी वजह से ही बच्चों में जन्मजात कमियां अौर विकृतियां बढ़ रही हैं। स्मार्टफोन रेडियो फ्रीक्वेंसी विकिरणों को भेजता अौर प्राप्त करता है।

अन्य कारण

electronic


रेडिएशन के अलावा लगातार घंटों टीवी देखने, हाई कैलोरी जंक फूड खाने की आदत अौर एक्टिव ना रहने से भी इन्फर्टिलिटी पैदा होती है। डॉ. सागरिका कहती हैं कि आजकल महिलाअों में सिगरेट अौर शराब की लत बढ़ रही है। उनकी सुस्त जीवनशैली मोटापे को बढ़ाती है। इस वजह से इन्फर्टिलिटी बढ़ती है। अमेरिकन जर्नल अॉफ एपिडेमियालॉजी के अनुसार सप्ताह में 20 घंटे से ज्यादा टीवी देखने पर 35 प्रतिशत स्पर्म काउंट में गिरावट अाती है। इससे शरीर में टेस्टोस्टेरॉन हारमोन का स्तर भी घट जाता है।
इंटरनेशनल फर्टिलिटी सेंटर में सीनियर आईवीएफ एक्सपर्ट अौर गाइनीकोलॉजिस्ट डॉ. रीता बख्शी के अनुसार, ऐसे पुरुष जो गरम पानी के टब में देर तक बैठे रहते हैं,  लैपटॉप गोद में रख कर काम करते हैं अौर मोबाइल फोन पर चौबीसों घंटे कुछ ना कुछ करते हैं, उनके फर्टिलिटी के स्तर में जबर्दस्त गिरावट अा जाती है। टेस्टिकल्स ठीक से काम कर सकें और स्पर्म की अच्छी संख्या रहे, इसके लिए टेस्टिकल्स का तापमान शरीर के तापमान से 3 डिग्री कम होना जरूरी है, वरना ज्यादा गरमी पाने से स्पर्म बनने की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न होती है। इसके अलावा टाइट फिटिंग के कपड़े, मोटरसाइकिल ज्यादा चलाने, लैपटॉप को देर तक गोद में रख कर काम करने, पैंट की जेब में मोबाइल रखने से स्पर्म काउंट कम होता जाता है। इसलिए लाइफस्टाइल अौर अादतों को बदलने की जरूरत है, ताकि पुरुष इन्फर्टिलिटी का शिकार ना हो।


ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन में प्रकाशित एक रिसर्च में 18 से 22 साल के 200 स्टूडेंट्स से इकट्ठा किए गए उनके सीमेन के नमूनों में सुस्त जीवन जीनेवालों के स्पर्म काउंट में गिरावट पायी गयी। सुस्त जीवन स्पर्म काउंट को प्रभावित करता है। अधिक समय तक टीवी देखनेवाले छात्रों का प्रति मि.ली. स्पर्म काउंट 3.70 करोड़ पाया गया, जबकि टेलीविजन कम देखनेवाले छात्रों में शुक्राणुअों की संख्या प्रति मि.ली. 5.20 करोड़ थी। सुस्त जीवनशैलीवाले टीवी देखने के आदी छात्रों में दूसरों की तुलना में 38 फीसदी तक कम स्पर्म काउंट था। अकसर सिरहाने पर लैपटॉप में काम करते हुए युवा सो जाते हैं। पूरी रात लैपटॉप ऑन रहता है, उससे होनेवाले रेडिएशन के प्रभावों से बचना मुश्किल है।
हर किसी के लिए सप्ताह में कम से कम 4 घंटे व्यायाम करना जरूरी है। डिब्बाबंद या पैकेज्ड खाने-पीने के सामान में फैट बहुत होता है। घंटों टीवी देखने अौर बैठ कर खाते रहने से स्पर्म काउंट अौर उनकी गतिशीलता में 4 गुना गिरावट अाती है। इस स्थिति से बचने के लिए कुछ बातों का ख्याल रखना होगा-
⇛ अपने बच्चों को मोबाइल अौर कंप्यूटर का इस्तेमाल एक सीमा से ज्यादा ना करने दें। उसके बुरे परिणाम 10 साल बाद सामने अाते हैं, तब पछताने से फायदा नहीं है।
⇛ लैपटॉप गोद में रख कर काम ना करें। उसे हमेशा टेबल पर रख कर काम करें। पुरुषों के लिए टेस्टीज को हीट से बचाना जरूरी है, इसीलिए प्रकृति ने उसे शरीर के अंदर नहीं बाहर रखा है। अगर लैपटॉप गोद में रखेंगे, तो नुकसान होगा। मोबाइल को जीन्स की पॉकेट में या ऊपर की जेब में नहीं बैग में रखें। रोज व्यायाम करें।
⇛ सोते समय लैपटॉप को सिरहाने या बगल में कभी ना रखें।