Monday 25 April 2022 04:46 PM IST : By Ruby Mohanty

पार्टनर की चीटिंग से कैसे डील करें

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चीटिंग यानी हार्ट ब्रेक। यह सिर्फ पति और पत्‍नी के बीच ही नहीं, आज के संदर्भ में ‘चीटिंग’ शब्‍द स्‍त्री और पुरुष दोनों पर लागू होता है। यह किसी भी रिश्‍ते के लिए भयावह है। इसकी वजह चाहे जो भी हो, चीटिंग से ठगे जाने की स्थिति महसूस होती है। जब साथी एक-दूसरे से वफादार नहीं होते, उसे चीटिंग माना जा सकता है। जैसे अगर आप उस शख्‍स के साथ बैठे हैं, पर मन से उसके साथ नहीं हैं, तो यह चीटिंग है। जब आप अपने साथी को 100 प्रतिशत दे रहे हैं, पर वह सिर्फ 20 प्रतिशत ही दे रहा है, तो वह चीटिंग है।

‘चीटिंग’ सिर्फ शब्‍द ही नहीं है, यह स्‍त्री-पुरुष के रिश्‍ते की दूरी का सबसे बड़ा कारण है। जनरल सोशल सर्वे 2018 और 2019 के आंकड़ों की बात करें, तो महिलाओं की तुलना में पुरुष ज्‍यादा चीटिंग करते हुए पाए गए। 13 प्रतिशत महिलाएं और 20 प्रतिशत पुरुषों ने स्‍वीकार किया कि उन्‍होंने ऐसे लोगों से सेक्‍सुअल रिश्‍ते बनाए, जो वास्तव में उनके साथी नहीं थे। पहले की तुलना में महिलाअों द्वारा की जाने वाली चीटिंग की कई वजहें हैं, जिनमें औरतों का नौकरी के लिए घर से बाहर घंटों बाहर रहना, टूर पर जाना, अपनी पर्सनल बातें शेअर करते-करते दोस्‍त के साथ इंटीमेसी डेवलप हो जाना आम हैं। हालांकि जरूरी नहीं कि इससे उनके बीच शारीरिक संबंध ही बने। टेक्नोलॉजी की वजह से अपने ऑफिस के काम के बाद भी उनसे संपर्क बनाए रखने की सुविधा होती है। एक्सपोजर के अवसर ज्‍यादा होने से रिश्‍ते की लक्ष्मण रेखा टूटने का खतरा बढ़ जाता है। फिर इसे छिपाने की जरूरत होती है। अंत में यह अफेअर का रूप ले लेता है। 

चीटिंग करने की सुगबुगाहट 

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पति या पत्नी को कैसे मालूम चले कि उसका साथी चीटिंग की सीढि़यां चढ़ने लगा है? पति को लगता है कि वह रिश्‍ते में ठगा गया, जबकि पत्नी को लगता है कि वह ठगी गयी। पर क्या दोनों ने चीटिंग जानने के लिए डिटेक्टिव की मदद ली है, क्‍या साथी को खुद रंगे हाथों पकड़ा है? क्‍या साथी ने अपने पार्टनर से किसी के साथ संबंध में होना स्‍वीकार किया है? क्‍या पार्टनर ने अपने साथी को किसी और के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देखा है? गौर करें क्या कि वह पहले से अधिक खुद पर ध्‍यान देने लगी/ लगा है। पहले की तुलना में उसके लिए अब फिटनेस, कपड़े, परफ्यूम मायने रखते हैं। वह मोबाइल पर या घर के बाहर ज्‍यादा वक्‍त बिताने लगी है/लगा है। वह पहले से ज्यादा खुश दिख रहा है/ रही है, लेकिन अपनी पत्नी/पति से बातचीत कम हो गयी है। 

चीटिंग की खास वजह 

सबसे पहले जब साथी का मूड अच्‍छा हो, तब अपनी तरफ से बात की शुरुआत करें। किसी जगह खाने या घूमने के लिए जाएं, घर पर बात ना करें। एक-दूसरे के साथ सहज होने का माहौल बनाएं। बात में सचाई है, तो वह साथी एकदम से विषय बदल देगा। हो सकता है, उस दिन से आपको बात बताना बंद कर देगा। चीटिंग की सचाई सामने आने पर सबसे पहले सवाल उठता है, दोनों के रिश्‍ते कितने मधुर और गहरे थे? चीटिंग करने वाले का व्‍यक्तित्‍व कैसा है? क्‍या वह डोमिनेटिंग या ज्‍यादा पजेसिव है? क्‍या चीटिंग करने वाला अपने साथी के साथ पूरी तरह से संतुष्‍ट था? घर में उसका स्‍वभाव कैसा है? क्‍या उसके माता-पिता एक-दूसरे से ईमानदार थे? क्‍या उसने अपने घर में चीटिंग देखी है? क्योंकि ये सभी बातें उसके स्‍वभाव और वैवाहिक रिश्‍ते पर असर करती हैं। सेक्‍स रिसर्च के एक जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में चीटिंग की मुख्‍य दो वजह देखी गयीं- ऑनलाइन चीटिंग और व्‍यक्तिगत चीटिंग। ऑनलाइन चीटिंग का खास कारण लोगों का खास तरह का सेक्‍सुअल एक्टिविटी की ओर झुकाव था, जबकि व्‍यक्तिगत चीटिंग की वजह अपने साथी के साथ असंतुष्टि,रोमांटिक ना होना और पर्सनल सेक्‍सुअल इच्‍छाएं थीं।

सचाई मालूम चलने पर 

सबसे पहले तय करें, क्‍या साथी अपने पार्टनर से वाकई चीटिंग कर रहा है या यह महज शक है। चीटिंग की सचाई मालूम चल जाती है, तो चीखने, चिल्‍लाने और रोने-धोने से अच्‍छा है कि बैठ कर बात करें। अगर साथी अपनी चीटिंग को स्वीकार नहीं करता है और लगातार झूठ बोलने पर ही आमादा है, तो उसके झूठ से परेशान होने की जगह इसका सकारात्मक पक्ष सोचना चाहिए, क्योंकि उसका झूठ इस बात का भी संकेत देता है कि उसे रिश्‍ते को खोने का अहसास है, इसीलिए इसे बचाने की अभी भी संभावना है। हो सकता है, स्थिति जितनी खराब सोच रहे हैं, उतनी ना हो। 

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किसी तीसरे को अपने रिश्‍ते के आकलन के लिए शामिल करें। फ्रेंड, पेरेंट या कोई ऐसा, जो दोनों से मेच्‍योर हो और अनुभव में बड़ा हो। दोनों का कॉमन फ्रेंड हो या फिर किसी काउंसलर से भी मिल सकते हैं। कुछ बिंदुओं में दोनों पार्टनर को एक-दूसरे की स्थिति को स्‍वीकार करना जरूरी है, जिससे उसे छिपाने की जरूरत नहीं पड़े। रिश्‍ते में अगर खुलापन और ईमानदारी होगी, तो बहुत सहजता रहती है। अगर पति-पत्‍नी अपने रिश्‍ते में से समय निकाल कर किसी दूसरे को दे रहे हैं, तो वहीं गड़बड़ी शुरू होती है। एक्सेप्‍टेंस होनी जरूरी है। दोस्‍तों के साथ इमोशनल बॉन्डिंग खराब बात नहीं होती, उन्‍हें अपने रिश्ते की शक्ल बदलने की जरूरत नहीं पड़ती। ईमानदारी और स्‍वीकृति दोनों हों,तो आज के वैवाहिक जीवन के लिए अच्‍छा रहता है।

कोशिश कैसे करें 

चीटिंग की दीमक जब वैवाहिक रिश्ते में लग जाए, तो उसके ठीक होने की उम्मीद तो कम होती है, पर फिर भी कोशिश करके देखें। स्वीकार करें कि गलतियां हो गयी हैं, खुद सोचें और साथी से पूछें, हमारे प्‍यार के आधार पर मैं समझना चाहती/चाहता हूं कि मुझसे क्‍या गलतियां होती रहीं। हो सकता है कि मैं 100 प्रतिशत प्‍यार नहीं दे पायी हूं/ दे पाया हूं। मैं रिश्‍ते को सुधारने की कोशिश करूं, तो हमारे रिश्‍ते की स्थितियां सुधर सकती हैं? वह कौन सी उम्मीद थी, जो तुम करते थे और मैं पूरा नहीं कर पाया/पायी। क्या सेक्सुअली मुझसे संतुष्ट थे? रिश्ते सुधरने की गुंजाइश है? उम्मीद रख सकती हूं/ सकता हूं?