Saturday 03 October 2020 12:08 PM IST : By Neelam Sikand

बच्चे को गुड टच व बैड टच में फर्क कैसे समझाएं

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कई बच्चे छुट्टियों में अपने पेरेंट्स के साथ घूमने बाहर चले जाते हैं। जो नहीं जा पाते, उन्हें पेरेंट्स डांस क्लास, म्यूिजक क्लास, चेस क्लास या पेंटिंग क्लास आदि में भेजना पसंद करते हैं। उन्हें यह धूप में मटरगश्ती करने, मोबाइल या कंप्यूटर पर िचपके रहने से कहीं बेहतर अॉप्शन लगता है। पर क्या िकसी पेरेंट ने यह भी सोचा है िक क्लास में बच्चे के साथ सेक्सुअल एब्यूज की घटना हो सकती है? इसके िलए स्कूल स्टाफ, अनजाने लोग या िफर अपने करीबी िजम्मेदार हो सकते हैं। क्यों ना इस तरह की घटनाअों को रोकने के िलए उसे पहले से गुड टच बैड टच के बारे में बताया जाए।
इस मामले में छोटी लड़कियां हों या छोटे लड़के, दोनों ही सेफ नहीं हैं। इन्टेग्रा काउंसलिंग के काउंसलर वीर शर्मा का कहना है िक गुड टच बैड टच बहुत ही संवेदनशील िवषय है, इस बारे में बच्चे को बहुत धैर्य और आराम से जानकारी देने की जरूरत है। यह बात समझने में बच्चे को काफी समय लग सकता है।
बात करें ः बच्चे को 3-4 साल की उम्र से ही गुड और बैड टच में अंतर करना िसखाएं। उसे समझाएं उसके शरीर को छूने का हक िकसी को भी नहीं है।
¥ इस मामले में अासान शुरुअात करें। उसे बताएं िक आपके शरीर के अंडरवियर के नीचे के िहस्से बहुत प्राइवेट हैं, उन्हें मॉम-डैड को छोड़ कर कोई और नहीं छू सकता। मम्मी-पापा भी तभी छूते हैं, जब उन्हें साफ करना होता है। या िफर हॉस्पिटल में डॉक्टर को कोई चेकअप करना है। डॉक्टर भी केवल मॉम-डैड के सामने ही उसके शरीर के इन िहस्सों को छू सकता है। इस बारे में बहुत ज्यादा बात ना करें।
बॉडी पार्ट के सही नाम बताएं ः बच्चे को जब शरीर के अलग-अलग हिस्सों के नाम सिखाने शुरू करते हैं, जैसे कान, अांख, तभी प्राइवेट पार्ट्स के सही नाम िसखाएं। उसे लड़का व लड़की, दोनों के शरीर के अंगों के बारे में बताएं।
¥ कोई मनगढ़ंत नाम बना कर ना बताएं। इससे बच्चे को लग सकता है िक इनमें जरूर कोई अजीब या शर्मवाली बात है। ऐसे में अगर कोई उसके शरीर को छूता है, तो इस बात की आशंका रहती है िक बच्चा इस बारे में पेरेंट्स को ना बताए।
प्राइवेट पार्ट्स खास िहस्से ः शरीर के इन िहस्सों के बारे में बात करते समय उसके मन में इनके बारे में गंदे िवचार ना आने दें। उसे समझाएं िक प्राइवेट पार्ट्स उसके शरीर के खास िहस्से हैं। कोई बच्चे को खुश करने के मकसद से इस िहस्से में  गुदगुदी करने की कोिशश करता है, तो यह गुड टच नहीं है। इसी तरह कोई व्यक्ति उससे उसके इन िहस्सों को छूने के िलए कहे, तो वह भी गलत है। इस तरह की कोई भी बात होने पर बच्चे को पेरेंट्स को बताने के िलए समझाएं।
अजनबी से परे की सोचें ः हम हमेशा बच्चों को अजनबी से बात ना करने की सलाह देते हैं। पर इससे अलग हट कर सोचें। बच्चे को अजनबी से ज्यादा अपनों से ज्यादा खतरा होता है।
¥ यौन शोषण करनेवाला बच्चे को यह कह कर गुमराह करता है िक ‘यह हम दोनों का सीक्रेट है। यह बात पेरेंट्स को बताअोगे, तो वे नाराज होंगे।’ बच्चे को समझाएं िक िकसी व्यक्ति को यह हक नहीं है िक वह उसे पेरेंट्स से कोई बात सीक्रेट रखने के िलए कहे।
बच्चे के साथ होने का भरोसा िदलाएं ः बच्चे के साथ िवश्वास का रिश्ता कायम करें। बच्चे के कुछ कहने पर पेरेंट्स उनसे लगातार सवाल करते हैं, ऐसे में कोई बात होने पर हो सकता है िक वे पेरेंट्स को बताने से आनाकानी करें। वैसे भी यौन शोषण करनेवाला बच्चे के मन में यह बात िबठा देता है िक ‘इस तरह की बात करने पर कोई उनकी बात का िवश्वास नहीं करेगा अौर उलटा उनका ही मजाक बनेगा।’ जब बात बैड टच की हो रही हो, तो बच्चे को पेरेंट्स पर पूरा भरोसा होना चािहए िक इस तरह की कोई बात होने पर उसे िकसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा, ना ही कोई उस पर िचल्लाएगा।    
¥ अकसर पेरेंट्स उस समय खुशी से फूले नहीं समाते जब कोच, टीचर या काउंसलर उनके बच्चे को सभी बच्चों में से खास बताते हैं अौर कहते हैं िक इस बच्चे में हर तरह की क्वॉलिटी हैं।ऐसे में पेरेंट्स तुरंत अलर्ट हो जाएं, यह एक तरह का चेतावनीभरा संकेत हो सकता है। प्रोफेशनल्स इस तरह खुल कर बच्चे के बारे में बात नहीं करते।

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¥ ऐसा व्यक्ति जब िकसी बच्चे को चुन ले, तो उनका अगला कदम बच्चे से अकेले में िमलना होता है। इसके िलए वह बच्चे को प्राइवेट ट्यूशन देने, उसे अलग से टेनिस या कोई और खेल सिखाने या रातभर के िलए कैंप में भेजने की बात कह सकता है। इन सब बातों से बच्चा भी जोश से भर उठता है। पेरेंट्स को ये सब बातें सुनने में अच्छी लगती हैं। कभी भी बच्चे को अकेले उस ट्यूटर, कोच या काउंसलर के साथ ना भेजें।
¥ सेक्स एब्यूजर्स ज्यादातर सिंगल मदर्स के बच्चों को अपना िनशाना बनाते हैं। वे इस स्थिति का फायदा उठाते हैं िक मां बच्चे के साथ ज्यादा समय नहीं िबता पाएगी और अगर कोई उनके बच्चे के साथ समय िबताने के िलए आगे आएगा, तो उसे पसंद करेगी।
¥ बच्चे को रात के समय उसके िकसी दोस्त या सहेली के घर अकेला ना छोड़ें। अब टीनएजर बच्चे दोस्तों के घर रातभर रहने लगे हैं। जब तक अाप उसके दोस्त या सहेली के परिवार को अच्छे से ना जानते हों अौर उनके घर कई बार ना गए हों, तब तक बच्चे को वहां रातभर अकेले रहने की इजाजत ना दें।