Saturday 17 October 2020 03:57 PM IST : By Nishtha Gandhi

बच्चों का होमवर्क समय से पूरा कैसे करवाएं

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बच्चों को जब रोजाना होमवर्क मिलता है, तो इससे उनके पढ़ने का रूटीन सेट होता है। बच्चे समय पर होमवर्क करने बैठ जाएं, इसके लिए आपको टाइम मैनेजमेंट खुद भी करना होगा और बच्चों में इसके लिए आदत विकसित करनी होगी।

मम्मियां पहले करें होमवर्क

कुछ मम्मियां अपने बच्चों की पढ़ाई को ले कर इतनी सीरियस होती हैं कि उनको भी स्ट्रेस देती हैं और खुद भी स्ट्रेस की शिकार हो जाती हैं। नर्सरी, यूकेजी के बच्चों को सारा दिन पढ़ाई में लगाए रखना और खुद भी सारा कामधाम छोड़ कर उनके साथ बैठे रहना गलत है। छोटे बच्चों के पेरेंट्स इन बातों का ध्यान रखें-

- होमवर्क करने का एक समय निर्धारित करें। इस दौरान आप भी बच्चे के पास बैठें। छोटे बच्चों को आपकी पूरी अटेंशन चाहिए, इसलिए यह ना सोचें कि वह अपना काम करता रहेगा और आप उसके साथ बैठ कर सब्जी काटना, आटा गूंधना, कपड़े तह करना जैसे छोटे-मोटे काम निबटा लेंगी। इस तरह से आपके साथ बच्चे का ध्यान भी बंटता है। वह भी अपनी कॉपी में कम ध्यान देगा और आप क्या कर रही हैं, इस ओर उसका ध्यान ज्यादा रहेगा।

- पढ़ते समय बच्चों की एकाग्रता बनी रहे, इसके लिए जरूरी है कि उन्हें किसी अलग कमरे में पढ़ाएं। ड्रॉइंगरूम में सबके साथ बैठा कर पढ़ाने से उनका ध्यान बाकी सदस्यों की आपसी बातचीत से बंटता रहेगा। घर के बाकी लोग टीवी देख रहे हों, तो टीवी की आवाज कम करवाएं, वरना बच्चों के कान टीवी पर ही लगे रहेंगे।

- बच्चों की पढ़ाई के समय आप भी फोन से दूरी बना कर रखें, क्योंकि एक बार अगर आप फोन पर चैटिंग या वीडियो देखने में लग गयीं, तो फिर उन पर ध्यान नहीं दे पाएंगी। बेहतर होगा कि फोन को किसी दूसरे कमरे में ही छोड़ दें।

- घर में होमवर्क बच्चों को प्रैक्टिस करने के लिए दिया जाता है। उनका काम कभी भी खुद ना करें, चाहे वे खराब लिखें या लिखने में ज्यादा समय लगाएं। अगर आप उनका काम करने लग जाएंगी, तो उन्हें इसकी आदत पढ़ जाएगी। फिर हमेशा वे इसी उम्मीद में रहेंगे कि आप उनका काम कर दें।

- कुछ मांएं नर्सरी में पढ़नेवाले बच्चों की पढ़ाई को ले कर हद से ज्यादा तनाव दे देती हैं, यह गलत है। इस उम्र में बच्चों के लिए स्कूल के अलावा घर पर रोजाना आधा घंटा पढ़ाई भी बहुत होती है। थोड़ा लिखने के बाद वे थक जाते हैं, क्योंकि उनकी उंगली की मांसपेशियों का विकास ठीक से नहीं हो पाता। किसी दिन अगर उनका पढ़ने का मन ना करे, तो उन्हें छोड़ दें। पढ़ाई उनके लिए तनाव का सबब ना बने, इस बात पर पूरा ध्यान दें।

- बच्चे कैसे लिख रहे हैं, लिखते समय और कलर पकड़ते समय उनके हाथ की पोजिशन सही है कि नहीं, इस बात पर नजर रखें। लिखते समय बच्चों का हाथ सीधा होना चाहिए। एक बार में वे आपकी बात समझ जाएंगे, यह जरूरी नहीं है। एक ही बात आपको बार-बार बतानी पड़ सकती है। एक-दो बार उनका हाथ पकड़ कर लिखवाएं और फिर भी वही गलती करें, तो बार-बार टोकें।

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- अगर आपको यह लगता है कि पढ़ते समय बच्चे का ध्यान इधर-उधर भटकता है, तो डांटने-मारने के बजाय उसे बोल-बोल कर लिखने की आदत डालें जैसे गिनती और शब्दों की स्पेलिंग्स। इस तरह से उसका सारा ध्यान अपनी कॉपी में रहेगा।

- कलरिंग करते समय बच्चे अकसर आड़े-तिरछे स्ट्रोक्स मार देते हैं, जिससे कलर किया हुआ चित्र सुंदर नहीं लगता। बच्चों को समझाएं कि वे हमेशा एक ही दिशा में कलर चलाएं। यह आदत डालने के लिए आपको भी मेहनत करनी होगी। जब बच्चा कलरिंग कर रहा हो, तो आप उसके साथ बैठ कर अप-डाउन, लेफ्ट-राइट बोलें। इससे कलर के स्ट्रोक्स एक ही दिशा में होंगे और बच्चे की एकाग्रता भी बनी रहेगी। जो बच्चे सफाई से कलरिंग करते हैं, उनकी हैंडराइटिंग भी अच्छी होती है।

- दूसरी-तीसरी क्लास में आने के बाद अकसर बच्चों का काम अधूरा छूट जाता है। यह ना सोचें कि आपका ही बच्चा पढ़ाई में पिछड़ा हुआ है। आजकल तो लगभग सभी स्कूलों में वॉट्सएप पर कक्षाअों के ग्रुप्स बन जाते हैं। इन ग्रुप्स के अलावा दूसरे बच्चों के पेरेंट्स से आप भी दोस्ती बढ़ाएं, ताकि जरूरत पड़ने पर पर्सनल चैट पर होमवर्क मंगवा सकें।

डिजिटल डिस्ट्रैक्शन

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बड़ी कक्षाअों में पढ़नेवाले बच्चों के लिए टाइम मैनेजमेंट करना बहुत जरूरी है, क्योंकि स्कूल में कोर्स बहुत बढ़ जाता है और समय की भी कमी हो जाती है। टैबलेट, मोबाइल, लैपटॉप जैसे गैजेट्स भी उनका ध्यान भटकाते हैं। आपके टीनएजर के साथ भी एेसा है, तो नीचे दिए टिप्स से उसकी मदद करें-

- फोन, लैपटॉप और सोशल नेटवर्किंग साइट पर एप लॉक लगा हो और उसका पासवर्ड लंबा हो, तो उसे जल्दी-जल्दी चेक करना संभव नहीं होगा।

- ग्रुप चैट्स और फोन की बाकी नोटिफिकेशंस को हमेशा म्यूट सेटिंग पर रखें।

- कोई यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब कर रखा हो, तो एग्जाम के दिनों में अनसब्सक्राइब कर दें।

- फोन में से एक्स्ट्रा एप्स जैसे शॉपिंग एप्स, अॉनलाइन गेम्स वाले एप्स, सोशल नेटवर्किंग एप्स कुछ समय के लिए डिलीट करें।

- पढ़ते समय फोन, आईपैड, किंडल डिवाइस, लैपटॉप जैसे गैजेट्स अपने से अलग या दूसरे कमरे में रखें।

- कुछ दिनों के लिए सोशल मीडिया पर उन लोगों को अनफॉलो कर दें, जिन्हें आप कभी पर्सनली ना मिले हों।

- ईमेल और सोशल मीडिया पर आए मैसेज पढ़ने, उनका जवाब देने और चैटिंग में दिन का ज्यादातर समय बर्बाद होता है। इसलिए यह आदत बनाएं कि ये मैसेज दिन में सिर्फ 3-4 बार ही चेक करने हैं।

- ऑनलाइन एप्स पर अगर स्कूल का कोई असाइनमेंट आया हो, तो उसे डाउनलोड करके फोन की लोकल मेमोरी में सेव कर लें और पढ़ते समय फोन का डाटा अॉफ कर दें। लेटेस्ट अपडेट देखने के चक्कर में फोन अगर एक बार उठा लिया जाता है, तो फिर कई और एप्स भी खुल जाते हैं।

- अगर लंबे समय तक पढ़ना हो, तो हर एक-डेढ़ घंटे बाद थोड़ा ब्रेक लें।