Saturday 17 October 2020 04:45 PM IST : By Hemlata Matta

बैंक में लॉकर हो तो जरूर पढ़ें यह लेख

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सरकारी और प्राइवेट बैंक अपने कस्टमर्स को लॉकर की सुविधा देते हैं। लॉकर की संख्या सीमित होने की वजह से बैंक आसानी से लॉकर अकाउंट नहीं खोलते। कुछ वेटिंग पीरियड के बारे में बताते हैं। बैंक में लॉकर के लिए फीस चुकानी पड़ती है, जो लॉकर के साइज पर निर्भर करती है। फीस की रकम इस बात पर भी डिपेंड करती है कि आप जिस ब्रांच में लॉकर लेना चाहती हैं, वह कहां स्थित है।

लॉकर में रखी चीजों के लिए बैंक जिम्मेदार नहीं है। भूकंप या बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा, आतंकी हमले या चोरी होने पर बैंक आसानी से मुआवजा देने से इनकार कर देते हैं। उनकी दलील होती है कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं कि लॉकर में क्या-क्या रखा गया है, इसलिए लॉकर में रखी आपकी कीमती चीजें भी 100 फीसदी सुरक्षित नहीं हैं।

वैसे तो बैंक अच्छी क्वॉलिटी के ताले, स्ट्रॉन्ग रूम, इलेक्ट्रॉनिक निगरानी, अलार्म सिस्टम, पुलिस सुरक्षा और इंटरनल सिक्योरिटी के जरिए लॉकर को पूरी तरह सेफ रखने की कोशिश करता है, फिर भी लॉकर में रखे सामान का बीमा करा लेना अच्छा रहता है। लॉकर इंश्योरेंस पॉलिसी में बैंक की तिजोरियों में नकदी को छोड़ कर रख गए गहने और अन्य कीमती सामान के लिए बीमा अब उपलब्ध है। इफ्को-टोकियो ने बैंक लॉकर प्रोटेक्शन पॉलिसी के नाम से यह शुरुआत की है। इस पॉलिसी को इफ्को-टोकियो के ब्रांच ऑफिसों से खरीदा जा सकता है। यह ऑनलाइन उपलब्ध नहीं है। ज्यादातर मामलों में गहनों के मूल्य की स्व घोषणा पर्याप्त है।

सुरक्षा के लिए सतर्कता

बैंक के साथ आपको खुद भी अपने लॉकर की सुरक्षा के लिए सतर्क रहने की जरूरत है। विशेषज्ञों की राय में पूरे सामान की डिटेल लिख कर उसकी एक कॉपी घर में और एक लॉकर में रखनी चाहिए। साथ ही लॉकर में रखे जानेवाले कागजातों को लेमिनेट करा कर रखें।

लॉकर खोलते समय यह देख लें कि आपके आसपास कोई ना हो। आपने कितनी बार लॉकर खोला इसकी डिटेल भी रखें और वहां से निकलने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपने लॉकर ठीक से बंद किया है या नहीं।

विशेषज्ञों का कहना है कि लॉकर को साल में कम से कम एक बार अवश्य खोलना चाहिए। रिजर्व बैंक ने बैंकों को यह अधिकार दे रखा है कि हाई रिस्कवाले लॉकर को अगर एक साल तक नहीं खोला जाता है, तो बैंक ताला तोड़ कर लॉकर खोल सकता है।

वैसे तो बैंक ताला तोड़ कर लॉकर खोल सकता है, पर अपनी मर्जी से खोल नहीं सकता। सुरक्षा की दृष्टि से हाई रिस्कवाले लॉकर का बैंक ग्राहक को नोटिस भेज कर ताला तोड़ सकता है और कस्टमर से लॉकर को हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए कह सकता है।