नहाने का सही तरीका क्या है? गरम पानी से नहाया जाए या ठंडे से? पहले पानी सिर में डाला जाए या पैरों में? आइए जानते हैं बापू नेचर केअर हॉस्पिटल एंड योगाश्रम, दिल्ली में आयुर्वेद फिजिशियन डॉ. प्राची राज से। उनकी मानें, तो नहाने का पानी ना तो बहुत ठंडा होना चाहिए और ना ही गरम। यह गुनगुना होना चाहिए यानी आपके शरीर के तापमान से इसका तालमेल जरूरी है। यदि बहुत ठंडा पानी शरीर में डालेंगे, तो इसका सीधा असर शरीर के ब्लड सर्कुलेशन पर पड़ेगा, वह एकाएक धीमा पड़ जाएगा। इसी तरह ज्यादा गरम पानी से नहाने पर भी खून के दौरे पर असर पड़ेगा। सामान्य गरम पानी से नहाने पर शरीर का तापमान अनुकूल बना रहता है।
नहाने का सही तरीकाः आमतौर पर लोग नहीं जानते कि नहाने का सही तरीका क्या है? आयुर्वेद में बताया गया है कि नहाने की शुरुआत में हल्का गरम पानी सबसे पहले अपने पांवों पर डालें, उसके बाद पिंडलियों फिर जांघों, कमर, पीठ, पेट, हाथों, कंधों व गरदन पर पानी डालते हुए सिर तक आएं। सिर में सबसे बाद में पानी डालें। सबसे पहले सिर पर पानी डालने से पूरा नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है। दिल की धमनियों और नसों पर गहरा असर पड़ता है। इसलिए नहाने का सही तरीका अपना कर स्वस्थ रहें।
नहाने का सही समय सुबह का है। नहाने का एक टाइम बनाएं और उसे इधर-उधर ना होने दें। नहाने के बड़े फायदे हैं। तरोताजगी बनी रहने के साथ स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। ब्लड प्रेशर, नींद ना आने की समस्या दूर होती है। शरीर में खून का दौरा अच्छी तरह बना रहता है। खांसी-जुकाम या हरारत हो, तो भी नहाना चाहिए। नहाना छोड़ने की जरूरत नहीं है, इससे तबीयत ठीक ही होती है।
नहाने के नियमः कभी भी खाना खाने के बाद ना नहाएं। नहाने और खाने के बीच में एक घंटे का अंतराल होना ही चाहिए। सो कर उठने के बाद एकदम से स्नान नहीं करना चाहिए, इससे तबीयत खराब हो सकती है। सो कर उठने के आधा-एक घंटे बाद ही नहाएं। चाय-कॉफी, सूप आदि लेने के तुरंत बाद कतई ना नहाएं।
रोज नहाने के फायदेः रोज नहाने से मांसपेशियों के दर्द, खिंचाव से आराम मिला है। उनका लचीलापन बढ़ता है। ब्लड सर्कुलेशन में सुधार आता है, नष्ट हुए सेल्स का पोषण होता है, ब्लड प्रेशर कंट्रोल में आता है, हृदय की कार्य क्षमता में इजाफा होता है और सिर दर्द से छुटकारा मिलता है। थोड़े गरम पानी से नहाने पर शुगर लेवल घटता है, डाइबिटीज काबू में रहती है। फेफड़ों को काम करने में मदद मिलती है। रोज नहाने से त्वचा के छिद्र खुलते हैं, टॉक्सिन निकल जाते हैं और स्किन में निखार आता है।
नहाने के लिए हल्का गरम और आंखों को धोते समय ठंडा पानी इस्तेमाल करें। अगर शरीर में पित्त अधिक बनता है, तो सामान्य पानी से नहाएं, यदि वात और कफ अधिक है, तो गरम पानी से नहाएं।
जहां तक संभव हो दिन में 2 बार नहाएं। शाम को नहाने से दिनभर की धूल, पसीना और थकान दूर होती है। रात में अच्छी नींद आती है। नहाने से पहले तिल या सरसों के तेल से शरीर की मालिश करें। इससे मांसपेशियों को राहत मिलने के साथ त्वचा भी अच्छी होती है।
नहाने के पानी में हर्ब्स और असेंशियल ऑइल मिला कर नहाने से ताजगी और सेहत दोनों मिलती है। इसके लिए नहाने के पानी में नीम व गुलाब की पत्तियां बाल्टीभर पानी में भिगो कर नहा सकते हैं। नीम व गुलाब की उबली पत्तियों का पानी डाल कर भी नहाएं। इससे त्वचा के इन्फेक्शन, मुंहासे, बीमारियां दूर रहती हैं। नहाने से स्नायुओं को काफी आराम मिलता है और खून का संचार बढ़ता है।
रोज साबुन से नहाने के बजाय उबटन या बेसन का प्रयोग करें। इससे शरीर की सख्त व मृत कोशिकाएं निकल जाएंगी। त्वचा मुलायम होगी। नहाने के पानी में पोदीने का अर्क, गुलाबजल, ग्रीन टी का पानी डाल कर स्नान करने से शरीर और मस्तिष्क काफी तेजी से आरामदायक स्थिति में आ जाते हैं। जिन लोगों को सनबर्न, रैशेज, एग्जीमा या तैलीय व रूखी त्वचा की समस्या है, वे ओटमील यानी जई को कूट कर उसकी पोटली बना लें। इसे टब या बाल्टी के पानी में डुबो कर निचोड़ दें। इस पोटली को पूरे शरीर पर गोल-गोल अच्छी तरह रगड़ते हुए नहाएं। अगर सरदी-जुकाम व साइनस की समस्या जल्दी-जल्दी उभरती है, तो नहाने के तेल में यूकलिप्टस की कुछ बूंदें पानी में डाल कर नहाएं।
नमक स्नान
नहाने के पानी में समुद्री नमक का प्रयोग आपके शरीर को पूरी तरह राहत और आराम देता है। इस नमक के पानी से नहाने से शरीर को मैग्नीशियम मिलता है, जिससे त्वचा को आराम मिलता है, मांसपेशियों की मरम्मत होती है। छिली-कटी त्वचा ठीक हो जाती है। बाथ टब में समुद्री नमक के साथ थोड़ा असेंशियल ऑइल मिक्स करके नहाएं। यह नमक ना हो, तो साधारण, सेंधा या खड़ा नमक पीस कर डालें और नहाएं। नहाने के पानी में एक चम्मच नमक मिलाने से ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होने के साथ बैक्टीरिया भी खत्म होते हैं। फंगल इन्फेक्शन से छुटकारा मिलता है। मांसपेशियों के दर्द से राहत मिलती है।
नमक में मौजूद तत्व शरीर के ऑइल लेवल को कंट्रोल करते हैं। विटामिन्स और मिनरल्स प्राप्त होने के साथ हड्डियों के दर्द से राहत मिलती है। दिमाग की कार्यक्षमता बढ़ती है। तनाव दूर होता है, अच्छी नींद आती है, लेकिन रोज नमक के पानी से ना नहाएं। यदि मांसपेशियों या पीठ दर्द में दर्द की समस्या है, तो लगातार इससे स्नान कर सकते हैं।