लिविंग रूम में एक छोटा सा एक्वेरियम हो तो कमरे में बहुत पॉजिटिव एनर्जी रहती है। आप चाहें तोे एक्वेरियम पास की किसी दुकान से ले कर आ सकते हैं या ऑनलाइन भी मंगा सकते हैं। आइए जानते हैं, ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश स्थित एक्वेरियम पैलेस के एक्वेरियम एक्सपर्ट शशांक कुमार दास इसे खरीदने और मेटेनेंस के लिए क्या सलाह देते हैं।
ध्यान रखें
घर में ऊर्जा महसूस करना चाहते हैं तो कमरे के साइज के मुताबिक एक्वेरियम रखें। एक्वेरियम छोटे, मध्यम व बड़े साइज के उपलब्ध होते हैं, पर इसे कहां रखेंगे, क्या घर के सभी सदस्य इसे रखने में रजामंद हैं, इसमें कितनी मछलियां रखें, जैसी बातों पर गौर कर लें।
कहां रखें एक्वेरियम
लिविंग रूम में एक्वेरियम रखने की सबसे सही दिशा उत्तर-पूर्व है। यहां जल तत्व प्रमुख होता है, जिसकी वजह से धन-समृद्धि अौर पॉजिटिव एनर्जी बरकरार रहेगी। कभी भी एक्वेरियम किचन, बेडरूम या कमरे के बीचोंबीच नहीं रखें। वास्तु शास्त्र के मुताबिक मछली पालना घर के लिए बेहद शुभ माना गया है। इसे रखने से वास्तु दोष भी दूर होता है।
कौन सी मछली रखें
एक्वेरियम के बाजार में बहुत सी सुंदर छोटी-छोटी मछलियां मिलती हैं। ऐसे में समझ नहीं आता कि कौन सी मछली रखना अच्छा है। सुनहरी मछली घर में सौभाग्य लाती है। यह पवित्रता और संपन्नता देने वाली होती है। इसके अलावा आप ड्रैगन फिश और एंजल फिश भी रख सकते हैं। घर में बहस और झगड़े होते हों तो इससे मुक्ति के लिए एक्वेरियम को मुख्य द्वार से प्रवेश करते ही बायीं तरफ रख सकते हैं। घर के एक्वेरियम में 9 मछलियां पालना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि ये 9 मछलियां नवग्रहों को इंगित करती हैं। ऐसा करने से ग्रह दोष जल्दी नहीं लगता।
क्या रखें सावधानी
एक्वेरियम में मछली और कछुआ साथ में ना रखें। एक्वेरियम का पानी समय-समय पर बदलें। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। एक्वेरियम में एक मछली मरती है तो तुरंत पानी बदलें। कई बार पानी चेंज करने के बावजूद बाकी मछलियां जिंदा नहीं रह पातीं। जब भी फिश फूड दें, इसकी मात्रा का ध्यान रखें।