Tuesday 13 June 2023 02:54 PM IST : By Nishtha Gandhi

जब हो विटामिन बी12 की कमी

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विटामिन बी12 का काम हमारे शरीर में रेड ब्लड सेल्स, नसों, डीएनए का निर्माण करना और शरीर के बाकी कार्यों को सुचारु रूप से करना ही होता है। हमारी बॉडी जहां बाकी विटामिंस का निर्माण खुद करती है, वहीं यही एक ऐसा विटामिन है, जिसके लिए हमारे शरीर को भोजन या सप्लीमेंट्स पर निर्भर रहना पड़ता है। शरीर में विटामिन बी12 की कमी इतनी आसानी से पकड़ में नहीं आती। इसके कुछ ऐसे लक्षण भी नहीं है, जो बहुत अलग हों या किसी अन्य तरह की डेफिशिएंसी से ना मिलते हों।

जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, विटामिन बी12 और विटामिन डी शरीर में उतना ही कम एब्जॉर्ब होने लगता है। वेट लॉस सर्जरी कराने पर, जिसमें पेट का कोई हिस्सा काटा जाता है या ज्यादा ड्रिंक करने पर भी इस विटामिन के अवशोषण की प्रक्रिया पर बुरा असर पड़ता है। एक रिसर्च में यह भी पाया गया है कुछ बीमारियां जैसे सीलिएक रोग और बहुत ज्यादा एसिडिटी आपकी बॉडी में विटामिन बी12 को एब्जॉर्ब होने से रोकती हैं। एसिडिटी के लिए ली जानेवाली दवाएं आपकी बॉडी में एसिड का उत्पादन रोकती हैं, जो विटामिन बी12 को एब्जॉर्ब करने के लिए जरूरी होता है।

विटामिन बी12 की कमी के कुछ प्रमुख लक्षण हैं-

- विटामिन बी12 की कमी के कारण अनीमिया भी हो सकता है। हालांकि हल्की कमी की वजह से कई बार इसका कोई लक्षण नहीं दिखता है।

- हाथ, पैरों या पंजों का सुन्न होना, झनझनाहट महसूस होना, मांसपेशियों का कमजोर होना और चलने में मुश्किल महसूस होना।

- आंखों की रोशनी कमजोर होना।

- कमजोरी, थकान और चक्कर आना।

- याद्दाश्त कमजोर होना, डिप्रेशन होना।

- व्यवहार में परिवर्तन आना, लोगों से मिलने-जुलने में रुचि कम होना।

- कब्ज, डायरिया, भूख ना लगना और गैस होना।

- सांस फूलना और दिल की धड़कन तेज होना।

क्या लें डाइट

विटामिन बी12 हमें एनिमल बेस्ड चीजों से मिलता है। इसमें शामिल हैं डेयरी प्रोडक्ट्स, अंडे, मछली, मीट आदि। कुछ फोर्टिफाइड फूड आइटम्स जैसे सीरियल्स से भी आपको यह विटामिन प्राप्त हो सकता है। कई रिसर्च में भी यह पाया गया है कि रोजाना फोर्टिफाइड सीरियल्स को अपनी डाइट में शामिल करने से विटामिन बी12 की कमी पूरी होती है।

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वेजिटेरियन लोगों को नियमित तौर से अपनी डाइट में दूध, दही, पनीर शामिल करने के साथ कच्चे स्प्राउट्स भी लेने चाहिए। प्रेगनेंट या छोटे बच्चों काे दूध पिलानेवाली महिलाओं को विटामिन बी12 की जरूरत पूरा करने के लिए इसके सप्लीमेंट्स डॉक्टर की सलाह पर लेने चाहिए। विटामिन बी12 के सप्लीमेंट्स कैप्सूल और इन्जेक्शन दोनों तरह के आते हैं। ओरल सप्लीमेंट्स को जहां रोज लेना होता है, वहीं इन्जेक्शन को सप्ताह में एक बार लेना चाहिए।

किस उम्र में कितनी जरूरत

विटामिन बी12 की औसत दैनिक मात्रा को माइक्रोग्राम में मापा जाता है। इसकी जरूरी मात्रा हर उम्र के हिसाब से अलग-अलग होती है, जो इस प्रकार है-

1-3 वर्ष के शिशुओं के लिएः 0.9 माइक्रोग्राम

4-8 वर्ष के बच्चों के लिएः 1.2 माइक्रोग्राम

9-13 वर्ष के बच्चों के लिएः 1.8 माइक्रोग्राम

14 वर्ष की उम्र से ले कर वयस्कों के लिएः 2.4 माइक्रोग्राम

गर्भवती महिलाओं के लिएः 2.6 माइक्रोग्राम