Tuesday 07 September 2021 04:47 PM IST : By Team Vanita

अलग-अलग धातु के बने बरतनों में खाने के बहुत हैं फायदे

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सेहत अच्छी हो, तो जिंदगी जन्नत बन जाती है। चिकित्सक तो यह भी मानते हैं कि हेल्थ का खयाल रखा जाए, तो ब्यूटी एक के साथ एक मुफ्त के ऑफर की तरह मिलती है। फल, सब्जी, अनाज, दूध-दही से तो शरीर को पोषक तत्व मिलते ही हैं, लेकिन उसका अधिक फायदा चाहिए, तो सही बरतनों का इस्तेमाल करना जरूरी है। आजकल रसोई में प्लास्टिक के बरतनों का प्रयोग बढ़ने से इसका बुरा असर शरीर पर पड़ रहा है। 

क्यों ना खाना खाने और बनाने के लिए सही बरतनों का इस्तेमाल करके देखें। इस बारे में फरीदाबाद स्थित जीवा आयुर्वेद के निदेशक डॉ. प्रताप चौहान के सुझाव आपके लिए बड़े काम के साबित होंगे-

मिट्टी का मोल अनमोल

मिट्टी का सीधा जुड़ाव धरती से है। पृथ्वी का संबंध कफ दोष से होता है। इसके अलावा मिट्टी में मौजूद नेचुरल मिनरल्स के कारण इसमें बना खाना पोषण से भरपूर हो जाता है। इन बरतनों में खाना धीरे-धीरे बनता है। इस कारण खाने की पौष्टिकता खत्म नहीं होती है। 

- दूध और दूध से बनी चीजों के लिए मिट्टी का बरतन सबसे बेहतर माना गया है। 

- मिट्टी के बरतनों में बने भोजन को खाने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और बीमारियां पास नहीं फटकती हैं। 

- इसके बरतनों में खाना धीरे-धीरे पकता है। इस कारण खाने से पोषक तत्व नष्ट नहीं होते हैं।

- मिट्टी के क्षारीय स्वभाव के कारण मटके के पानी का पीएच बैलेंस संतुलित रहता है। घड़े के पानी की तासीर ठंडी होने के बावजूद इससे शरीर में वात नहीं बढ़ती है। 

- गरमी के दिनों में मिट्टी के बरतन का पानी पीने से लू से बचाव होता है। 

- घड़े के पानी के इस्तेमाल से एसिडिटी नहीं होती है।

- मिट्टी के बरतन पानी की अशुद्धियों को भी नष्ट करते हैं।

- मिट्टी के तवे पर बनी रोटियों के खाने से कब्ज की प्रॉब्लम दूर होती है। 

कमाल का साथी है तांबा 

आयुर्वेद में तांबे को अग्नि तत्व से संबंधित बताया गया है। यह बॉडी के मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त रखने का काम करता है। 

- तांबे के बरतन में रखा पानी पीने से डाइजेशन अच्छा रहता है। आंतें ठीक से काम करती हैं। 

- तांबे के बरतन का इस्तेमाल करने से रक्त कणों की मात्रा बढ़ती है। 

- मोटे लोग भी इस धातु के बने बरतनों को इस्तेमाल में लाएं, तो फायदा पहुंचेगा। यह फैट को कम करता है। यह स्किन के लिए भी फायदेमंद है। 

- तांबे के बरतन की एक सबसे खास बात यह भी है कि ये शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा को कम करते हैं। गठिया में राहत पहुंचाते हैं और जोड़ों के दर्द को भी दूर रखते हैं। 

- जिनको ब्लड प्रेशर की परेशानी है, वे तांबे के जग में रखे पानी को सुबह उठने के बाद पिएं, तो शरीर पर अच्छा असर होगा। 

- तांबे में सूजन को दूर रखनेवाले गुण भी होते हैं। इसलिए यह आर्थराइटिस या जोड़ों की सूजन और दर्द में आराम पहुंचाता है। 

- तांबे का बरतन चावल बनाने के लिए सबसे अच्छा माना गया है। 

- तांबे को सूरज और आग से जुड़ा मानते हैं। यह शरीर में अग्नि तत्व को बढ़ाता है। मेटाबॉलिक रेट को तेज करता है। 

लोहे के बरतन हैं बेस्ट 

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बहुत पुराने समय से ही लोहे की कड़ाही और चाकू का इस्तेमाल घरों में होता रहा है। लोहे के बरतन का उपयोग करने से शरीर की ताकत बढ़ती है। यह एनर्जी देता है। खाने के बरतनों के रूप में लोहे का प्रयोग करने से शरीर में आयरन की पूर्ति होती रहती है। इससे एनीमिया जैसी बीमारियां दूर रहती हैं। गर्भवती युवतियों के लिए भी लोहे के बरतन में बना खाना फायदेमंद होता है। इतना ही नहीं, लोहे की एक खासियत यह भी है कि यह जॉन्डिस जैसी बीमारी को भी दूर रखता है। स्किन से जुड़ी प्रॉब्लम्स में भी लोहे के बरतनों का इस्तेमाल करने से राहत मिलती है। इन बरतनों का उपयोग करने से डाइजेशन से जुड़ी दिक्कतें भी दूर ही रहती हैं। 

चांदी का चमत्कार

चांदी में शीतलता प्रदान करने के गुण होते हैं। यह शरीर में पित्त के प्रभाव को कम करता है। जिन लोगों की स्किन सेंसेटिव होती है, उन्हें सिल्वर के बरतन का इस्तेमाल करने से फायदा पहुंच सकता है।

- चांदी को मस्तिष्क के लिए अच्छा माना गया है। इसके इस्तेमाल से स्वभाव का चिड़चिड़ापन दूर हो सकता है। 

- जिनकी आंखों की रोशनी कम हो गयी है, उनको चांदी के बरतनों में खाना खाने से लाभ मिल सकता है। 

- जिन युवतियों को मेन्स्ट्रुएशन से जुड़ी परेशानी होती है, उनके लिए चांदी के बरतन में पानी पीना अच्छा रहता है। 

- जिनको ज्यादा गुस्सा आता है, उनके लिए चांदी के बरतन में पानी पीना फायदेमंद साबित होगा।

- रोज सुबह खाली पेट चांदी के बरतन में रखा पानी पिया जाए, तो पेट की परेशानियां दूर रहती हैं। 

- यह धातु लिवर व किडनी जैसे अंगों को भी ठीक रखता है। कुल मिला कर कहें, तो रोगों को दूर रखने में यह धातु बहुत असरकारक है।

कांच की क्या बात

- कांच के बरतनों को ले कर आयुर्वेद में कोई खास जानकारी नहीं है। लेकिन प्लास्टिक के गिलास की तुलना में कांच की बोतल और गिलास को सुरक्षित माना गया है। 

- फलों का जूस कांच के गिलास में पिएं।

पीतल की बातें 

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पीतल की परातों का उपयोग घरों में खूब होता है। इसके बरतनों में रखा पानी पीने से शरीर को ताकत मिलती है। यह रोगों से लड़ने में भी मदद करता है। इसकी थाली में खाना खा कर कई तरह का लाभ पाए जा सकते हैं। 

जरा गौर करें 

इन बरतनों का उपयोग कर रहे हैं, तो इससे जुड़ी कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी है, वरना शरीर को इससे नुकसान भी हो सकता है। 

- तांबे के बरतन में दूध, दूध से बनी और खट्टी चीजों को नहीं खाना चाहिए। 

- तांबे के बरतन भारी और मिलावटी नहीं होने चाहिए। इसे किसी विश्वसनीय जगह से ही खरीदें। 

- तांबे के गिलास या बरतन पर चुंबक लगाने से यदि यह चिपक जाता है, तो समझ जाएं कि बरतन में मिलावट है। 

- यदि तांबे के गिलास को नीबू से साफ करने पर इसका रंग गुलाबी हो जाए या यह चमकने लगे, तो समझ जाएं कि वह गिलास शुद्ध तांबे का बना है। 

- तांबे के बरतन में कम से कम 8 घंटे तक रखने के बाद ही पानी पीने से शरीर को अधिकतम फायदा होगा। अगर दिनभर में 2 से 3 बार भी इस पानी को पिया जाए, तो काफी है। 

- चांदी के बरतनों में खाना खाने के लिए उनका इस्तेमाल करना आज संभव नहीं दिखता है। बेहतर होगा कि चांदी के बरतन के बजाय शुद्ध चांदी के सिक्के या चम्मच को पानी के पात्र में डाल कर रखें। इसका कुछ अंश ही पानी की क्वॉलिटी को बेहतर बना देगा। 

- मिट्टी के बरतन में खाना बनाते समय इसे आंच पर धीरे-धीरे गरम होने दें। 

- जिन लोगों को कम भूख लगती है अगर वे पत्तों से बनी थाली यानी पत्तल पर भोजन करें, तो उनकी भूख बढ़ेगी। पेट की जलन से भी छुटकारा मिलेगा।