जुंबा का शोर आजकल मेट्रो सिटीज में ही नहीं छोटे शहरों में भी खूब मचा हुआ है। युवाओं और बच्चों में एक खास धुन संग एक्सरसाइज करने की यह नयी और रोचक तकनीक बेहद लोकप्रिय होती जा रही है। 1990 के करीब इस एक्सरसाइज तकनीक को एक कोलंबियन डांसर और कोरियोग्राफर ने न्यू डांस फिटनेस प्रोग्राम के तौर पर शुरू किया, जिसका नाम उन्होंने जुंबा दिया। यह एक्सरसाइज का ऐसा पैटर्न है, जिसे करने के दौरान कभी भी बोरियत महसूस नहीं होती। बंगलुरु इको एकेडमी में जुंबा की लाइसेंस प्राप्त इंस्ट्रक्टर नम्रता सिन्हा का कहना है कि वे फिटनेस फ्रीक जो एक्सरसाइज के पुराने तरीकों से पूरी तरह उब चुके हैं, उनके लिए जुंबा फिटनेस का एक नया, असरदार और मनोरंजक तरीका है।
जुंबा को जानें
जुंबा के नाम से मशहूर यह सबसे ट्रेंडी एक्सरसाइज लैटिन अमेरिका में शुरू हुई। यह एक तरह का कार्डियो डांस वर्कआउट है। इस डांस वर्कआउट की खासियत इसका म्यूजिक है। जुंबा के दौरान चलने वाले इस स्पेशल म्यूजिक को इस तरह से कोरियोग्राफ किया जाता है कि एक्सरसाइज के दौरान पार्टी जैसा माहौल बन जाए। वैसे लाइसेंस प्राप्त जुंबा प्रशिक्षकों की संख्या बहुत ही कम है। इसलिए बेहतर होगा कि क्वाॅलिफाइड प्रशिक्षक की जुंबा क्लासेज ही जॉइन करें।
जुंबा के फायदे
इस डांसिंग एक्सरसाइज के ढेरों फायदे हैं, जैसे-
आमतौर पर जुंबा क्लास 1 घंटे की होती है। सप्ताह में 3 दिन (प्रतिदिन एक घंटे) 3 घंटे इस एक्सरसाइज को करके काफी कैलोरी बर्न की जा सकती है।
जुंबा एक तरह का फुल बॉडी वर्कआउट है। इसमें पूरा शरीर सक्रिय रहता है। इस कारण इसका फायदा शरीर के सभी अंगों को पहुंचता है।
बेली फैट (पेट और इसके आसपास जमा चरबी) को कम करने में काफी कारगर माना जाता है।
इसमें कमर हिलाने के साथ-साथ फुटवर्क पर बहुत अधिक जोर दिया जाता है, इस कारण शरीर के निचले हिस्से की मांसपेशियों को काफी मजबूती मिलती है।

जुंबा में प्रयोग किए जाने वाले म्यूजिक के तेज और स्लो बीट्स के हिसाब से ही एक्सरसाइज का तरीका और उसकी रफ्तार में अंतर आता-जाता रहता है। इसके म्यूजिक को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि एक मिनट में म्यूजिक की 145 बीट्स ही बजें।
यह कार्डियोवैस्कुलर रेस्पाइरेटरी सिस्टम (हृदय और श्वसन तंत्र संबंधी) के लिए अच्छा है।
शरीर के मेटाबॉलिज्म को सही रखता है। इसके साथ ही शरीर की सहनशक्ति को भी बढ़ाता है।
जुंबा के प्रकार
हर उम्र के लोगों और उनकी जरूरतों को ध्यान में रख कर कई तरह का जुंबा तैयार किया गया है-
जुंबिनीः इस क्लास को पेरेंट्स और बेबी (0-3 साल) को साथ में किए जाने वाले मूव्स शामिल हैं। यह बच्चे और अभिभावक को एक-दूसरे के और करीब लाने वाली अनोखी क्लास होती है।
जुंबा किड्स जूनियर और जुंबा किड्सः जुंबा किड्स जूनियर 4 से 6 साल और जुंबा किड्स 7 से 11 साल के बच्चों के लिए तैयार किया गया फिटनेस प्रोग्राम है। इन दोनों तरह के जुंबा में इस बात का खास ख्याल रखा गया है कि बच्चे पूरी तरह से एक्टिव रहें। साथ ही उनको एक तरह की हाइपर डांस पार्टी में शामिल होने की फीलिंग भी हो।
एक्वा जुंबाः स्वीमिंग पूल में किया जाने वाला एक कंप्लीट बॉडी वर्कआउट है।
जुंबा टोनिंगः एब्स, थाइज, आर्म्स की मांसपेशियों को ध्यान में रख कर इस एक्सरसाइज प्रोग्राम को तैयार किया गया है। इसमें कार्डियो वर्कआउट पर जोर दिया जाता है।
जुंबा सेन्टाओः इस प्रकार के जुंबा में चेअर का इस्तेमाल करके वर्कआउट कराया जाता है। यह कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ को सही रखता है और कैलोरी भी बर्न करता है।
जुंबा इन द सर्किटः इसमें तेज गति से किए जाने वाले मूव्स होते हैं।
जुंबा स्टेप्सः यह विशेष मूव्स और स्टेप्स से बना होता है, जो खासकर पैरों की मांसपेशियों को मजबूती देता है।

जुंबा गोल्डः इसे वरिष्ठ लोगों को ध्यान में रख कर डिजाइन किया गया है। इसमें हल्की गति के आसान डांस मूव्स को शामिल किया गया है। यह कोऑर्डिनेशन, बैलेंस और पूरे बॉडी की फिटनेस को कारगर बनाता है।
जुंबा में क्या करें
जुंबा करने के दौरान ऐसी ड्रेस पहनें, जिसमें आपकी बॉडी म्यूजिक के हिसाब से आसानी से मुड़ सके या झुक सके।
इसे करते समय सही ग्रिप के जूते पहनें। लाइट वेट स्नीकर्स इस एक्सरसाइज के लिए काफी परफेक्ट साबित होंगे। यह आपको मूवमेंट को आसान करने में सहायक होता है।
युवतियां अपनी जुंबा क्लास के लिए अच्छी सपोर्ट देनेवाली स्पोर्ट्स ब्रा भी पहनें।
जुंबा करने के दौरान आपको पर्याप्त एनर्जी मिलती रहे, इसके लिए थोड़ा ड्राई फ्रूट खाएं। चाहें, तो हाई एनर्जी फ्रूट भी ले सकती हैं।
पहली क्लास में ही अपनी क्षमता को ले कर परेशान या निराश नहीं हों। कई बार ऐसा होगा कि डांस के मूव्स के दौरान जब सब बायीं ओर मूव कर रहे हों, तो आप दायीं तरफ मुड़ जाएं या सब झुक रहे हों, तो आप खड़ी ही रह जाएं। कुछ क्लास तक वर्कआउट मूव्स के कोऑर्डिनेशन में प्रॉब्लम आ सकती है, लेकिन जल्दी ही या 2 से 3 क्लास के बाद आप म्यूजिक के अनुसार बॉडी के मूव करने के सही तरीके और समय के साथ तालमेल बिठा लेंगे।
जुंबा के दौरान खाने की आदतों की तरफ खास ध्यान देने की जरूरत पड़ती है। सही आदतें अपना कर जल्दी ही वेट लॉस के अच्छे रिजल्ट मिलेंगे। गलत डाइट से अच्छे नतीजे मिलने में देर हो सकती है।
फूड हैबिट को कंट्रोल में रखने के साथ ही अच्छी नींद की आदत डालना भी जरूरी है।
जुंबा में काफी बाउंसिंग मूव्स होते हैं। इस डांसिंग एक्ससाइज के ढेरों मूवमेंट्स तेज गति वाले होते हैं, इसलिए सही फ्लोर वाले जुंबा क्लास को ही जॉइन करें। वुडन फ्लोर पर होने वाली जुंबा क्लास को परफेक्ट माना गया है।
जुंबा करने के दौरान पानी की एक बोतल और टॉवल भी साथ रखें।
जुंबा शुरू करने के पहले बॉडी को वॉर्मअप करना ना भूलें।
क्लास शुरू होने के कम से कम 20 मिनट पहले पानी पिएं।
वर्कआउट करते समय इंस्ट्रक्टर के मूवमेंट्स को हमेशा ध्यान में रखें।
जुंबा में ना करें
क्लास के पहले बहुत ज्यादा खाना नहीं खाएं। कोशिश करें कि आपके भोजन और जुंबा क्लास के बीच कम से कम 2 घंटे का अंतराल जरूर हो। फिर भी बहुत भूख महसूस हो रही हो, तो क्लास शुरू होने के कम-से-कम 45 मिनट पहले एक या दो बिस्किट या फिर एक केला खा सकती हैं।
चाय, कॉफी जैसे ड्रिंक को क्लास शुरू होने के कम से कम 1 घंटा या 40 मिनट पहले ले लें। वैसे इन्हें लेने से बचें।
अस्थमा, हृदय रोग या किसी गंभीर रोग के मरीज इस तरह का क्लास जॉइन करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श लें।