Tuesday 25 May 2021 03:38 PM IST : By Nishtha Gandhi

नया फिटनेस फंडा बस 11 मिनट और 6 एक्सरसाइज

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कोरोना के समय में एक्सपर्ट लोगों को बाहर जा कर एक्सरसाइज करने से मना कर रहे हैं। पहले लाॅकडाउन के समय लोगों ने घर में रहते हुए ही वाॅकिंग, योगा को ज्यादा तरजीह दी। हालांकि हर कोई घर में रह कर नियमित रूप से एक्सरसाइज नहीं कर पाया। लाॅकडाउन के नियमों में थोड़ी ढील होने के बाद लोग बढ़े वजन को कम करने के लिए जिम पहुंचे ही थे कि दोबारा कोरोना के मामले बढ़ने शुरू हो गए। इसी को ध्यान में रखते हुए हेल्थ एक्सपर्ट भी एक्सरसाइज के नए तरीके और काॅम्बिनेशंस खोज रहे हैं, जिनकी मदद से लोग घर में रहते हुए ही कम समय में फिट रह सकें। पिछले दिनों हैमिल्टन की मैकमास्टर युनिवर्सिटी और रोचेस्टर के मेयो क्लीनिक के हेल्थ एक्सपर्ट्स ने फिटनेस के लिए 11 मिनट का रूटीन डेवलप किया है। इन शोधकर्ताओं ने 20 स्वस्थ महिलाओं व पुरुषों पर इस रूटीन को आजमाया और इसके उनकी फिटनेस पर पाॅजिटिव रिजल्ट्स देखे। इस रिसर्च में यह पाया गया कि इस फिटनेस रूटीन को अपनानेवाले लोगों की फिटनेस का स्तर 7 प्रतिशत तक बढ़ गया। इनके पैरों की ताकत भी पहले से ज्यादा बढ़ गयी थी।

क्या है यह फिटनेस रूटीन

वाॅर्मअप के लिए एक मिनट तक करें जंपिंग जैक: कोई भी एक्सरसाइज करने से पहले वाॅर्मअप करना बहुत जरूरी होता है। जंपिंग जैक करने के लिए थोड़ा सा उछलकर पैरों को फैलाते हुए दोनों हाथ उपर करके ताली बजाएं और फिर इसी तरह उछलते हुए पहले वाली स्थिति में आ जाएं।

एक मिनट के लिए माॅडीफाइड बर्पीज करें: इस एक्सरसाइज में घुटनों को मोड़ते हुए हाथों को जमीन पर टिकाएं फिर दोनों पैरों को पीछे ले जाएं और सीधे हो जाएं। आमतौर पर बर्पीज में पुशअप्स भी किए जाते हैं, लेकिन माॅडीफाइड वर्जन में आपको पुशअप्स नहीं करने। 

एक मिनट के लिए हाई नी रनिंग: एक ही जगह पर खड़े हो कर हाई नी रनिंग करें। इसके लिए घुटनों को जितना हो सके, उपर की तरफ मोड़ें।

एक मिनट स्पिलिट स्क्वैट जंपिंग: अपनी जगह पर खड़े हो कर जंपिंग करें और पैरों को मोड़ते हुए एक पैर को आगे ले जाएं और दूसरे पैर के घुटने से जमीन को टच करें।

एक मिनट तक दोबारा हाई नी रनिंग: एक मिनट तक हाई नी रनिंग का सेकंड राउंड करें। इस तरह की रनिंग से पैरों और घुटनों की मजबूती बढ़ती है। 

एक मिनट तक स्कवैट जंपिंग: अपनी जगह पर खड़े हो कर जंपिंग करनी है, लेकिन नीचे आते समय घुटनों को मोड़ते हुए फर्श पर उकड़ूं बैठ जाएं। 

बीच- बीच में करें स्पाॅट वाॅकिंग: इन सब एक्सरसाइज के बीच में एक-एक मिनट तक स्पाॅट वाॅकिंग करें। इस तरह से पूरे 11 मिनट होंगे।

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फरीदाबाद के क्यूआरजी हाॅस्पिटल में फिजियोथेरैपी डिपार्टमेंट के हेड डाॅक्टर कपिल चैहान का कहना है, ‘‘फिटनेस बढ़ाने और इम्यूनिटी बढ़ाने में एक्सरसाइज बहुत महत्वपूर्ण रोल अदा करती है। मेडिकल एक्सपर्ट पैरों की पिंडलियों को शरीर का सेकंड हार्ट कहते हैं। यह नीचे से उपर की तरफ ब्लड सर्कुलेशन में मदद करती हैं। जब आप वाॅकिंग, जाॅगिंग या रनिंग करते हैं, तो उससे आपके पैरों की मांसपेशियां टाइट होती हैं और इससे आपकी नसें दबती हैं और पैरों से ब्लड सर्कुलेशन दिल की तरफ पहुंचता है। कुल मिला कर कहा जा सकता है कि इससे पूरी बाॅडी में रक्त संचार होता है। शरीर में टाॅक्सिंस और मेटाॅबाॅलिक वेस्ट भी एक्सरसाइज की मदद से शरीर से बाहर निकलते हैं। दूसरी तरफ एक्सरसाइज के दौरान जाॅइंट्स की मूवमेंट होती रहती है और उनके बीच में मौजूद कार्टिलेज पतला होता रहता है। एक्सरसाइज ना करने की वजह से कमर और गरदन की मांसपेशियां अकड़ जाती हैं। फ्रोजन शोल्डर की यह एक बड़ी वजह है। इम्यूनिटी बूस्ट करने में एक्सरसाइज बहुत मदद करती है। यह शरीर से टाॅक्सिंस बाहर निकालने में मदद करती है और पूरी बाॅडी के सिस्टम को दुरूस्त करती है। शरीर में जितने ज्यादा टाॅक्सिंस होंगे, वे आपकी इम्यूनिटी पर उतना ही बुरा असर डालेंगे। जब हम एक्सरसाइज करते हैं, तो हमारे शरीर के अलग अंगों की क्षमताएं भी बढ़ती हैं। इसे दूसरे शब्दों में कहें, तो जो लोग एक्सरसाइज नहीं करते, तो उनके शरीर के अंग अपनी पूरी क्षमता के अनुसार काम नहीं कर पाते, जिसकी वजह से बीमारी होने पर ज्यादा कमजोरी आती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती जाती है। जाॅगिंग करने से शरीर के अंदरूनी अंगों की मसाज होती है और वे बेहतर तरीके से काम कर पाते हैं।

काॅम्बिनेशन वर्कआउट 30 से कम उम्र के लोगों के लिए ज्यादा फायदेमंद है। आप जो भी वर्कआउट करते हैं, वे आपकी उम्र, बाॅडी वेट,  शरीर में मौजूद बीमारियों के हिसाब से होना चाहिए। उम्र बढ़ने के साथ आपको वेट ट्रेनिंग के साथ स्ट्रेचिंग, योगासन जरूर करें। इससे शरीर में फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है। वहीं 45 वर्ष से ज्यादा की उम्र में आपका फोकस ब्रीदिंग एक्सरसाइज जेसे प्राणायाम, और वाॅकिंग पर करें। अगर पहले कभी कोई फिजिकल एक्टिविटी नहीं की, तो लाइट योगासन और प्राणायाम से शुरुआत करें। शुरुआत में किसी एक्सपर्ट की सलाह से ही वर्क आउट करना चाहिए। हम कोई भी एक्सरसाइज करें, उसमें वाॅर्मअप, फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाने के लिए स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें, फिर स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और वेट ट्रेनिंग, एरोबिक एक्टिविटी, साइक्लिंग, स्वीमिंग, वाॅकिंग, जाॅगिंग करें। इसके बाद बाॅडी को कूल डाउन करें। जैसे कि अगर जाॅगिंग कर रहे हों, तो धीरे- धीरे स्पीड कम करते हुए वाॅकिंग करें। इसके बाद स्ट्रेचिंग करें। बाॅडी के कूल डाउन होने के बाद शाॅवर, स्टीम बाॅथ या साॅना बाॅथ भी ले सकते हैं ।