Tuesday 07 July 2020 04:12 PM IST : By Nisha Sinha

विटामिंस खाएं मेटाबॉलिज्म बढ़ाएं

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नियमित एक्सरसाइज करके अौर सही डाइट ले कर मोटापे को दूर रखा जा सकता है। इसके अलावा कुछ ऐसे पोषक तत्व अौर खनिज भी हैं, जो वजन को कंट्रोल में रखने में मददगार होते हैं। गुरुग्राम स्थित नारायणा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी के स्पेशलिस्ट डॉ. लवकेश अानंद बताते हैं कि मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त रखने में विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी अौर विटामिन डी की खास भूमिका है। उनका मानना है कि सही मायने में एक हेल्दी मेटाबॉलिज्म की खासियत होती है कि शरीर भोजन के अधिकांश पोषक तत्वों को इस्तेमाल में लाए, ताकि वह जमा हो कर फैट में तब्दील नहीं हो सके। इससे शरीर में अतिरिक्त वसा
जमा नहीं हो पाएगी।
 विटामिन ए
 दिल, किडनी, फेफड़ा अौर दूसरे अंगों की सुस्त गति को प्रभावी रूप से चलाने के लिए विटामिन ए बेहद जरूरी है। अांखों के लिए विटामिन ए को हमेशा से अच्छा माना गया है। यह विटामिन थाइरॉयड हारमोन को सही रखने में भी काफी कारगर है। ऐसा पाया गया है कि अगर थाइरॉयड कम हो, तो मेटाबॉलिज्म की रफ्तार भी धीमी हो जाती है। बेहतर होगा अगर खाने में विटामिन ए को शामिल करें। यह विटामिन हरी पत्तेदार सब्जियों, ब्रोकली, नारंगी, पीले रंग की सब्जियों, गाजर, बटर अौर लिवर में पाया जाता है।
विटामिन बी
विटामिन बी में विटामिन बी-12, बायोटिन, थायमिन, फोलेट, विटामिन 6 सभी शामिल हैं। किसी एक भी विटामिन की कमी का असर दूसरे विटामिन पर पड़ सकता है, जिसका बुरा असर मेटाबॉलिज्म पर होता है। फैट, प्रोटीन अौर कार्बोहाइड्रेट के डाइजेशन में थायमिन यानी विटामिन बी1 की अहम भूमिका है। विटामिन बी3 यानी नियासिन कार्बोहाइड्रेट का अच्छी तरह से डाइजेशन करता है। विटामिन बी साबुत अनाज, डेअरी प्रोडक्ट, अंडा, केला, सेब, पालक, अालू, सी फूड में पाया जाता है। इसके अलावा नट्स अौर सीड्स से भी यह भरपूर मिलता है।

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विटामिन सी
अगर अाप वजन कम करना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए अाप अपनी स्ट्रेंथ के साथ कोई समझौता नहीं करना चाहते हैं, तो विटामिन सी इसमें अापकी मदद करेगा। दरअसल विटामिन सी फैट के मेटाबॉलिज्म में सहायक होता है। कोलरेडो युनिवर्सिटी में हुए एक अध्ययन ने भी इस बात को सही ठहराया। विटामिन सी अांवला, अमरूद, ब्रोकली, पोदीना, शिमला मिर्च, संतरा में पाया जाता है। अगर खट्टे फल पसंद नहीं हैं, तो कद्दू के बीज, अलसी भी फायदेमंद साबित होंगे, जो अापकी काया को छरहरा बनाए रखने में अापकी मदद करेंगे।  
विटामिन डी
शोधों में यह पता चला कि जो मोटे लोग थे उनमें विटामिन डी की मात्रा कम थी। 2016 में हुए एक अध्ययन में यह भी पाया गया कि टाइप 2 डाइबिटीक पोस्ट मेनोपॉजल वुमन का विटामिन डी युक्त योगर्ट खाने से ब्लड शुगर लेवल सही हुअा। सूजन की परेशानी कम हुई। उनकी कमर के साइज में भी कमी पायी गयी। एक अन्य अध्ययन ने यह भी साबित किया कि विटामिन डी अौर कैल्शियम को साथ लेने से पोस्ट मेनोपॉजल वुमन में वजन बढ़ने की अाशंका कम हो जाती है। विटामिन डी अंडे की जर्दी, कॉड लिवर अॉइल, सालमन जैसी मछलियों में पाया जाता है।