डाइट एक्सपर्ट का कहना है कि सामान्य अनाज, दाल, फल-सब्जियों के मुकाबले ऑर्गेनिक अनाज, दाल, फल-सब्जियां ज्यादा हेल्दी हैं। दरअसल, ऑर्गेनिक फूड केमिकल फ्री होते हैं। इसमें किसी तरह के पेस्टिसाइड या रासायनिक खाद का इस्तेमाल नहीं होता। ऑर्गेनिक फार्मिंग यानी जैविक खेती में दाल, गेहूं, चावल व मौसम की सभी फल व सब्जियां उगाए जाते हैं। ग्रीन टी, कुकिंग हर्ब, नारियल तेल और जैतून का तेल जैसे ऑर्गेनिक फूड्स की आजकल मांग बढ़ी है और लोगों को अपनी सेहत को ले कर इसके फायदे भी महसूस हो रहे हैं। यही वजह है कि कई कंपनियां ऑर्गेनिक फूड की ओर बढ़ रही हैं।
एथनिक इंडिया वेबसाइट को प्रमोट करनेवाले एक ऑर्गेनिक फूड स्टोर की निदेशक वहीदा कुनथ के अनुसार, ‘‘सामान्य फल-सब्जी और अनाज में तरह-तरह के पेस्टिसाइड के प्रयोग से तैयार अनाज, दाल, फल-सब्जियाें से अकसर पेट संबंधी गड़बड़ियां ही नहीं, हारमोन्स से जुड़ी समस्या भी होने लगती हैं। ऑर्गेनिक फूड शुरू करने के लिए केरल के प्रसिद्ध ऑर्गेनिक फूड ब्राउन राइस, रेड राइस और प्योर फिल्टर कोकोनट ऑइल से शुरुआत कर सकते हैं।’’ वैसे पेस्टिसाइट में प्रयोग होनेवाले केमिकल्स के नुकसान से सभी वाकिफ हैं, पर जागरूकता की कमी से लोग ऑर्गेनिक फूड की ओर धीमी गति से बढ़ रहे हैं।

कैसे पहचानें
ऑर्गेनिक फूड आइट्म्स सर्टिफिकेट प्राप्त होते हैं और उन पर जांच की मोहर लगी होती है। इन पर सर्टिफाइड स्टिकर लगे होते हैं। नॉर्मल फूड से इनके स्वाद, गंध में भी आप फर्क महसूस कर सकते हैं। ऑर्गेनिक चावल और दाल को पकाने में भले ही सामान्य अनाज व दाल से थोड़ा-बहुत फर्क होता हो, ये खाने में स्वादिष्ट होते हैं। ऑर्गेनिक मसालों की महक भी काफी तेज होती है। ऐसी चीजें जिन पर नेचुरल या फार्म फ्रेश लिखा हो, जरूरी नहीं कि वे ऑर्गेनिक हों, ये प्रिजर्वेटिव फ्री हो सकते हैं। ऐसे खाद्य पदार्थ मार्केट में मिलते हैं, जिनमें पेस्टिसाइड डाला गया होता है या वे जेनिटिकली मॉइडीफाइड किए गए होते हैं और उन पर फार्म फ्रेश लिखा होता है। ‘होल फूड’ की फाउंडर क्लीनिकल न्यूट्रीशनिस्ट ईशी खोसला के मुताबिक, ‘‘नॉर्मल फूड आइटम्स में प्रयोग होनेवाले पेस्टिसाइड में ऑर्गेनो-फॉस्फोरस जैसे केमिकल होते हैं,जिनसे कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ता है। जबकि ऑर्गेनिक फूड में सामान्य फूड के मुकाबले 10 से 50 फीसदी ज्यादा पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं। ऑर्गेनिक फूड में ज्यादातर एंटी ऑक्सीडेंट तत्व बरकरार रहते हैं।’’
कैसे उगाए जाते हैं
ऑर्गेनिक फूड में सामान्य तरीके से उगायी जानेवाली फसल के मुकाबले ज्यादा पोषक तत्व होते हैं, क्योंकि इन्हें जिस मिट्टी में उगाया जाता है, वह अधिक उपजाऊ होती है। इस खेती को शुरू करने से पहले जमीन को 2 साल के लिए खाली छोड़ देते हैं, जिससे पहले से मौजूद उस जमीन में पेस्टिसाइड का असर खत्म हो सके। कंपोस्ट खाद से अनाज, दाल, फल, सब्जियों की पैदावार होती है। ऑर्गेनिक फूड आइटम्स सामान्य फूड की तुलना में बाजार में कम हैं, पर महंगे हैं। इसकी वजह है कि इसका सर्टिफिकेशन महंगा है और आसानी से सब्सिडी भी नहीं मिलती। आमतौर पर किसान जैविक खेती के बजाय पारंपरिक तरीके से खेती करते हैं, क्योंकि सब्जियां जल्दी बढ़ती हैं व पैदावार ज्यादा होती है।
ऑर्गेनिक ऑइल
वहीदा कुनथ आगे कहती हैं, ‘‘रिफाइंड ऑइल को हम प्योरिटी से देखते हैं। रिफाइंड ऑइल देखने में भले ही सुंदर दिखता हो, पर इसका मॉइश्चर निकाल लिया जाता है। तभी यह सरदियाें में नारियल तेल की तरह नहीं जमता।’’ इसके अलावा सही बरतन में पकाना भी मायने रखता है।