Friday 06 November 2020 04:18 PM IST : By Meena Pandey

कई पौष्टिक गुणों से भरपूर है फलाहार

Phalahar

सिर्फ व्रत में फलाहार खाने से बेहतर है, इनको किसी ना किसी रूप में रोज खाएं और हेल्दी रहें। जैसे रामदाना हडि्डयों को मजबूत करता है और ऑस्टियोपोरोसिस से भी बचाता है। साबूदाना विटामिन के, कैल्शियम व आयरन का बेहतरीन जरिया है। कुट्टू का आटा ऑटो इम्यून डिस्ऑर्डर की समस्या का अच्छा विकल्प है। इसे डाइबिटीज में लेना बहुत फायदेमंद रहता है। सिंघाड़े के आटे में दूध की तुलना में 22 फीसदी ज्यादा खनिज होते हैं। इसमें कई औषधीय गुण हैं। शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। मौसमी बीमारियों से भी बचाव करता है। मूंगफली सेहत का खजाना है। दूध नहीं पी सकते, तो मूंगफली खाइए। मखाने का सेवन सेहत को ठीक व शरीर को चुस्त रखता है। इसे लेने से दिल की सेहत भी दुरुस्त रहती है।

अनोखा फलाहार रामदाना: रामदाने में प्रोटीन, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटैशियम, एंटी ऑक्सीडेंट, विटामिन ई, ऊ, सी की भरपूर मात्रा होती है। गेहूं के मुकाबले इसमें 3% ज्यादा फाइबर और 5% अधिक आयरन होता है। दूध के मुकाबले इसमें दोगुना कैल्शियम होता है। यह कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करता है। शुगर भी बैलेंस रखता है। इसमें मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट तनाव कम करता है। रामदाने में लाइसिन और सिस्टीन की मौजूदगी बालों को स्वस्थ, सुंदर व मजबूत रखती है। प्रोटीन भी इसमें काफी मात्रा में होता है, जिससे पेट देर तक भरा रहता है और भूख का अहसास नहीं होता। यह अनाज की तरह काम करता है।

साबूदाना के लाभः यह मानसिक स्थिरता को कायम रखता है। हाई ब्लड प्रेशर ठीक करता है। साबूदाना कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और हार्ट को मजबूती देता है। यह वेजिटेरियन लोगों को उस मात्रा में प्रोटीन सप्लाई करता है, जो नॉनवेज खाने वाले प्राप्त करते हैं। यह एक महत्वपूर्ण खनिज है, इसमें भरपूर आयरन, बी कॉम्पलेक्स व फोलिक एसिड आदि शामिल हैं। यह वजन कम करने के साथ रेड ब्लड सेल्स बढ़ाता है। एनीमिया की समस्या खत्म होती है। प्रेगनेंट महिला को इसे अपने आहार में शामिल करना चाहिए।

कुट्टू का आटाः इसमें प्रोटीन बड़ी मात्रा में होता है। जो व्रती जन देसी घी से तर कुट्टू के आटे का हलवा, पूरी, बिस्किट व पकौड़े खा-खा कर नवरात्रों में अपना वजन बढ़ा लेते हैं, अगर इसका थोड़े घी में बना हलवा, हल्के परांठे या रोटी खाएं, तो ज्यादा फायदा होगा। गेहूं से जिनको एलर्जी है, वे इसे विकल्प के रूप में ले सकते हैं। इसमें बड़ी मात्रा में मौजूद मैग्नीशियम, विटामिन बी, आयरन, कैल्शियम, फोलेट, जिंक, कॉपर, मैगनीज और फास्फोरस, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को कम करता है। कुट्टू का आटा सूर्य की नुकसानदेह किरणों से भी बचाता है। यह एक प्राकृतिक सनटैन लोशन की तरह त्वचा का बचाव करता है। कुट्टू में मौजूद शक्तिशाली एंटीबॉडीज और फ्लेवोनॉइड समय से पहले त्वचा की उम्र को बढ़ने से रोकते हैं। इसमें मौजूद मैग्नीशियम नसों को रिलैक्स रखता है। ब्लड सर्कुलेशन हेल्दी व त्वचा चमकदार और युवा रहती है। अगर बाल झड़ने, दोमुंहे बालों या गंजेपन की समस्या है, तो कुट्टू का आटा किसी ना किसी रूप में जरूर खाएं। इसमें मौजूद पोषक तत्व फॉलिकल्स को मजबूत करके बालों को नुकसान से बचाते व घना बनाते हैं। इसका सेवन हीमोग्लोबिन बढ़ाने और लगातार रहनेवाले सरदी-जुकाम और फ्लू के इलाज में बहुत असरदायक होता है। इसमें मौजूद बी कॉम्पलेक्स की अच्छी क्वॉलिटी की वजह से कुट्टू लिवर के दोषों और बीमारियों से रक्षा करता है।

सिंघाड़े का आटाः इसके सेवन से शुगर, अल्सर, हृदय रोग, गठिया जैसे रोगों से बचाव हो सकता है। बुजुर्गों और गर्भवती महिलाअों के लिए तो यह काफी गुणकारी है। इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन बी, सी, आयरन, कैल्शियम, मिनरल्स, फास्फोरस जैसे तत्व पर्याप्त मात्रा में मिलते हैं। सिंघाड़े व सिंघाड़े के आटे में मौजूद आयोडीन, मैगनीज जैसे मिनरल्स थायरॉइड और घेघा रोग की रोकथाम में अहम भूमिका निभाते हैं। इसमें मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट गले की खराश और कफ को कम करते हैं। इसका सेवन खांसी में टॉनिक की तरह काम करता है। इसमें मौजूद आयोडीन गले के टॉन्सिल्स के इलाज में फायदेमंद है। सिंघाड़े को पानी में उबाल कर उस पानी से गरारे करने से भी आराम मिलता है। प्रेगनेंट महिलाएं जिनका अबॉर्शन बार-बार होता है, उन्हें सिंघाड़ा व सिंघाड़े के आटे का हलवा खिलाने से प्रेगनेंसी बची रहती है। एडि़यां फटने की वजह शरीर में मैगनीज की कमी है। सिंघाड़े व इसके आटे के सेवन से यह कमी पूरी हो जाती है।

सावां के चावलः यह अनाज नहीं है, पर उसकी तरह ही पोषक तत्वों व एनर्जी से भरपूर है। यह कार्बोहाइड्रेट, विटामिन ए, सी, ई, प्रोटीन, मिनरल्स व फाइबर से भरपूर है। इससे पेट में गैस नहीं बनती। डाइबिटीज के मरीज इसका सेवन कर सकते हैं। इसे लेने से शरीर में हल्कापन व एनर्जी बनी रहती है। मसल्स मजबूत होती हैं। यह ग्लूटन फ्री होता है। इसमें कम कैलोरी होने से वजन नहीं बढ़ता। आयरन से भरपूर होने से थकान और चक्कर आने की समस्या से राहत रहती है।

मूंगफली करे सेहत की रखवालीः 100 ग्राम कच्ची मूंगफली में एक लीटर दूध के बराबर प्रोटीन होता है। मूंगफली में प्रोटीन 25 फीसदी से ज्यादा होता है। यह विटामिन ई, बी, आयरन, कैल्शियम व जिंक से भरपूर है। विटामिन बी 6 इसमें खूब होता है। अोमेगा 6 से भरपूर मूंगफली का सेवन त्वचा को कोमल और नम बनाए रखता है। मूंगफली के पेस्ट का इस्तेमाल फेस पैक के लिए भी होता है। मूंगफली खाने से दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम होता है। खून की कमी नहीं होती। इसमें प्रोटीन, ऑइल व फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है। मूंगफली में पॉलीफेनॉल, एंटी ऑक्सीडेंट, विटामिन्स और मिनरल्स पाए जाते हैं। इसके सेवन से झुर्रियां नहीं होतीं। कैल्शियम और विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा में होने से हडि्डयां मजबूत होती हैं। इसे उबाल कर व भिगो कर खाए जाने से ज्यादा लाभ होता है। डिप्रेशन से बचाव और उपचार में मूंगफली का सेवन अच्छा होता है। मूंगफली में ट्रिप्टोफान नामक एमिनो एसिड होता है। जो मूड सुधारनेवाले हारमोन सेरोटोनिन का स्राव बढ़ाता है, जिससे मूड अच्छा और मन शांत होता है।

मखाने के फसानेः मखाने में एंटी एजिंग तत्व होते हैं, जो लंबे समय तक त्वचा का निखार बनाए रखने के साथ आपको तन मन से युवा रखते हैं। इसके सेवन से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। शुगर के मरीज इसे डाइट में शामिल करें, इंसुलिन का स्तर कंट्रोल में रहेगा। इसे नियमित खाने से ब्लड शुगर कम होती है। रोज 6 मखाने सुबह खाली पेट खाने से डाइबिटीज से छुटकारा मिलता है। यही नहीं इसे लेने से नींद ना आने की समस्या खत्म होती है, तनाव दूर रहता है। रात को दूध के साथ मखाने लेने से नींद गहरी व समय से आने लगेगी। इसमें मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट खाने को आसानी से पचाता है, किडनी को भी मजबूत करता है। यह शरीर में वसा की मात्रा में कमी लाता है, जिससे वजन कम होता है। इसमें कैल्शियम होता है, जिससे हडि्डयां मजबूत रहती हैं। यह डाइजेस्टिव सिस्टम को मजबूत और मेटाबॉलिज्म को अच्छा रखता है।