Tuesday 19 January 2021 12:53 PM IST : By Meena Pandey

कुलथ की दाल खाने के इतने फायदे जान कर आप हैरान रह जाएंगे

kulath-dal

औषधीय गुणों से भरपूर कुलथ की दाल को लोग कम ही जानते हैं। इसे इंग्लिश में हॉर्स ग्राम कहते हैं। यह वजन कम करने, पथरी व पाइल्स आदि के इलाज में कारगर है। इसकी पैदावार दक्षिण भारत में होती है। कुलथ
में 25 प्रतिशत प्रोटीन होता है, जो सोयाबीन से लगभग आधे के बराबर है। दूसरी दालों की तुलना में यह पोषक तत्वों से भरपूर है। आयुर्वेद में इस दाल का उपयोग कई रोगों के इलाज के लिए होता है। अस्थमा, पीलिया और यूरिन संबंंधी विकारों का इलाज इसके पौधे की पत्तियों व तने से किया जाता है। कुलथ की दाल आयरन, फास्फोरस, कैल्शियम और एमिनो एसिड जैसे तत्वों से भरपूर होती है। इस दाल में फाइबर होने से पेट की समस्याएं दूर रहती हैं। इसे भिगो कर खाना ज्यादा फायदेमंद है। जीभ के छालों और पेट के अल्सर को खत्म करने में इसका सेवन बहुत फायदेमंद रहता है। गैस्ट्रिक अल्सर में यह असरदायक नहीं रहती, लेकिन बाकी अल्सरों का बखूबी इलाज करती है। उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक इसकी पैदावार के गढ़ हैं। कई वैज्ञानिक अध्ययनों ने इसके लाभों की पुष्टि की है।

पथरी के इलाज में कारगर: नोएडा में आयुर्वेदिक डॉक्टर गिरधर शर्मा के अनुसार कुलथ की दाल में किडनी की पथरी को नष्ट करने की क्षमता होती है। यह दाल किडनी में पथरी को बनने से रोकती है और इतना कमजोर कर देती है कि वह अपने आप टुकड़े हो कर बाहर आ जाती है। कुलथ के दानों को रातभर पानी में भिगोएं। सुबह इस पानी को पी लें। इसका सेवन पथरी बनने से रोकता है और पथरी को नष्ट भी करता है।

महिलाओं के लिए फायदेमंदः इसे लेने से महिलाओं में आयरन की कमी दूर होती है। इसका सूप बना कर पिया जा सकता है। रोज एक चम्मच कुलथ की दाल भिगो कर उसका पानी पिएं, फिर पका कर खा लें या सूप बना कर पिएं। इसे पीरियड्स संबंधी परेशानियां कंट्रोल में रहेंगी।

यूरिन इन्फेक्शन में आरामः यूरिन इन्फेक्शन होने पर एक कप कुलथ की दाल को भिगाएं। सुबह इसे उबाल लें, दिन में तीन बार इस दाल के उबले पानी का सेवन करें।

डाइबिटीज में मददगारः कुलथ की दाल में मौजूद एंटी हाइपरग्लाइसेमिक तत्व शरीर में इंसुलिन के प्रतिरोध को कम करने में बहुत मददगार रहते हैं। इससे डाइबिटीज कंट्रोल में रहती है। इससे ब्लड में ग्लूकोज का स्तर भी नियंत्रित रहता है। टाइप टू डाइबिटीज को कंट्रोल में रखने की वजह से इसे सुपर फूड कहा जाता है।

कोलेस्ट्रोल कंट्रोलः इसमें डाइटरी फाइबर की खासी मात्रा होती है, जो कोलेस्ट्रोल घटाने में मददगार है। इसके सेवन से हृदय स्वस्थ रहता है।

अस्थमा में प्रभावीः कुलथ की दाल में कई तरह के बायोएक्टिव पदार्थ होते हैं, जो गले के इन्फेक्शन, खांसी-जुकाम और अस्थमा जैसी बीमारियों को दूर करने में मदद करते हैं।

आंखों का आनाः अगर सुबह उठने पर आंखों में चिपचिपापन रहता है या बरौनियां चिपक जाती हैं, आंख बार-बार आने की समस्या बनी रहती है, तो एक चम्मच कुलथ दाल रात को भिगो दें। उसके पानी से सुबह अपनी आंखें रोज धोएं। चिपचिपापन तो जाता ही रहेगा, आंखों के दर्द और जलन से भी राहत मिलेगी।

पाइल्स में आरामः 20 ग्राम कुलथ की दाल को रात में भिगो दें, सुबह उसका पानी पी लें और दाल के दानों को सलाद में डाल कर खाएं। पाइल्स की तकलीफ में आराम मिलने के साथ यह ठीक भी हो जाएगी। कुलथ की दाल उबाल कर उसका पानी रोज पीने से इम्यून सिस्टम भी मजबूत होगा।

ज्यादा सेवन ना करेंः कुलथ कितनी भी फायदेमंद क्यों ना हो, इसका जरूरत से ज्यादा सेवन नुकसान पहुंचा सकता है। इसका सेवन कम मात्रा में करें। ज्यादा लेने से पित्त की समस्या बढ़ सकती है। हाई ब्लड प्रेशर वाले इस दाल का ज्यादा सेवन ना करें।