Wednesday 23 September 2020 04:41 PM IST : By Ruby Mohanty

जब हो चेहरे पर बालों की समस्या

facial-hair

चेहरे पर अनचाहे बाल होने की वजह सौंदर्य समस्या नहीं, बल्कि हारमोनल दिक्कत है। इसे हिरसुटिज्म कहते हैं।  स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रीटा बख्शी द्वारा जानें खास बातें-
महिलाअों के नाभि के अासपास, होंठाें के ऊपरी भाग, ठोड़ी, स्तनों के बीच, पेट या पीठ पर ज्यादा बाल होना एंड्रोजन के बनने का संकेत देता है। दरअसल, एंड्रोजन मेल हारमोन होता है, जो एड्रिनल द्वारा या कुछ अंडाशय रोगों के कारण िस्त्रयों के शरीर में ज्यादा बनने लगता है। इसे हिरसुटिज्म कहते हैं। इससे मोटापा बढ़ता है, अंडोत्सर्ग में रुकावट पैदा होती है, प्रजनन क्षमता कम होने लगती है अौर चेहरे पर हेअर ग्रोथ की समस्या हो जाती है। यह एड्रिनल, अोवरीज अौर एडिपोज ऊतक में एंड्रोजन के ज्यादा उत्पादन से होता है। अानुवंशिक वजह से भी यह समस्या हो जाती है।
प्रेगनेंसी ः प्रेगनेंसी में टेस्टोस्टेरॉन की मात्रा खुदबखुद ही बढ़ जाती है, जो हिरसुटिज्म की समस्या का रूप ले लेता है। लेकिन बेबी बर्थ के बाद यह समस्या स्वयं दूर हो जाती है।
प्री-मेनोपॉज ः प्री-मेनोपॉजल पीरियड में भी महिलाअों में टेस्टोस्टेरॉन की समस्या का स्तर बढ़ जाता है। इसकी वजह से एंड्रोजन का स्तर असामान्य रूप से बढ़ जाता है, जिससे हिरसुटिज्म की समस्या होती है।
मेडिसिन ः किसी तरह के स्टीरॉयड या बर्थ कंट्रोल पिल्स विद प्रोजेस्टेरॉन के कारण भी हिरसुटिज्म की समस्या हो जाती है। इसके अतिरिक्त हारमोन से जुड़ी अन्य दवाइयों की वजह से भी एेसा होता है।
पीसीअोडी ः कम उम्र की युवतियों के चेहरे पर बालों की समस्या होने की वजह पीसीअोडी है। इस समस्या में एंड्रोजन का स्तर ज्यादा होता है, जिससे अोवेरियन सिस्ट अौर अनियमित पीरियड्स की शिकायत होती है।
अोबेसिटी ः अोबेसिटी का टेस्टोस्टेरॉन हारमोन अौर हिरसुटिज्म की समस्या से सीधा संबंध है। इंसुलिन के ज्यादा होने की वजह से एंड्रोजन ज्यादा बनने लगता है व हिरसुटिज्म का खतरा पैदा होता है।
ट्यूमर ः यह स्थिति किसी हारमोनल असंतुलन या ज्यादा हारमोन के बनने की वजह से शरीर में ट्यूमर के विकसित होने का भी संकेत देती है। ट्यूमर की वजह से पिट्यूटरी ग्लैंड्स प्रभावित होता है। इसके अलावा अंडाशय, पाचन नली अौर फेफड़ों का ट्यूमर भी एंड्रोजन के स्तर के बढ़ते ही बढ़ जाता है। नतीजा, हिरसुटिज्म की समस्या। इसीलिए जैसे ही बॉडी में ज्यादा हेअर ग्रोथ देखें, तो डॉक्टरी सलाह लेने से पीछे नहीं हटें।
अानुवंशिक कारण ः कई बार चेहरे पर जरूरत से ज्यादा बालों की वजह अानुवंशिक भी होती है। लेकिन अगर कुछ हफ्तों में अावाज भारी हो जाए या माहवारी बंद हो जाए, तो डॉक्टर को दिखाएं।
समस्या का समाधान कैसे करें
इस समस्या की सही जानकारी लेने के लिए  डॉक्टर हारमोनल टेस्ट कराते हैं अौर इसे दवाइयों से ठीक करने की कोशिश करते हैं।  
हेअर रिमूविंग ः अस्थायी तौर पर प्रभावित स्थानों की वैक्सिंग नियमित रूप से करवा सकती हैं। कुछ समय तक गौर करें, हेअर ग्रोथ की कितनी मात्रा है। कुछ महिलाएं लेजर हेअर रिमूवल की भी मदद लेती हैं, जिससे उन्हें बार-बार वैक्सिंग ना करवानी पड़े। हेअर ग्रोथ की मात्रा को देखते हुए लेजर हेअर रिमूवर की सिटिंग तय होती है। इसके अलावा थ्रेडिंग अौर इलेक्ट्रोलाइसिस से भी फेशियल हेअर रिमूव किया जा सकता है।
वजन कंट्रोल ः अगर अापका वजन ज्यादा है, तो इसे कंट्रोल करने की कोशिश करें। वेट लॉस डाइट अौर एक्सरसाइज की मदद लें। लेकिन पूरी तरह खाना खाना ना छोड़ें अौर ना ही एक्सरसाइज जरूरत से ज्यादा करें। वजन कंट्रोल करते ही अगर कोई पीसीअोडी की समस्या है, तो वह कंट्रोल में अाने लगेगा। नियमित माहवारी होना शुरू होगी, फीमेल हारमोन्स ठिकाने पर अाने लगेंगे।
अायुर्वेदिक रक्तशोधक दवाएं भी हारमोन्स का संतुलन बनाने में मदद करती हैं।
होममेड फेस पैक ः बेसन, दूध व शहद मिला कर पेस्ट बना कर लगाएं। सिर्फ हल्दी-बेसन जैसे पैक भी भी उपयोगी हैं।
प्राकृतिक ढंग से हारमोनल संतुलन के लिए ः रेड मीट, पैक डेयरी प्रोडक्ट, सोयाबीन ना खाएं। विटामिन अौर मिनरल युक्त अाहार लें। काबुली चने, अलसी, क्विनोअा, अखरोट टेस्टोस्टेरॉन हारमोन को कम करने में मददगार हैं। इन्हें अपने अाहार में शामिल करें।