Wednesday 23 September 2020 04:42 PM IST : By Anu

टेंशन अौर स्ट्रेस से भी होता है एक्ने

सिर्फ बढ़ता पॉल्यूशन अौर हारमोन्स ही नहीं, टेंशन भी एक्ने की वजह होती है। अगर अाप भी इन चारों में से किसी मानसिक विकार से ग्रस्त हैं, तो अापको भी मुहांसे होने का डर ज्यादा रहेगा।


अॉब्सेसिव कम्पल्सिव डिस्अॉर्डर :  इस समस्या को गंभीरता से लें, क्योंकि इसका सीधा ताल्लुक मुंहासों से है। यह बीमारी में जरूरत से ज्यादा साफ-सफाई जुनून ले लेती है। इस अादत से शरीर हमेशा बेचैन रहता है। इस डिस्अॉर्डर पर कई शोध हुए हैं। एक शोध के मुताबिक अॉब्सेसिव कम्पल्सिव डिस्अॉर्डर की समस्या से परेशान नवयुवतियों को मुंहासों की परेशानी होती है, क्योंकि वे तनाव में रहती हैं। दिन में कई बार अपना चेहरा धोती हैं। तरह-तरह के स्किन प्रोडक्ट का इस्तेमाल करती हैं, जो त्वचा को नुकसान पहुंचाते हैं। तनाव से हारमोन्स का असंतुलन भी एक्ने का कारण बनता है।
एंग्जाइटी यानी बैचेनी ः इस तरह की समस्या से पीडि़त युवतियों में घबराहट, पेट में गड़बड़ी, अनिद्रा अौर मांसपेशियों में खिंचाव जैसी स्थिति होती है। 2010 में इंडियन जर्नल अॉफ डर्मेटाेलॉजी में प्रकाशित एक शोध से यह पता चल कि पिंपल्स की गंभीर समस्या से जूझ रहे लोगों में जरूरत से ज्यादा चिंतित रहने की अादत देखी गयी है। रिसर्च के दौरान पिंपल्स के 82 मरीजों में से 68 प्रतिशत बेचैनी अौर डिप्रेशन का शिकार थे।
बॉडी डिस्मॉर्फिक डिस्अॉर्डर ः बॉडी डिस्मॉर्फिक डिस्अॉर्डर एक मानसिक विकार है, जिसमें मरीज खुद को सुंदर दिखने की चाहत में परेशान रहता है। चेहरे की पिंपल्स की वजह से वह कहीं अाने-जाने से कतराता है।
तनाव ः डिप्रेशन या अवसाद जैसी मानसिक समस्या भी एक्ने की वजह बनती हैं। वर्ल्ड हेल्थ अॉर्गेनाइजेशन के मुताबिक 350 मिलियन लोग डिप्रेशन की समस्या से जूझ रहे हैं। 2001 में मुंहासे की शिकायतवाले 50 लोगों पर अाधारित एक शोध में पाया गया कि 38 प्रतिशत लोगों को डिप्रेशन की समस्या थी। अांकड़ों के अाधार पर यह तय किया गया कि मुंहासों से परेशान लोगों के इलाज के समय डॉक्टरों को उनके तनाव की वजह पर भी ध्यान देना चाहिए।