Wednesday 23 September 2020 04:42 PM IST : By Ruby Mohanty

खूबसूरत त्वचा के लिए अासान योगासन

प्रदूषण, तनाव, गलत लाइफस्टाइल से त्वचा समय से पहले ही बूढ़ी दिखने लगती है। कुछ अासन हैं, जिन्हें रोज करने पर त्वचा जवां दिखती है। खास अासन बता रहे हैं योग गुरु अंकुर यादव।

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भुजंगासन
यह अासन पीठ अौर कंधे की अकड़न को कम करता है। दिमाग को रिलैक्स रखता है। त्वचा को मुलायम बनाता है।
कैसे करें ः फर्श पर पेट के बल लेट जाएं। सिर जमीन पर टिका दें। पैर एकदम सीधा रखें। लंबी सांस लें। धीरे से सिर, फिर छाती अौर बाद में पेट को उठाएं। अब शरीर को ऊपर उठाते हुए दोनों हाथों का सहारा ले कर कमर के पीछे की अोर खींचें। फिर धीरे-धीरे अपने पुरानी पोजिशन में वापस अाएं। इससे थकान अौर तनाव से मुक्ति मिलेगी। त्वचा रिलैक्स होगी।

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हलासन
यह अासन करने से ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है। इससे चेहरे पर चमक अाती है।
कैसे करें ः फर्श पर पीठ के बल लेट जाएं। लंबी सांस लेटे हुए पेट की मांसपेशियाें के सहारे अपने पैरों को फर्श से ऊपर उठाएं अौर दोनों पैरों को 90 डिग्री की पोजिशन में रखें। सामान्य सांस लेते हुए अपने कूल्हों अौर पीठ को हाथ की सहायता से फर्श से ऊपर उठाएं। अब अपने पैरों को सिर के ऊपर से ले जाते हुए पैर मोड़ें जब तक कि पैरों की उंगलियां फर्श से नहीं छू जाती हैं। इस प्रक्रिया को धीरे-धीरे अौर अाराम से करें। अब सामान्य अवस्था में अा जाएं। शरीर को थोड़ी देर के लिए रेस्ट दें।

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सर्वांगासन
यह अासन त्वचा को सॉफ्ट बनाता है अौर त्वचा के गड्ढों को भरने में मददगार है।
कैसे करें ः पीठ के बल लेट जाएं, अब दोनों पैरों को मिलाएं। धीरे-धीरे सांस लेते हुए पैरों को ऊपर की अोर उठाएं। ध्यान रहें इसे क्रिया को करते समय पैर एकदम सीधे रहें। अब छाती को ऊपर उठाएं। इसके बाद अपने दोनों हाथों को कोहनी से मोड़ कर कमर पर रखें। इस स्थिति से पैरों को तान कर ऊपर की अोर रखें। वजन सिर्फ कंधों पर होना चाहिए। इसके बाद इस स्थिति में कुछ देर रुकें। फिर शरीर को ढीला छोड़ कर घुटनों को मोड़ धीरे-धीरे शरीर को हथेलियों के सहारे से सामान्य स्थिति में ले अाएं।
 कपालभाति प्राणायाम
कपालभाति सांस लेने की एक क्रिया है, जिसे करने से फेफड़े बिलकुल साफ हो जाते हैं। इस अासन को लगातार करें, तो त्वचा में चमक अाएगी।
कैसे करें ः पद्मासन या वज्रासन में बैठ कर सांसों को बाहर छोड़ें। सांसों को बाहर छोड़ते समय पेट को अंदर की तरफ धक्का देना है। सांस नहीं लेना है, क्योंकि इस खास पोजिशन में सांस अपने अाप ही अंदर चली जाएगी। कपालभाति प्राणायाम करते समय ऐसा सोचना है कि हमारे शरीर की सारी नकारात्मकता त्वचा के द्वारा शरीर से बाहर जा रही है।