नौकरीपेशा हों या खुद का व्यवसाय करते हों, इनकम टैक्स भरने की आखिरी तारीख नजदीक आ रही है। अगर आपने 31 जुलाई तक रिटर्न फाइल नहीं की, तो आपको टैक्स के अलावा 5 हजार तक का फाइन भी भरना पड़ सकता है, क्योंकि सरकार इस तारीख में छूट देने के मूड में नजर नहीं आ रही। जो लोग समय पर टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करते, आयकर विभाग द्वारा उन्हें नोटिस भेज कर समन किया जाता है। इन सब दिक्कतों से बचने के लिए जरूरी है कि समय पर आप अपनी रिटर्न फाइल कर दें।
क्या है टैक्स स्लैब
ढाई लाख तक- कोई टैक्स नहीं
ढाई लाख से 5 लाख तक – कुल इनकम का 5 प्रतिशत ढाई लाख घटा कर
5 लाख से 10 लाख तक – रु 12, 500 + 20 प्रतिशत (कुल इनकम का 5 लाख घटा कर)
10 लाख से ज्यादा - रु 1,12,500 + 30 प्रतिशत (कुल इनकम में से 10 लाख घटा कर)
यह तो हुई मोटी-मोटी बात, इसके अलावा उन लोगों को भी आईटीआर फाइल करनी चाहिए,
- जिनकी कुल इनकम उस फाइनेंशियल इयर में कुल छूट से ज्यादा है। किसी भी व्यक्ति की कुल छूट की यह लिमिट उनकी उम्र पर निर्भर करती है।
- अगर आप ने किसी राष्ट्रीयकृत बैंक या सहकारी बैंक में करंट अकाउंट (चालू खाता) में एक करोड़ या उससे ज्यादा पैसे जमा करवाए हों।
- अगर आपका बिजली का बिल एक बार में एक लाख या उससे ज्यादा आया हो।
- भारत का कोई नागरिक जिसकी विदेशों से इनकम आती हो/विदेशों में कोई प्रॉपर्टी/विदेशों में किसी खाते या कंपनी में आपको साइन करने का अधिकार है।
- घर या किसी और तरह की प्रॉपर्टी के किराए से इनकम होती है।
- किसी भी तरह का कैपिटल एसैट यानी कि प्रॉपर्टी खरीदने से होने वाले नफे नुकसान को भी इनकम की श्रेणी में गिना जाएगा।
इन गलतियों से बचें
आईटीआर फाइल करते समय गलत फॉर्म भरना।
गलत इंफॉर्मेशन भरना
एसेसमेंट इयर गलत भरना।
गलत सोर्स ऑफ इनकम बताना।
टीडीएस के विवरण में गलती होना।
रिटर्न भरने में देरी होना। इससे आपका रिफंड आने में भी देरी होगी।