Monday 05 June 2023 12:44 PM IST : By Ruby Mohanty

मिलिए, पर्यावरण के प्रहरियों से...

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ये हैं शगुन सिंह, यह माउंटेन वॉकर हैं। महानगर की चकाचौंध, भागदौड़ और दूषित वातावरण को ऊब कर उन्होंने उत्तराखंड की ओर रुख किया। मिट्टी के घर में रहीं, आज वे उत्तराखंड में गीली मिट्टी फार्म चला रही हैं। मिट्टी के घर में क्याें रहना चाहिए और इसके क्या फायदे है, पर काम रही हैं। इन्हें बचपन से मिट्टी की सुगंध बहुत अच्छी लगती थी। वे 10 साल तक कार्पोरेट दुनिया से जुड़ी रहीं, लेकिन बहुत जल्दी अहसास हुआ कि उन्हें दुनिया घूमनी चाहिए। वे पहाड़, जंगल, गांव, किसानों के बीच घूमीं और महसूस किया कि हम पैसों के पीछे भाग रहे हैं, लेकिन असल बात यह है कि हम नेचर को खो रहे हैं, उससे दूर हो रहे हैं। हमारे पास स्वच्छ पानी, रसायन मुक्त खाना और ताजी हवा नहीं है। लोगों को सीख देने के लिए शगुन मिट्टी के घर बनाती हैं, उसके अच्छे असर के बारे में लोगों को प्रेरित करती हैं।

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प्रतिभा विकास साहनी, गुरुग्राम में ऑर्गेनिक फार्मर है। अपनी महिला टीम के साथ नेचुरल फार्मिंग करती हैं। उनका मानना है, अगर हमें अपने देश को आगे ले कर जाना है, तो खुद ग्राउंड लेवल पर काम करने की जरूरत है। रसायन से सेहत पर होनेवाले बुरे असर को देखते हुए हमें नेचुरल फार्मिंग पर काम करना चाहिए। हम जो कुछ भी खा रहे हैं, वह सब केमिकल युक्त है। लेकिन जो हम खेती करते हैं, उसमें रसायन नहीं होते। गोबर और गोमूत्र का इस्तेमाल खेतों में होता है। महिलाओं को किचन के वेस्ट प्रोडक्ट्स से खाद तैयार करना सिखाते हैं। प्रतिभा अपनी टीम के साथ पेड़ भी लगाती हैं। उनके साथ 600 से अधिक लोग जुड़ गए हैं।

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समीरा सतिजा, एक गैरलाभकारी संस्था अस्तित्व से जुड़ी हैं। वह सिटीजन वॉलंटियर के साथ-साथ हरियाणा में वेस्ट मैनेजमेंट भी कर रही हैं। वे इस संस्था में लोगों से और टेलर से बचे कपड़े ले कर आते हैं और उसे अपसाइकिल करते हैं। इस प्रक्रिया में लगभग 10000 किलो फैब्रिक लैंडफिल में जाने से बच जाता है। पूरे भारत में उनकी लगभग 39 टीमें हैं, जिनके सहयोग से 7,00,000 सिंगल यूज प्लास्टिक आइटम प्रयोग से बच जाते हैं। इनकी टीम का बरतन बैंक काफी उपयोगी सराहनीय है। समीरा का कहना है, हर महिला में एक मां छिपी रहती है, पर्यावरण प्रदूषित होगा, तो सबसे पहला असर मां पर होगा। इसीलिए हर महिला की जिम्मेदारी है कि वे पर्यावरण के लिए काम करें। इसके अलावा उनका क्रॉकरी बैंक भी है। लोग अपने गेट टू गेदर में प्लास्टिक डिस्पोजेबल क्रॉकरी का इस्तेमाल ना करें, इसीलिए वह स्टील के क्रॉकरी उपलब्ध कराती हैं।