Friday 10 September 2021 02:41 PM IST : By Nishtha Gandhi

शुभ हैं गणेश

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विघ्नहर्ता गणेश को पूरे भारत में किसी ना किसी रूप में पूजा जाता है। महाराष्ट्र में तो गणेशोत्सव की बात ही अलग है। अब तो यह पूरे भारत में मनाया जाने लगा है। गणपति विसर्जन के दिन लोग रो-रो कर गणपति को अपने घर से विदा करते हैं। वास्तु एक्सपर्ट दिनेश अतरीश के अनुसार, ‘‘गणेश की प्रतिमा घर में रखना काफी शुभ माना जाता है। जिस घर में वास्तु दोष दूर करना मुश्किल हो, वहां पर गणेश जी की 2 मूर्तियां पीठ से पीठ मिला कर रख देनी चाहिए। इससे घर और काम में आने वाली सारी बाधाएं दूर होती हैं। इनमें से एक मूर्ति का मुंह उत्तर की ओर और दूसरी मूर्ति का मुंह दक्षिण की ओर होना चाहिए।’’

गणेश की सूंड़ बायीं तरफ होनी चाहिए, जो उनके बाएं हाथ में पकड़े लड्डू पर टिकी हो। साथ में मूषक का होना बहुत जरूरी है। इससे घर में बरकत होती है और मन में संतुष्टि का भाव रहता है। 

ऑफिस में अगर मूर्ति लगानी हो, तो ऐसी होनी चाहिए, जिसमें सूंड़ लड्डू से हटी हुई हो। इससे बिजनेस में फायदा होता है।

ऑफिस में गणेश की खड़ी हुई प्रतिमा होनी चाहिए। यह ऊर्जा और उत्साह की प्रतीक है, जबकि घर में बैठी हुई प्रतिमा रखें।

बायीं ओर चंद्र नाड़ी होती है, जो गणेशजी का सौम्य रूप माना जाता है, जबकि दायीं ओर सूर्य नाड़ी होती है। ऐसे में गणेशजी को प्रसन्न करना आसान नहीं होता। ऐसी स्थिति में आपको कई नियमों का पालन करना पड़ता है, जो आज के समय में मुमकिन नहीं है।

घर में या पूजा घर में गणेश जी की 2 से ज्यादा मूर्तियां कभी नहीं रखनी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इससे उनकी दोनों पत्नियां ऋद्धि और सिद्धि अप्रसन्न हो जाती हैं।

गणेशजी की मूर्ति को लकड़ी की चौकी या मेज पर रखें और उनके पैरों के पास चावल से भरा एक कटोरा भी रखें। इससे घर में खुशहाली आएगी और धन लाभ होगा।

घर में खुशहाली, शांति और बरकत लाने के लिए गणेशजी की सफेद प्रतिमा रखें।

जो लोग जीवन में तरक्की चाहते हों, वे सिंदूरी रंग की गणेश प्रतिमा घर में लाएं। सिंदूरी रंग आत्मिक शुद्धि का प्रतीक है। 

गणेशजी की मूर्ति पर हमेशा मुकुट होना चाहिए। जिस मूर्ति या तसवीर में मुकुट ना हो, उसे रखना अशुभ माना जाता है।

इन बातों के अलावा गणपति की मूर्ति की बनावट कुछ और बातें भी सिखाती है-

गणेश का बड़ा सिर उनकी बुद्धिमत्ता और दूरदृष्टि का प्रतीक है। यह हमें जीवन में बड़ा सोचने और अपनी सोच को पॉजिटिव बनाए रखना सिखाता है। ऐसा करने से हमारे शरीर में भी पॉजिटिव केमिकल रिएक्शन होते हैं, जो जीवन में खुशी बढ़ाते हैं और हमें संतुष्ट रखते हैं।

गणेश जी की छोटी अांखें हमें मन एकाग्र करना सिखाती हैं। बेकार की बातों पर ध्यान ना दे कर काम की चीजों पर ध्यान लगाने से हम तनाव, चिंता और घबराहट से मुक्त रहते हैं।

बड़े कान यानी दूसरों की बात को ध्यान से सुनना और फिर अपनी बुद्धि से उस जानकारी को अपने भले के लिए इस्तेमाल करना। छोटा मुंह यह सिखाता है कि हम भी कम बोलें।