Monday 14 November 2022 03:02 PM IST : By Nishtha Gandhi

कहीं दिल पर असर तो नहीं डाल रही है डाइबिटीज

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पिछले कुछ समय से हार्ट अटैक के कारण होने वाली मौतों के मामलों में बहुत तेजी से बढ़ोतरी है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि जिन लोगों को डाइबिटीज की शिकायत होती है, उनमें हृदय रोग होने की संभावना दोगुणा तक बढ़ जाती है। मुंबई के क्रिटीकेअर मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में पल्मोनोलॉजिस्ट व कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. दीपक नामजोशी से जानें डाइबिटीज और दिल के रोगों का क्या है आपसी कनेक्शन

डाइबिटीज हार्ट पर कैसे असर डालती है

डाइबिटीज के मरीजों में कोरोनरी हार्ट डिजीज के मामले सबसे ज्यादा देखे जाते हैं। ऐसे लोगों के दिल की धमनियों में फैट जमा होने लगता है, जिससे धमनियां सख्त हो जाती हैं। ऐसी स्थिति में लोगों को बिना किसी लक्षण के साइलेंट हार्ट अटैक या फिर माइल्ड हार्ट अटैक का सामना करना पड़ता है। टाइप -2 डाइबिटीज जिसे डाइबिटीज मेलाइटस भी कहा जाता है आमतौर आनुवंशिक या गलत लाइफस्टाइल से जुड़ी होती है। यह एक क्रोनिक डिजीज है, जिसमें शरीर में पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन को संचरण करने की क्षमता कम हो जाती है। ऐसे लोगों में भी हार्ट से जुड़ी दिक्कतें या मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है।

ना सिर्फ टाइप -2 डाइबिटीज के मरीजों बल्कि टाइप -1 डाइबिटीज के रोगियों में कॉर्डियोवैस्कुलर बीमारियां जैसे हार्ट अटैक, स्ट्रोक और कोरोनरी आर्टरी डिजीज का खतरा आम लोगों के मुकाबले में ज्यादा होता है। इसके अलावा जिन्हें डाइबिटीज होती है, वे लोग अगर स्मोकिंग या अल्कोहल ज्यादा लेने के आदी होते हैं, तो उनमें हार्ट संबंधी समस्याओं के अलावा किडनी रोग और अन्य गंभीर बीमारियां होने लगती हैं।

एक्सपर्ट्स व कई अध्ययनों को सच मानें, तो डाइबिटीज के रोगी अन्य लोगों के मुकाबले 4 गुणा ज्यादा हार्ट फेलियर के शिकार होते हैं। इस अध्ययन के मुताबिक डाइबिटीज, बढ़ती उम्र, इंसुलिन रेसिस्टेंज में कमी, क्रेटिनिन का स्तर बढ़ना ये सभी स्थितियां हार्ट फेलियर के रिस्क बढ़ाती हैं।

कैसे बचें इस स्थिति से

डाइबिटीज की कुछ दवाएं हार्ट पर असर डालती हैं, जिससे अनियमित हार्ट रेट जैसी समस्याओं में भी बढ़ोतरी होती है। ऐसे में अगर आप बॉडी में ग्लूकोज लेवल कम करने वाली दवाएं ले रहे हों, तो कार्डियोलॉजिस्ट से संपर्क जरूर करें और उन्हीं की सलाह पर दवाएं लें। डाइबिटीज के जिन रोगियों को हार्ट डिजीज हो, तो उसे कंट्रोल करने के लिए मल्टीडिसीप्लीनरी अप्रोच की जरूरत होती है। इसके अलावा अगर आप डाइबिटीज की समस्या से जूझ रहे हों, तो हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं, नियमित एक्सरसाइज, हेल्दी डाइट के जरिए अपना ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रखें।